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बिहार : विश्व मधुमेह दिवस : मधुमेह की चपेट में आ रहीं शहरी औरतें….आंकड़े देखकर हो जायेंगे हैरान

कॉरपोरेट क्षेत्र में पुरुषों में डायबिटीज के ज्यादातर मामले बिहार की मध्यवर्गीय शहरी महिलाओं में मधुमेह के बढ़ रहे तेजी से मामले पटना : पटना सहित पूरे प्रदेश में मध्यवर्ग की शहरी महिलाओं में मधुमेह (डायबिटीज) के मामले बढ़ रहे हैं. ग्रामीण इलाके की महिलाओं में यह प्रवृत्ति कम है. इसके अलावा कॉरपोरेट क्षेत्र में […]

कॉरपोरेट क्षेत्र में पुरुषों में डायबिटीज के ज्यादातर मामले
बिहार की मध्यवर्गीय शहरी महिलाओं में मधुमेह के बढ़ रहे तेजी से मामले
पटना : पटना सहित पूरे प्रदेश में मध्यवर्ग की शहरी महिलाओं में मधुमेह (डायबिटीज) के मामले बढ़ रहे हैं. ग्रामीण इलाके की महिलाओं में यह प्रवृत्ति कम है. इसके अलावा कॉरपोरेट क्षेत्र में महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में मधुमेह के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. यह अध्ययन है बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति और रिसर्च सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया बिहार चेप्टर का. अध्ययन से पता चला है कि शहरी महिलाओं में मधुमेह के बढ़ते मामलों के चलते उनको तरह-तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. इससे उनकी मृत्यु दर भी बढ़ी है.
शहरी क्षेत्रों में 10.8 फीसदी महिलाएं इसकी चपेट में : बिहार के मध्यवर्ग की 10.8 फीसदी शहरी महिलाएं इस बीमारी की चपेट में हैं. वहीं, ग्रामीण इलाकों में यह आंकड़ा 3.5 प्रतिशत है. अध्ययन के मुताबिक, शहरी महिलाओं में बॉडी मास, कमर पर चर्बी, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ रहा है.
गार्डिनर रोड अस्पताल के डायरेक्टर व मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि शहरों में बदलती जीवनशैली, खान-पान की बदलती आदतें और लगातार बढ़ता काम का दबाव ही इस बीमारी की प्रमुख वजह है. उन्होंने कहा कि शहरी जीवन में भाग दौड़ के चलते लोगों की जीवनशैली तेजी से बदली है.
उनके पास न तो खाने का समय है और न ही शारीरिक कसरत का. इसके अलावा फास्ट फूड का बढ़ता प्रचलन लोगों को इस बीमारी के मुंह में धकेल रहा है.
महिलाओं को झेलना पड़ता दोतरफा दबाव : फिजियोथेरेपिस्ट डॉ राजीव कुमार सिंह ने बताया कि शहरी इलाकों में खासकर महिलाओं को दोतरफा दबाव झेलना पड़ता है. उनको घर भी संभालना होता है और दूसरी तरह दफ्तर में तनाव व काम के बोझ से भी जूझना पड़ता है. ऐसी महिलाओं के पास शारीरिक कसरत का भी समय नहीं होता. व्यस्तता और काम के बोझ से वह नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच भी नहीं करा पातीं. इसी वजह से ऐसी महिलाओं में मधुमेह के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं.
बिहार में डायबिटीज आंकड़ों पर एक नजर
– शहर में डायबिटीज का आंकड़ा 10.8%, गांव में 3.5% है
– ओवरऑल आंकड़ा 4.3 % है
– प्री-डायबिटिक 15.2% है. गांव में 9.3% और ओवरऑल 9.9% है
– शहर में कुल आंकड़ा 26%, जबकि गांव में 12.8% है, ओवरऑल यह आंकड़ा 14.2% है
मधुमेह पर नि:शुल्क जांच शिविर कल
पटना : रोटरी पटना आर्यंस व रोटरी पटना सिटी की ओर से 14 को बहादुरपुर स्थित पालिका विनायक हॉस्पिटल में निःशुल्क मधुमेह जांच शिविर का आयोजन किया जायेगा. शिविर में मधुमेह विशेषज्ञ डॉ अनुज, डॉ निम्मी रानी, डॉ सूर्य प्रकाश, डॉ किशोर, डॅा शिवानंद गुप्ता व डॉ पूनम द्वारा मुफ्त जांच व सलाह तथा खून की जांच की जायेगी.
Prabhat Khabar Digital Desk
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