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तीन तलाक और तलाकशुदा महिलाओं के भरण पोषण के विधेयक का समर्थन करे प्रगतिशील लोग : सुशील
पटना :संसद के आगामी सत्र में केंद्र सरकार की ओर से तीन तलाक और तलाकशुदा महिलाओं के भरण पोषण के लिए आनेवाले संभावित विधेयक का देश के राजनीतिक दलों एवं मुसलिम समाज के प्रगतिशील लोगों को समर्थन करना चाहिए. उक्त बातें बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने भाजपा अल्पसंख्यक […]
पटना :संसद के आगामी सत्र में केंद्र सरकार की ओर से तीन तलाक और तलाकशुदा महिलाओं के भरण पोषण के लिए आनेवाले संभावित विधेयक का देश के राजनीतिक दलों एवं मुसलिम समाज के प्रगतिशील लोगों को समर्थन करना चाहिए. उक्त बातें बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए कहीं. साथ ही कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक विद्यार्थी प्रोत्साहन योजनांतर्गत सरकारी स्कूलों की भांति मदरसों से 10वीं व 12वीं की परीक्षा अच्छे अंकों में उत्तीर्ण करनेवालों को भी छात्रवृत्ति देगी.
उन्होंने कहा कि पिछले 22 अगस्त को एक साथ तीन तलाक को उच्चतम न्यायालय द्वारा अवैध करार दिये जाने के बाद संसद के आगामी सत्र में भारत सरकार की ओर से तीन तलाक और तलाकशुदा महिलाओं के भरण पोषण के लिए आनेवाले संभावित विधेयक का देश के राजनीतिक दलों व मुसलिम समाज के प्रगतिशील लोगों को समर्थन करना चाहिए.
उन्होंने आरोप लगाया कि 31 साल पहले 1986 में सुप्रीम कोर्ट ने शाहबानो मामले में गुजारा भत्ता का निर्णय दिया था, मगर तत्कालीन राजीव गांधी सरकार ने कानून में संशोधन कर मुसलिम तलाकशुदा महिलाओं को उससे वंचित कर दिया था. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकारें किसी भी धर्म के अंदरुनी मामले, रीति-रिवाज आदि में कोई हस्तक्षेप और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करती हैं, मगर महिलाओं, बच्चों के साथ होनेवाले भेदभाव, तीन तलाक, दहेज प्रथा, बाल विवाह, छुआछूत जैसी सामाजिक बुराइयों को रोकने की पहल जरूर करेगी. सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि सामाजिक सुधार की कार्रवाई का कुछ लोग विरोध करते हैं. सती प्रथा के उन्मूलन का भी कुछ लोगों ने विरोध किया था. तीन तलाक जैसी कुप्रथा का धर्म से कोई संबंध नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के साथ अन्याय है.
उन्होंने कहा कि बिहार में जब 2005 में राजग की सरकार बनी तो मुसलिम तलाकशुदा महिलाओं को भरण पोषण के लिए प्रति महीने 10 हजार रुपये देने का निर्णय किया गया, जिसे अब बढ़ा कर 25 हजार रुपये करने का सरकार ने निर्णय लिया है. सुशील मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक विद्यार्थी प्रोत्साहन योजनांतर्गत सरकारी स्कूलों की भांति मदरसों से 10वीं व 12वीं की परीक्षा अच्छे अंकों में उत्तीर्ण करनेवालों को भी छात्रवृत्ति दी जायेगी. मान्यता प्राप्त मदरसों में कक्ष, पेयजल, शौचालय, पुस्तकालय, कम्प्यूटर आदि के लिए राज्य सरकार सहायता देगी. उन्होंने कहा कि वक्फ की भूमि का सर्वे करा कर सरकार उसे अतिक्रमण मुक्त करायेगी और वहां वक्फ कमेटी का कार्यालय, सार्वजनिक पुस्तकालय व बहुउद्देश्यीय भवन आदि का निर्माण कराया जायेगा.
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