27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

इंटर की परीक्षा आज से, 12 लाख परीक्षार्थी होंगे शामिल

इंटरमीडिएट की परीक्षा मंगलवार से शुरू हो रही है. यह परीक्षा केवल प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों की ही नहीं है बल्कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की भी है. बिहार बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा में सेंटिंग से फर्जी टॉपर बनने के कई किस्से राज्य को बदनाम कर चुके हैं. हालांकि इस बार ऐसी गड़बड़ियों पर भी […]

इंटरमीडिएट की परीक्षा मंगलवार से शुरू हो रही है. यह परीक्षा केवल प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों की ही नहीं है बल्कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की भी है. बिहार बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा में सेंटिंग से फर्जी टॉपर बनने के कई किस्से राज्य को बदनाम कर चुके हैं.
हालांकि इस बार ऐसी गड़बड़ियों पर भी शिकंजा कसने की उम्मीद है. इस बार बोर्ड ने पिछले वर्ष से भी अधिक सख्ती बरतने की तैयारी की है. बोर्ड की ओर से भी इस बार कदाचार मुक्त परीक्षा कराने के साथ ही स्वच्छ व साफ रिजल्ट दिये जाने की व्यवस्था की गयी है.
पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की इंटरमीडिएट की परीक्षा मंगलवार से शुरू हो रही है. इसके लिए पूरे राज्य में कुल 1384 परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं. इनमें छात्र व छात्राओं के अलग-अलग केंद्र हैं. छात्रों के केंद्र पर पुरुष व छात्राओं के केंद्र पर महिला वीक्षको की प्रतिनियुक्ति की गयी है. सभी वीक्षकों की प्रतिनियुक्ति रेंडमाइजेशन के आधार पर की गयी है.
इस बार परीक्षा के लिए कुल 12 लाख 7 हजार 986 विद्यार्थियों ने परीक्षा फार्म भरा है, इनमें 7 लाख 19 हजार 848 छात्र व 4 लाख 88 हजार 130 छात्राएं शामिल हैं. मंगलवार को पहली पाली में बायोलॉजी व इंटरप्रेनियोरशिप और दूसरी पाली फिलॉसफी व राष्ट्रभाषा हिंदी की परीक्षा होगी. यह जानकारी बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने देते हुए बताया कि सभी केंद्रों पर निर्धारित समय से परीक्षा आरंभ होगी. परीक्षा में कदाचार अथवा गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर संबंधित परीक्षार्थी के अलावा केंद्राधीक्षक व वीक्षक के खिलाफ भी कार्रवाई तय है.
उन्होंने बताया कि 25 परीक्षार्थी पर एक वीक्षक होंगे. परीक्षा कक्ष में वे परीक्षार्थी की जांच कर, रिपोर्ट देंगे. रिपोर्ट में गड़बड़ी पायी गयी तो वीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. वहीं परीक्षार्थी के पास पुर्जा आदि पाया जाता है, तो उसे निलंबित किया जायेगा. विचार करने के पश्चात उसे निष्कासित भी किया जा सकता है. इसके अलावा सभी परीक्षा केंद्रों पर 200 मीटर की परिधि में धारा-144 लागू कर दी गयी है. अत: अनाधिकृत प्रवेश वर्जित होगा.
सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होगी परीक्षा, गैजेट पर रहेगी नजर: उन्होंने बताया कि सभी केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में परीक्षा होगी. इसकी वीडियोग्राफी भी होगी. इसके लिए 500 परीक्षार्थियों पर एक वीडियोग्राफर की व्यवस्था की गयी है.परीक्षा केंद्रों पर मोबाइल अथवा कोई भी इलेक्ट्रॉनिकट गैजेट लेकर जाने पर रोक लगायी गयी है.
सभी जिलों में पहुंची परीक्षा सामग्री: श्री किशोर ने बताया कि अटेंडेंस शीट, रौल शीट, केंद्राधीक्षक नियुक्ति पत्र समेत सभी परीक्षा सामग्री सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालयों में उपलब्ध करा दी गयी है. केंद्राधीक्षक वहां से सामग्री प्राप्त कर निर्धारित समय से परीक्षा का संचालन सुनिश्चित करेंगे.
– कंट्रोल रूम में दर्ज कराएं सूचना या शिकायत : परीक्षा को लेकर बोर्ड कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिसने सोमवार से काम करना शुरू कर दिया. राजधानी समेत राज्य भर के किसी भी हिस्से में किसी तरह की शिकायत या संबंधित सूचना है, तो कंट्रोल रूम में दर्ज करायी जा सकती है. इसके लिए बोर्ड ने ई-मेल पता, टेलीफोन व फैक्स नंबर जारी किया है.
