पटना : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज मोदी सरकार के कार्यकाल का आखिरी पूर्णकालिक बजट लोकसभा में पेश किया. अगले साल आम चुनावों से पहले इस बजट पर सबकी निगाहें टिकी हुई थी. आम लोगों और उद्योग जगत ने बजट से कई उम्मीदें पाल रखी थी. इस बजट से बिहार केयंगजेनेरेशन कोभी बड़ी उम्मीदें थी. प्रभात खबर केरिपोर्टर जूहीस्मिता ने जब लाेकसभा में आज पेश कियेगयेआम बजट पर बिहार के युवावर्ग से बात की तो उनकी प्रतिक्रिया कुछ इस तरह से मिली.
पटना स्थित मगध महिला कॉलेज मेंपढ़नेवाली फर्स्ट ईयर की छात्रा ने प्रियंकाबिंदुलनेआम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, बजट को लेकर हर साल कई उम्मीदें होती है. इस बार भी थी, लेकिन यंग जेनेरेशन के लिए कुछ खास चेंज नहीं है. पिछली बार भी सरकार ने रोजगार बढ़ाने की बात की थी और इस बार भी 70 लाख नया रोजगार देने का लक्ष्य बनाया है. इसके लिए जॉब वेकेंसी होना जरूरी है. प्रियंका आगे कहती है, क्वालिटी एजुकेशन में कमी आयी है साथ ही जॉब न होने की वजह से युवा गलत काम करने लगते है या डिप्रेशन के शिकार होते है. सबसे बड़ी समस्या रोजगार का न होना है.
वहीं, एमएमसी की छात्रा श्वेता कुमारी ने कहा, हमारे अंदर प्रतिभाओं की कमी नहीं है फिर भी हमें दूर जाना होता है. हमारे देश में सबसे ज्यादा यूथ का पावर है जिसका सही से हम इस्तेमाल नहीं कर पा रहे है. देश के बेहतरीन वैज्ञानिक आज दूसरे देश के लिए काम कर रहे है. इस बार के बजट में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए भी कुछ खास नहीं है. उम्मीद थी कि इससेक्टर में ज्यादा ग्रोथ मिलेगी, लेकिन इस बार भी निराशा हाथ लगी.
बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए बीकॉम की छात्रा श्वेता मिश्रा ने कहा, सरकार द्वारा पिछले साल स्वयं की ओर से 350 कोर्स दिये गये जिसकी जानकारी यहां के लोगों को नहीं पता तो ऐसे में ग्रामीण इलाके में इसकी कहां से पहुंच होगी. आज बिजनेस स्टार्ट अप के लिए कोई खास गाइड लाइन युवाओं को नहीं पता है. रोजगार और क्वालिटी एजुकेशन पर बजट का कुछ खास प्रभाव नहीं दिखा.
पटना स्थित मगध महिला कॉलेज में इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट के हेड डॉ जनार्धन प्रसाद ने आम बजट पर अपनी राय रखते हुए कहा, बजट 2018 में विकास के एजेंडा से ज्यादा लगाव रखता है और वोट के एजेंडा से कम लगाव रखता है. इस बजट से आर्थिक विकास तो होगा ही साथ बाहरी देशों से भी रिश्ते प्रगाड़ होंगे. एफडीआई और सुरक्षा को लेकर कई बाते है. सीनियर सिटीजन का ख्याल भी रखा गया. वहीं रोजगार को लेकर अब भी स्थिति वहीं के वहीं है. पिछली बार रोजगार संबंधी वादें किये थे और आज भी किया गया है.