पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र के ज्ञान भवन में कृषि वानिकी समागम कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर विधिवत उदघाट्न किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मैं सबसे पहले वन एवं पर्यावरण विभाग को इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई देता हूं. इस कार्यक्रम में विमर्श का आयोजन किया गया है, जिससे कृषि वानिकी नीति तैयार करने में काफी मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में वन क्षेत्र काफी कम है. देश के क्षेत्रफल का 3.6 प्रतिशत हिस्सा बिहार का है, जबकि देश की आबादी का 8.6 प्रतिशत हिस्सा बिहार में निवास करता है. आम धारणा है कि प्लेन लैंड में 20 प्रतिशत वन क्षेत्र होना चाहिए. लेकिन हमारे यहां उस लिहाज से मीन की कमी है। राज्य में 8 प्रतिशत से वन क्षेत्र कम था.
उन्होंनेकहा कि बंटवारे के बाद बिहार में राज्य के बिहार–झारखंड के सीमावर्ती जिले एवं चंपारण इलाके में ही वन क्षेत्र रहे थे. राज्य में हरित आवरण बढ़ाने के लिए सरकार ने काफी काम किया है. पहले जब सर्वे कराया गया था तो हरित आवरण लगभग 9.7 प्रतिशत था, जिसे 2017 में 15 प्रतिशत तक पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया. इसके लिए हरियाली मिशन की शुरुआत की गयी. सड़क के दोनों तरफ, बांध, नहर, सार्वजनिक स्थलों एवं सरकारी आवास के आस पास वृक्ष लगाने के लिए काम किया गया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बिहार में औसतन 1200 से 1500 मिमी वर्षा होती थी, यह आज भी माना जाता है परन्तु वास्तविक स्थिति यह है कि बिहार में 800 से 900 मिमी के बीच वर्षा होती है. वर्षा पात की गणना कराने की आवश्यकता है. राज्य में अति वृष्टि के कारण बाढ़ नहीं आती बल्कि नेपाल, उत्तराखंड एवं मध्यप्रदेश में वर्षा के कारण बाढ़ आती है. राज्य में बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति बने रहने के लिए पर्यावरण असंतुलन प्रमुख कारण है. अत: वृक्षा रोपण के द्वारा हरित आवरण क्षेत्र बढ़ाकर पर्यावरण संतुलन किया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि —षि वानिकी को प्रोत्साहन देने के लिए अनेक काम किये गये. पौधारोपण के लिए योजना बनी. पौधे की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी, इसके लिए बाहर से भी पौधा मंगायी गयी फॉरेस्ट साइंस अॉफ इंडिया के साथ राज्य के हरित आवरण के आंकलन के लिए समझौता किया गया है. हमलोगों ने 15 प्रतिशत के हरित आवरण के लक्ष्य को लगभग प्राप्त कर लिया है और 17 प्रतिशत के लक्ष्य को भी प्राप्त कर लेंगे.
कार्यक्रम के बाद पत्रकारों के प्रश्नों के जवाब में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम मानते हैं कि जवान शहीद हुए हैं आतंकियों का मुकाबला करते हुए। देश के लिये उन्होंने अपना प्राण न्योक्षावर किया है. मैं उनके प्रति अपनी श्रद्धा निवेदित करता हूं. उनके परिवार के साथ पूरा बिहार है और जो कुछ भी हमलोगों से संभव है हम सब उनके परिवार की सहायता भी करेंगे. राज्य सरकार की तरफ से मैं उनका वंदन करता हूं, वे देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए हैं. यह उनकी शहादत है.
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