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तीसरा कृषि रोडमैप : …जब राष्ट्रपति ने कहा, अगली हरित क्रांति बिहार से होगी

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया लांच, पांच साल में 1.54 लाख करोड़ का होगा निवेश पटना : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को बिहार के तीसरे कृषि रोडमैप (2017-22) को लांच करते हुए कहा कि देश की अगली व दूसरी हरित क्रांति की शुरुआत बिहार से होगी. राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार बिहार आये […]

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया लांच, पांच साल में 1.54 लाख करोड़ का होगा निवेश
पटना : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को बिहार के तीसरे कृषि रोडमैप (2017-22) को लांच करते हुए कहा कि देश की अगली व दूसरी हरित क्रांति की शुरुआत बिहार से होगी. राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार बिहार आये राष्ट्रपति कोविंद ने सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर के बापू सभागार में कहा कि बिहार की धरती अन्नपूर्णा है. यह कृषि रोडमैप बिहार का इमेज बिल्डअप करेगा. यह बिहार के साथ-साथ देश के विकास में भी अहम योगदान करेगा.
उन्होंने खेती के विकास के लिए जल प्रबंधन को प्रभावी बनाने पर जोर दिया. अपने को कर्म से बिहारी बताते हुए कोविंद ने कहा कि मेरे जीवन में बिहार का जबरदस्त प्रभाव है और मैं बिहार से मिले स्नेह और सम्मान को जीवन भर नहीं भूल पाऊंगा. इस मौके पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, कृषि मंत्री प्रेम कुमार सहित राज्य कैबिनेट के सभी सदस्य मौजूद थे. इसके पहले मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति को तीसरे कृषि रोडमैप की पहली प्रति भेंट की.
राष्ट्रपति ने अपने 16 मिनट के संबोधन की शुरुआत बिहार के साथ अपने रिश्ते और अपनेपन से की. उन्होंने कहा कि बिहार का राज्यपाल रहते हुए मुझे जो प्यार और स्नेह मिला, वह हमेशा यादगार बनकर मेरे दिल में रहेगा.
मेरे लिए बिहार और इसका बिहारीपन बहुत बड़ी बात है. राजभवन से ज्ञान भवन, फिर राष्ट्रपति भवन सभी से बिहार जुड़ा हुआ है. अगर बापू सभागार में नहीं आता तो यह अधूरापन कहलाता. बिहार ने जिस ज्ञान को बांटा और समेटा है, उसे मैं महसूस करता हूं. बिहार में पैदा होना ही सिर्फ बिहारी नहीं होता.
सबसे बड़ा बिहारीपन मेरा कर्म है. उन्होंने कहा कि बिहार की विभूतियों का देश के निर्माण में बड़ा योगदान है. इनमें पहले राष्ट्रपति डाॅ राजेंद्र प्रसाद और जयप्रकाश नारायण प्रमुख हैं. राजेंद्र बाबू को तो मैं रोज प्रणाम करता हूं. उन्होंने बाबू कुंवर सिंह, बिस्मिल्लाह खान, जगजीवन राम और कर्पूरी ठाकुर को भी याद किया.
राष्ट्रपति ने कहा कि रोडमैप में किसानों के हित की बातें हैं. इससे किसानों को फायदा होगा. रोडमैप में शामिल जैविक कॉरिडोर से बड़ा बदलाव आ सकता है. यहां के किसान जुझारू हैं. पहले दो कृषि रोडमैप से किसानों के समग्र विकास में बुनियादी बदलाव आया और यह रोडमैप उसे आगे बढ़ायेगा. कृषि उत्पादन में बिहार के नयी ऊंचाई प्राप्त की है और इसके लिए पुरस्कृत भी हुआ है.
उन्होंने कहा कि खेती के विकास के लिए जल प्रबंधन पर काम करने की जरूरत है. परंपरागत जल प्रबंधन प्रणाली को व्‍यापक रूप से बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है. जल प्रबंधन प्रणाली बेहतर तरीके से लागू हो जाये तो अगली हरित क्रांति बिहार से हो सकती है.
कृषि रोडमैप से बिहार की अर्थव्‍यवस्‍था मजबूत होगी. राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में भूमि रिकाॅर्ड, मार्केंटिंग और भंडारण पर भी जोर दिया. सुधा डेयरी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली से लेकर लेकर उत्तर-पूर्व के राज्‍यों तक सुधा डेयरी के उत्‍पाद पहुंच रहे हैं.
चंपारण शताब्दी वर्ष में कृषि रोडमैप जारी होना सुखद
राष्ट्रपति ने कहा, चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में कृषि रोडमैप जारी होना बड़ा ही सुखद है. चंपारण सत्याग्रह भी किसान से जुड़ा हुआ है. मैं भी ग्रामीण परिवेश से आता हूं, इसलिए मुझे रोडमैप जारी करने में खुशी हो रही है. बापू मेरे आदर्श हैं. राष्‍ट्रपति भवन पहुंचकर अगर बापू के आदर्शों पर नहीं चल सका तो जीवन अधूरा रहेगा.