– ई-मेल : coe.i-terbseb@gmail.com
केंद्राधीक्षक व परीक्षार्थियों से संबंधित दिशा-निर्देश
पहली जांच परीक्षा केंद्र के मुख्य द्वार पर पुलिस के जवान व कर्मी करेंगे, उसके बाद परीक्षा कक्ष में वीक्षक जांच (तलाशी) लेंगे
अंत में एडमिट कार्ड में सुधार से संबंधित परीक्षार्थियों में यदि किसी के रौल शीट या सब्जेक्ट कोड या अन्य विवरण में मिस मैच हो तो भी परीक्षा में बैठने की अनुमति मिलेगी, केंद्राधीक्षक अलग से उसकी रिपोर्ट बोर्ड को देंगे
किसी परीक्षार्थी का एडमिट कार्ड गुम हो गया हो, तो अटेंडेंस शीट व रौल शीट से पहचान कर परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जायेगी
इन दो जैसे दागों को धोने की चुनौती
– हेरा फेरी से फेल प्रियंका ने हार नहीं मानी, बनी टॉपर
प्रियंका सिंह ने 2017 की मैट्रिक परीक्षा सहरसा के डीडी हाइ स्कूल, सड्डिहा से दी. उसका रिजल्ट आया तो वह सदमे में आ गई. बोर्ड के रिजल्ट में वह फेल थी. उसे संस्कृत में मात्र 9 अंक मिले थे़ उसे साइंस में मिला अंक भी कम लग रहा था. अभिभावकों की सहमति से उसने आंसर-शीट की स्क्रूटनी के लिए फार्म भरा तो बोर्ड ने नो चेंज बताते हुए फिर से फेल करार दे दिया.
तब प्रियंका ने हाई कोर्ट की शरण ली. उसके बाद संस्कृत व साइंस की आंसर शीट बोर्ड ने दिखायी, लेकिन वह कॉपी प्रियंका की लिखी हुई नहीं थी. तब कोर्ट ने बोर्ड को वास्तविक आंसर शीट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. बोर्ड ने उच्चस्तरीय जांच करायी. तब पता चला कि प्रियंका की आंसर शीट में बार कोडिंग गलत तरीके से हुई. प्रियंका की आंसर-शीट से दूसरी फेल छात्रा को पास कर दिया गया था. प्रियंका पास से फेल कर दी गयी थी.
– गणेश कुमार ने कम उम्र दिखा कर दोबारा दी परीक्षा
पिछले वर्ष आर्ट्स परीक्षा में 1990 में मैट्रिक की परीक्षा पास करने वाले 42 वर्षीय गणेश ने उम्र कम दिखाकर दोबारा 12वीं की बोर्ड परीक्षा दी थी और टॉप कर गया. गणेश कुमार ने 1990 में मैट्रिक की परीक्षा सीआरएस स्कूल सरिया गिरिडीह (अविभाजित बिहार) से दी थी. वर्षों बाद अपनी जन्मतिथि 2 जून 1993 दिखाकर उसने बिहार के समस्तीपुर से मैट्रिक की परीक्षा दी.
प्रमुख दिशा-निर्देश व व्यवस्था
-नेत्रहीन परीक्षार्थियों को लेखक उपलब्ध कराये जायेंगे, लेखक नॉन-मैट्रिक होंगे
-सभी जिला पदाधिकारी व पुलिस अधीक्षक संबंधित जिला स्थित परीक्षा केंद्रों का लेंगे जायजा
-आवश्यकता के अनुसार पुलिस बल, होम गार्ड व जिलों में नियुक्ति कांस्टेबल की प्रतिनियुक्ति
-अनुमंडल स्तर पर हो रिजर्व पुलिस बल की तैनाती
-25 परीक्षार्थी पर तैनात रहेंगे एक वीक्षक
रिजल्ट बतायेगा बदलाव का परिणाम
पटना : इस बार बोर्ड ने कदाचारमुक्त परीक्षा संपन्न कराने से लेकर स्वच्छ रिजल्ट देने तक की घोषणा की है. लेकिन पिछले दो साल के दौरान इंटरमीडिएट परीक्षा में टॉपर्स घोटाला प्रकाश में आता रहा है. इन घोटालों में सेटिंग की पोल खुलती रही है, जिससे स्पष्ट होता रहा है कि लाख पाबंदी के बावजूद सेटिंग के खेल पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. अपने विषय की जानकारी नहीं रखनेवाले विद्यार्थी भी टॉपर बनते रहे हैं.
– पास प्रतिशत बढ़ाने की कवायद
इस बार बिहार बोर्ड ने प्रश्नपत्र के पैटर्न में बदलाव किया है. बोर्ड की मानें, तो इससे पास होनेवाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ेगी और विद्यार्थियों के प्राप्तांक का प्रतिशत भी बढ़ेगा. रिजल्ट बेहतर होने से यहां के विद्यार्थियों को बड़े उच्च शिक्षण संस्थानों में एडमिशन मिलने में सहूलिय होगी. लेकिन दूसरी ओर इससे देखा जाये, तो इससे बिहार बोर्ड अपनी किरकिरी होने से भी बच जायेगा.
