पटना : बसंत पंचमी यानी मां सरस्वती की आराधना का दिन. उनकी पूजा का दिन और उनसे विद्या रूपी संस्कार मांगने का दिन. बसंत पंचमी के दिन ही विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था. आज हम आपको सरस्वती पूजा विधि और सरस्वती पूजा मंत्र के बारे में बताएंगे. बता दें कि शास्त्रों में सरस्वती पूजा को बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. बसंत पंचमी में फूलों में बहार आ जाती है और खेतों में फसल लहलहाते नजर आते हैं. बसंत पंचमी पूजा छात्रों और कलाकारों के लिए काफी महत्व रखती है. विद्या की देवी सरस्वती की पूजा गणेश जी के साथ जरूर करनी चाहिए.
सरस्वती पूजा शुभ मुहूर्त
पूजा के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए ज्योतिषविद् डॉ. श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि मां सरस्वती की आराधना का प्रसिद्ध पर्व एवं सर्वव्यापी पर्व बसंत पंचमी 22 जनवरी सोमवार को मनाया जाएगा. विद्या अनुरागी सरस्वती की प्रतिमाओं की स्थापना कर पूजनोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा. बागेश्वरी जयंती वाणी पूजा बसंतोत्सव रति काम महोत्सव इस पर्व के मुख्य आकर्षण है. आज से बसंत उत्सव प्रारंभ हो जाता है. बसंत पंचमी 21 तारीख को दिन में 12:28 से 22 तारीख को 12:00 बजे के 38 मिनट तक है.इस दौरान ही मां की पूजा करें.
मां सरस्वती की आराधना करते वक्त इस श्लोक का उच्चारण करना श्रेष्ठ है:
ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।।
कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।
वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।।
रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।
सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:।।वन्दे भक्तया वन्दिता च
ऐसे करें मां सरस्वती पूजा
मां सरस्वती पूजा वाले दिन मां को पीले पुष्प जरूर अर्पित करें, इस दिन पुस्तकों और वाद्य यंत्रों की पूजा करें. ध्यान दें कि इस दिन पीले वस्त्र पहनकर मां सरस्वती की पूजा करना शुभ माना गया है.
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमां आद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणा पुस्तक धारिणीं अभयदां जाड्यान्धकारापाहां।
हस्ते स्फाटिक मालीकां विदधतीं पद्मासने संस्थितां
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धि प्रदां शारदां।।
वसंत पंचमी पर राशि अनुसार करें ये उपाय, होगा लाभ ही लाभ…
28 जनवरी को बसंत पंचमी पर्व, विद्या और बुद्धि की देवी सरस्वती का पर्व है. इसलिए माघ शुक्ल पक्ष पंचमी को सभी लोग अपने ज्ञान को बढ़ाने और बुद्धि प्राप्त करने के लिए मां सरस्वती का पूजन करते है. पंचमी का यह पर्व विद्यार्थियों द्वारा विशेष रूप से मनाया जाता है. अगर इस पर्व पर सभी लोग अपनी राशि के अनुसार कुछ अचूक प्रयोग करें तो उन्हें शिक्षा के हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी.
जानिए कौन सी राशि वाले क्या प्रयोग करें-
मेष-इस राशि के लोग अपनी राशि के अनुसार इस पर्व पर विद्या और बुद्धि के लिए श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमानजी की पूजा करें और उनके बांए पैर से सिंदूर लेकर तिलक करें.
वृष-इमली के 22 पत्ते लें और उनमें से 11 मां सरस्वती को चढ़ाएं और शेष पत्ते अपने पास रख लें। इस प्रयोग से आपको हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी.
मिथुन-विद्या और बुद्धि के लिए आप अपनी राशि के अनुसार भगवान गणेशजी को 21 दूर्वा चढ़ाएं.
कर्क-इस राशि के व्यक्तियों को सफलता के लिए विद्या की देवी मां सरस्वती को आम के फूल (बोर) चढ़ाने चाहिए.
सिंह-इस बसंत पर्व पर सिंह राशि वालों को गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए.
कन्या-किसी कन्या को किताबें और स्टेशनरी दान देनी चाहिए। इससे आप पर माता सरस्वती की विशेष कृपा होगी.
तुला-सरस्वतीजी की कृपा प्राप्त करने के लिए तुला राशि के जातक किसी ब्राह्मण कन्या को सफेद वस्त्र दान दें.
वृश्चिक-इस राशि के विद्यार्थी सफेद फूलों से मां सरस्वती की पूजा करें तो विशेष लाभ प्राप्त होगा.
धनु-धनु राशि के जातकों को सफलता के लिए देवी सरस्वती को सफेद चंदन चढ़ाना चाहिए.
मकर-सूर्योदय से पहले ब्राम्ही औषधि का सेवन करने से मकर राशि वालों को हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी.
कुंभ-मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए कुंभ राशि के विद्यार्थी सरस्वती पूजन कर के कन्याओं को खीर का प्रसाद दें.
मीन- बसंत पंचमी पर्व पर विधारा या अपामार्ग की जड़ दाहिनी भूजा पर बांधने से इस राशि वाले हर क्षेत्र में सफल होंगे.
यह भी पढ़ें-
-सरस्वती के वरद पुत्र ‘निराला’ ने जीवन का विष पीकर बहाई हिंदी में ‘अमृतमयी गंगा’
-वसंत पंचमी आज : भारत में सरस्वती पूजा, तो दुनियाभर में इन रूपों में होती है ज्ञान की आराधना, जानें…