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पीएमसीएच में मानवता हुई शर्मसार, स्ट्रेचर नहीं मिला तो एक बेटा मां को कंधे पर भर्ती कराने ले गया

पीएमसीएच में एक बार फिर मानवता के साथ ही डॉक्टरों की कर्तव्य परायणता शर्मसार हुई. जहां एक ओर रात भर लाश रखी रही, वहीं दूसरी ओर स्ट्रेचर नहीं मिलने से एक बेटा मां को कंधे पर ही भर्ती कराने ले गया. पटना : मरचुरी में लाश पड़ी हुई थी, बहार परिजन मातम मना रहे थे. […]

पीएमसीएच में एक बार फिर मानवता के साथ ही डॉक्टरों की कर्तव्य परायणता शर्मसार हुई. जहां एक ओर रात भर लाश रखी रही, वहीं दूसरी ओर स्ट्रेचर नहीं मिलने से एक बेटा मां को कंधे पर ही भर्ती कराने ले गया.
पटना : मरचुरी में लाश पड़ी हुई थी, बहार परिजन मातम मना रहे थे. सभी के आंखों में आंसू थे और इंतजार भी कि डॉक्टर साहब आयेंगे और शव का पोस्टमार्टम और फिर वे दिखी मन से वापस लौट जायेंगे. लेकिन यह क्या जिस डॉक्टर को पोस्टमार्टम करना था वह अपने ड्यूटी पर था ही नहीं.
नतीजा रात भर शव पीएम हाउस में ही पड़ी रही. वहीं जब परिजनों ने शिकायत की तो अस्पताल प्रबंधन ने आनन-फानन में डॉक्टर की व्यवस्था की तब कहीं जाकर शव का पोस्टमार्टम हो पाया.
पीएमसीएच का यह वाकया शुक्रवार का है. जिस डॉक्टर की ड्यूटी लगायी गयी तो वह समय पर पहुंच नहीं पाये थे. उनके इंतजार में शव को घंटों पोस्टमार्टम के पास रख दिया गया. परिजनों ने विक्रम विधायक को फोन किया, विधायक सिद्धार्थ कुमार का प्रिंसिपल के पास फोन आया तो इसके बाद सुबह 11 बजे शव का पोस्टमार्टम किया गया.
बोले अधिकारी डॉक्टर से मांगा है जवाब
शव देर शाम आयी थी, इस लिए रात को पोस्टमार्टम नहीं हो पाया. हालांकि जैसे ही मुझे सूचना मिली मैंने तुरंत सुबह सबसे पहले पोस्टमार्टम कराने का आदेश जारी हुआ. परिजनों की परेशानी को देखते हुए मैंने तुरंत ड्यूटी से गायब डॉक्टर से स्पष्टीकरण मांगा. इतना ही नहीं मैंने तुरंत प्रधान सचिव को भी सूचना दे दी है. अगर जवाब सही नहीं मिला तो नियमानुसार कार्रवाई करूंगा.
डॉ विजय कुमार गुप्ता, प्रिंसिपल पीएमसीएच
स्ट्रेचर का पता नहीं
बीमार मां को कंधे पर रख 400 मीटर पैदल इमरजेंसी वार्ड पहुंचा बेटा
चंपा के बेटे जितेंद्र की मानें तो वह ट्राॅली व स्ट्रेचर तक गुहार लगाता रहा, लेकिन कोई साधन नहीं मिला. इस पर उसने अपनी मां को गोद में उठा कंधे के सहारे इमरजेंसी वार्ड ले गया. इस दौरान वह पीएमसीएच के कई अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यालय के सामने से गुजरा, लेकिन किसी की नजर उस पर नहीं पड़ी.
किडनी की बीमारी
चंपा देवी की हालत बहुत गंभीर है और वह किडनी रोग से ग्रसित है. परिजनों का कहना है कि बाढ़ के ही एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराया गया, लेकिन हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने पीएमसीएच रेफर कर दिया. जैसे-तैसे परिजन पीएमसीएच ले आये, लेकिन यहां स्ट्रेचर और ट्रॉली नहीं होने से इमरजेंसी तक पैदल ले जाया गया. डॉक्टरों ने हालत गंभीर बतायी है.मरीजों के लिए ई रिक्शा और स्ट्रेचर आदि नि:शुल्क उपलब्ध हैं. जिस मरीज को स्ट्रेचर क्यों नहीं मिला. पता लगा रहा हूं, कार्रवाई होगी.
डॉ आरके जैमयार, उपाधीक्षक, पीएमसीएच
बॉयोमीटरिक मशीन में बस हाजिरी लगाकर
भाग रहे पीएमसीएच के डॉक्टर, 8 पकड़े गये
पीएमसीएच के अधिकांश डॉक्टर नियमों से बचने के लिए नया तरीका अख्तियार कर लेते हैं. इस तरह का मामला शुक्रवार को फिर से सामने आया. पीएमसीएच के तीन विभाग में आठ ऐसे डॉक्टर हैं जो बॉयोमीटरिक मशीन में हाजिरी लगा कर वहां से भाग जाते हैं और अपने अस्पताल में मरीजों का इलाज करते हैं. यह मामला पीएमसीएच के प्रिंसिपल ने रंगे हाथ पकड़ा.
निरीक्षण में डॉक्टर मिले गायब
पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ विजय कुमार गुप्ता शुक्रवार को दोपहर औचक निरीक्षण करने निकले. उन्होंने एनेस्थेसिया, सर्जरी और मेडिसिन विभाग का निरीक्षण किया. औचक निरीक्षण में आठ डॉक्टर गायब मिले. मजे की बात तो यह है कि सभी डॉक्टरों ने बॉयोमीटरिक मशीन में अपनी हाजिरी भी लगा रखी थी. इनमें मेडिसिन विभाग के पांच, एनेस्थेसिया के दो और सर्जरी के एक डॉक्टर शामिल हैं.
क्या कहते हैं प्रिंसिपल
लगातार डॉक्टरों के गायब होने की सूचना मिल रही थी, इसको देखते हुए मैंने शुक्रवार को औचक निरीक्षण किया. इसमें तीन विभाग के आठ डॉक्टर गायब मिले. इन डॉक्टरों के जिम्मेदार विभागाध्यक्षों से इनके बारे में पूछताछ की. साथ ही इनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है. अगर गबड़बड़ी मिली तो नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.
डॉ विजय कुमार गुप्ता, प्रिंसिपल पीएमसीएच.
पीएमसीएच की व्यवस्था होगी दुरुस्त : नंदकिशोर
विधानसभा में शुक्रवार को प्रभारी स्वास्थ्य मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच को विश्वस्तरीय बनाया जायेगा. इस दिशा में काम शुरू हो गया है. वहां पर इतने बेड की व्यवस्था हो रही है कि किसी को कोई परेशानी नहीं होगी. जदयू के श्याम रजक के अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में यादव ने सदन में यह जानकारी दी.
श्याम रजक ने पूछा कि राज्य में स्वास्थ्य विभाग की ओर से मलेरिया, फलेरिया, कालाजार और कुष्ट रोग के नियंत्रण के लिए जो कार्यक्रम चलाया जा रहा है उसके कार्यक्रम पदाधिकारी सामान्य चिकित्सक हैं. इस पर यादव ने कहा कि इन पदों पर सामान्य चिकित्सक अवश्य तैनात हैं लेकिन ये काफी वरिष्ठ व अनुभवी हैं.

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