– वीक्षक उसी स्कूल के रहे
प्रैक्टिकल परीक्षा में धांधली कर गणेश राय के अधिक अंक दिये जाने को देखते हुए इस बार बिहार बोर्ड ने प्रैक्टिकल परीक्षा में भी एक दूसरे स्कूल-कॉलेज में परीक्षा केंद्र बनाने की घोषणा की थी. लेकिन कई स्कूलों में स्थिति इसके विपरीत नजर आयी. सेंटर तो चेंज कर दिया गया,लेकिन वीक्षक उसी स्कूल के टीचर बनाए गए, जिनके विद्यार्थी वहां प्रैक्टिकल परीक्षा दे रहे थे.
उठ रहे सवाल
जब स्कूलों में पूरे साल पढ़ाई ही नहीं हुई
बिहार बोर्ड
बिना पढ़ाई के ही परीक्षाओं के परिणाम
को सफल बनाने की कोशिश में जुट गया है. इसके लिए परीक्षा पैटर्न से लेकर कदाचार मुक्त परीक्षा लेने की पूरी
तैयारी भी है. इसी
तैयारी के साथ मंगलवार को इंटर 2018 की परीक्षा शुरू हो रही है. अलबत्ता बिना समुचित पढ़ाई के हो रही परीक्षा में रिजल्ट सुधार लाने की सारी तैयारियाें पर पानी भी फिर सकता है.
पद हैं खाली से अधिक
वहीं, वर्ष 2016 की रिक्तियों के अनुसार बिहार बोर्ड के पांच हजार प्लस टू विद्यालयों में करीब दस हजार 869 पद रिक्त पड़े हैं. इनमें अंग्रेजी के 1875, हिंदी के 1062 गणित के 1667, भौतिकी 1972, रसायनशास्त्र के 1939,साइकोलॉजी के 1311 , समाजशास्त्र के 1043 शिक्षकों के रिक्त पड़े हैं.
डेढ़ हजार से
अधिक स्कूलों में प्रभारी प्राचार्य
इतना ही नहीं पूरे बिहार के स्कूलाें में प्राचार्य के पद रिक्त पड़े हैं. सेवानिवृत्ति के बाद करीब डेढ़ हजार से अधिक स्कूलों में प्रभारी प्राचार्य ही हैं. उन स्कूलों को चलानेवाले प्रबंधक को स्कूल से जुड़ी कई जानकारियां तक नहीं है. ऐसे में जब स्कूल चलानेवाले ही प्रभार पर हो, तो उन स्कूलों की शिक्षा का अंदाजा लगाया जा सकता है.
– बच्चे तो हैं, पर शिक्षक नहीं
बच्चे तो हैं, पर शिक्षक नहीं. हाईस्कूल तो है, पर शिक्षक माध्यमिक विद्यालय के. कुछ इसी तरह की स्थिति पूरे बिहार भर के हाईस्कूलों की है. जहां, स्कूलों में नामांकित बच्चों को पढ़ानेवाले विषयवार शिक्षक नहीं है.
इससे पूरे वर्ष या तो बच्चे स्कूल नहीं जा पाते या जाते भी हैं, तो पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. खासकर सायंस अौर कॉमर्स संकाय की बात करें, तो विषयवार शिक्षक नहीं होने से बच्चों को उन विषयों के सिलेबस तक की जानकारी नहीं है. ऐसे में यदि बच्चे पूरे साल स्कूल में पढ़ाई ही नहीं कर पाये हो, तो परीक्षा में उनकी सफलता की गारंटी क्या होगी.
– नहीं शुरू हो पायी वर्चुअल क्लास
बीते वर्ष परीक्षा परिणाम में आयी भारी गिरावट को देखते हुए शिक्षा विभाग स्कूलों में शिक्षकों की समस्या को दूर करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में वर्चुअल क्लास शुरू कराने की बात कही थी. इसके लिए पूरे बिहार में एक हजार हाईस्कूलों में कोर्स तैयार कर उसे प्रोजेक्टर के जरिये बच्चों को उन विषयों के बारे में पढ़ाया जाना था. इसके लिए विभाग की ओर से राशि भी स्वीकृत की गयी, पर वर्चुअल क्लास अब तक शुरू नहीं करायी जा सकी.
– होनी है 4257 अतिथि शिक्षकों की बहाली
हाल ही में शिक्षा विभाग की ओर से उत्क्रमित विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए अतिथि शिक्षक बहाल करने की घोषणा की गयी है. इसके तहत प्रति क्लास उन शिक्षकों को प्रति कार्य दिवस पर एक हजार और प्रतिमाह 35 हजार रुपये देने की बात कही गयी है.
इसके तहत उत्क्रमित विद्यालयों में कुल 4257 शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं. इनमें अंग्रेजी के 1041, गणित के 791, भौतिकी 1024, रसायन शास्त्र के 974, प्राणी शास्त्र के 137 और वनस्पति शास्त्र के 290 शिक्षकों की जरूरत है. राजधानी समेत कई स्कूलों में नौवीं और 10वीं कक्षा के स्कूलों में बहाल शिक्षक प्लस-टू स्कूलों के 11वीं और 12वीं के बच्चों को पढ़ा रहे हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें