पटना : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो और बिहार के पूर्वसीएम लालू प्रसाद यादव नयी मुसीबत में घिरते नजर आ रहे हैं. लालू यादव के घर में पले दस मोर उनकी इस नयी परेशानी का वजह बनता दिख रहा है. दरअसल, मोर राष्ट्रीय पक्षी है और कानूनन मोर को कोई घर में नहीं पाल सकता है. वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लालू प्रसाद यादव के सरकारीआवास मेंदस मोर पलेहै.
एक प्रमुख समाचार पत्र के बेवसाइट पर छपी रिपोर्ट में सूत्रों के मुताबिकबताया जा रहा है कि पटना स्थित लालूयादव के सरकारी आवास सर्कुलर रोड में एक मोर और मोरनी कुछ साल पहले लाए गये थे. विवाद बढ़ने पर राजद सुप्रीमोने कहा था कि मोर और मोरनी को कुछ ही महीने बाद ही छोड़ा गया था, लेकिन ये मोर फिर से यहां वापस आ गये. उसके बादआठ पक्षियों का जन्म हुआ जो अब तीन या चार महीने के हैं. ये मोर परिसर में लगे पेड़ों पर सोते हैं.
मोर पक्षी वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट-1972 के तहत शेड्यूल-1 में हैं. इसके मद्देनजर कानूनन जिसके पास भी यह पक्षी होता है उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. इस मामले में दोषी पाये जाने पर व्यक्ति को सात साल तक की सजा या 25,000 रुपये जुर्माना या फिर दोनों ही हो सकता है. बताया जाता है कि अगर मोर-मोरनी केये जोड़े गैरकानूनी ढंग से लाये थे तो लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती है. मोरों की तस्करी को अपराध की श्रेणी में रखा गया है. वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञोंकेमुताबिक चिड़ियाघरों में जो मोर रखे जाते हैं, उनके लिए भी स्टेट चीफ वाइल्ड लाइफ वॉर्डन की अनुमति जरूरी है.
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