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सड़क किनारे सरकारी जमीन पर कब्जा करने पर होगी जेल

कार्यपालक अभियंता को एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश पटना : सड़क किनारे की खाली सरकारी जमीन को कब्जा करने का प्रयास अब महंगा होगा. सरकारी जमीन पर कब्जा किये तो अब जेल की हवा खानी होगी. सरकार ने सड़क किनारे की खाली जमीन पर होनेवाले अतिक्रमण को लेकर सख्त रवैया अख्तियार किया है. पथ निर्माण […]

कार्यपालक अभियंता को एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश

पटना : सड़क किनारे की खाली सरकारी जमीन को कब्जा करने का प्रयास अब महंगा होगा. सरकारी जमीन पर कब्जा किये तो अब जेल की हवा खानी होगी. सरकार ने सड़क किनारे की खाली जमीन पर होनेवाले अतिक्रमण को लेकर सख्त रवैया अख्तियार किया है. पथ निर्माण विभाग ने सड़क किनारे की सरकारी जमीन पर किसी भी व्यक्ति या संस्था की ओर से स्थायी अतिक्रमण करने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेगी. कार्यपालक अभियंता को एफआईआर दर्ज करने को कहा गया है.
साथ ही ऐसा करनेवाले पर अंचल अधिकारी के न्यायालय में बिहार लोक भूमि अतिक्रमण के अंतर्गत मुकदमा दायर किया जायेगा. हाइकोर्ट के निर्देश पर पथ निर्माण विभाग ने नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे व जिला सड़कों के किनारे खाली सरकारी जमीन पर स्थायी अतिक्रमण की रोकथाम व प्रबंधन के संबंध यह आदेश जारी किया है. इस संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक कर निर्णय लिया गया.
कार्यपालक अभियंता की है मुख्य जिम्मेदारी
सड़क किनारे की सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की रोकथाम व अतिक्रमण हटाने की मूल जिम्मेदारी कार्यपालक अभियंता व उनके अधीनस्थ पदाधिकारियों की है. सभी कार्यपालक अभियंता को अपने-अपने क्षेत्र में पड़ने वाली जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. किसी भी व्यक्ति या संस्था की ओर से स्थायी अतिक्रमण करने पर कार्यपालक अभियंता ऐसे लोगों पर एफआईआर कर सकते हैं. स्थानीय थाना के सहयोग से उन लोगों पर कार्रवाई की जायेगी. कार्यपालक अभियंता को अपने-अपने प्रमंडल क्षेत्र में विभाग की सरकारी जमीन का रजिस्टर तैयार करना है. कार्यपालक अभियंता की ओर से तैयार रजिस्टर को अधीक्षण अभियंता अपने स्तर से मेंटेन करेंगे. अधीक्षण अभियंता संबंधित जानकारी मुख्य अभियंता या मुख्य अभियंता (मॉनीटरिंग) को देंगे. मुख्य अभियंता (मॉनीटरिंग) मुख्यालय स्तर पर उसे देखेंगे.
स्थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमण
अक्सर देखा जाता है कि सड़क किनारे की खाली सरकारी जमीन पर स्थानीय लोगों की ओर से अतिक्रमण किया जाता है. यहां तक कि सड़क किनारे सरकारी जमीन पर स्थायी अतिक्रमण खासकर मकान बनाने सहित अन्य निर्माण काम करा लिया जाता है. इससे सड़क किनारे लोगों की संख्या बढ़ने पर दुर्घटना की भी संभावना बनी रहती है. दुर्घटना के बाद धरना भी होता है. इस वजह से सरकारी भूमि पर स्थायी अतिक्रमण पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है. पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने सरकारी जमीन पर स्थायी अतिक्रमण के रोकथाम व प्रबंधन के संबंध में निर्देश जारी किया है.

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