छठ में राष्ट्रपति भवन में िमला सुधा डेयरी से ठेकुआ
राष्ट्रपति रामनाथ काेिवंद ने अपने संबोधन के दौरान बताया कि उन्हें छठ पर्व के मौके पर राष्ट्रपति भवन में सुधा डेयरी से ही ठेकुआ मिला. उन्होंने कहा िक बिहार के किसान मेहनती हैं. बिहार में कृषि की अपार संभावनाएं हैं.
इंद्रधनुषी कार्यक्रम से बिहार के किसानों को फायदा होगा. राष्ट्रपति ने कहा कि बिहार की छवि को और बेहतर बनाने की जरूरत है. उन्होंने यहां के लोगों को ब्रांड अंबेसडर बनने की सलाह दी. कहा कि हरेक क्षेत्र में यहां के लोग काम कर रहे हैं. उन्होंने अनाज के साथ- साथ दूध और मछली के उत्पादन पर भी जोर देने की बात कही, तािक िकसानों की आमदनी में बढ़ोतरी हो सके.
अब सरकार का जोर चकबंदी और जैविक खेती पर : सीएम
पटना : कृषि रोडमैप के लांचिंग समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में कृषि के क्षेत्र में नये युग की शुरुआत हो रही है. हमारे खेत और किसान सक्षम हैं. हर भारतीय की थाली में एक बिहारी व्यंजन पहुंचाना हमारा लक्ष्य है. मुख्यमंत्री ने पहले को दोनों कृषि रोडमैप की उपलब्धियों की चर्चा की और कहा कि अब सरकार का जोर चकबंदी और जैविक खेती पर है. उन्होंने तीसरे कृषि रोडमैप की लांचिंग के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को धन्यवाद दिया. कहा कि वह राज्यपाल रहते हुए राष्ट्रपति पद पर पहुंंचने वाले पहले व्यक्ति हैं.
राष्ट्रपति बनने के बाद वह पहली बार बिहार आये हैं. इसलिए विशेष तौर पर आपका स्वागत है. बिहार का राज्यपाल रहते हुए राष्ट्रपति बनना हमारे लिए गौरव की बात है. उन्होंने कृषि रोडमैप की बुनियाद की घटना का जिक्र भी किया.
उन्होंने कहा कि पहले के दो कृषि रोडमैप से उत्पादन व उत्पादकता दोनों में बढ़ोतरी हुई. आलू और धान का रिकाॅर्ड उत्पादन हुआ. उन्होंने कहा कि एरियल सर्वे के जरिये भूमि के रिकाॅर्ड को दुरुस्त किया जायेगा. इसके बाद चकबंदी पर काम होगा. बिहार में 95% लघु व सीमांत किसान हैं. चकबंदी से खेत का आकार बढ़ेगा. सभी पंप को बिजली से चलाने की व्यवस्था होगी.
कृषि फीडर की शुरुआत नौबतपुर से : मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में किसानों के लिए अलग से कृषि फीडर का निर्माण किया जा रहा है. इसकी शुरुआत नौबतपुर (पटना जिला) से हो रही है. उन्होंने कहा कि इस रोडमैप से राज्य के किसानों को हर तरह की सुविधा देने की कोशिश की जा रही है.
इसमें जैविक खेती पर जोर दिया गया है. सब्जी और फल उत्पादन में बिहार नंबर वन बनाने की दिशा में प्रयास चल रहे हैं. जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को खेती के पहले ही अनुदान मिलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाली मिशन पर तेजी से काम हो रहा है. हरित क्षेत्र को 15% से बढ़ाकर 17% करना है.
तीसरे कृषि रोडमैप में उत्पादन, भंडारण व वितरण पर जोर दिया गया है. कृषि यांत्रिकीकरण पर भी जोर दिया गया है. स्थानीय कृषि यंत्र निर्माताओं को भी सरकार सहायता देगी. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पानी का सिंचाई में उपयोग होगा. सिंचाई सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है.
कृषि के समग्र विकास और बिहार की प्रगति में यह रोडमैप महत्वपूर्ण योगदान देगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए को–अाॅपरेटिव सोसाइटी बनेगी. इसके ऊपर यूनियन होगा और उसके ऊपर फेडरेशन होगा. राज्य सरकार इसके लिए हर तरह की सहायता उपलब्ध करायेगी. को-अाॅपरेटिव सोसाइटी के माध्यम से किसान उत्पादन, प्रसंस्करण एवं विपणन बेहतर तरीके से कर सकेंगे. पैक्सों को कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है.
दूध, मछली, अंडा के उत्पादन में आत्मनिर्भर होकर, इसे दूसरे राज्यों के बाजारों तक पहुंचाया जायेगा. तीसरे कृषि रोडमैप का लक्ष्य किसानों की आमदनी को बढ़ाना है. इसके लिए हर क्षेत्र में काम किया गया है. समारोह में मुख्यमंत्री के पूर्व कृषि सलाहकार मंगला राय, आईटीएम विश्वविद्यालय, ग्वालियर के कुलाधिपति रमाशंकर सिंह भी मौजूद थे.

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