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तेजस्वी यादव का नया पैंतरा, CBI और ED के समक्ष नहीं पेश होने की दी धमकी

पटना : बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के मुखिया और राजद सुप्रीमो लालू यादव के छोटे बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इन दिनों काफी परेशान हो गये हैं. उनकी परेशानी का सबब बनी है सीबीआई और ईडी. तेजस्वी यादव सीबीआई और ईडी के नोटिस और पूछताछ से इतने परेशान हो गये हैं कि […]

पटना : बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के मुखिया और राजद सुप्रीमो लालू यादव के छोटे बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इन दिनों काफी परेशान हो गये हैं. उनकी परेशानी का सबब बनी है सीबीआई और ईडी. तेजस्वी यादव सीबीआई और ईडी के नोटिस और पूछताछ से इतने परेशान हो गये हैं कि उन्होंने एक तरह से धमकी भरे अंदाज में चेतावनी जारी की है. जांच एजेंसियों द्वारा तेजस्वी यादव को लगातार पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है. इस वजह से तेजस्वी यादव इन दिनों लगातार दिल्ली के दौरे पर रह रहे हैं. तेजस्वी यादव को सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग द्वारा लगातार नोटिस जारी किया जा रहा है. यह सभी कार्यवाही रेलवे टेंडर घोटाले में तेजस्वी के सम्मिलित होने के आरोप को लेकर जारी किया जा रहा है. इन जांच एजेंसियों द्वारा लगातार नोटिस जारी करने को लेकर तेजस्वी यादव काफी खफा हैं. तेजस्वी ने सोमवार को दिये गये अपने बयान में कहा है कि वह इन एजेंसियों के समक्ष नहीं पेश होंगे.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लगातार जांच एजेंसियों द्वारा नोटिस जारी करने की बात पर तेजस्वी ने मीडिया से कहा है कि वह आगे से न तो सीबीआई और न हीं प्रवर्तन निदेशालय और न ही आयकर विभाग के सामने पेश होंगे. तेजस्वी यादव ने कहा है कि उनको एक ही केस यानी रेलवे टेंडर घोटाला के सिलसिले में यह एजेंसियां लगातार एक ही सवाल बार-बार दुहराती हैं. तेजस्वी ने कहा कि इनके रवैये से उन्हें काफी परेशानी है और आगे से वह इन जांच एजेंसियों के सामने अब पेश नहीं होंगे. बताया जा रहा है कि ईडी ने तेजस्वी यादव को रेलवे टेंडर घोटाले में पूछताछ के लिए छठवीं बार सम्मन जारी किया है, तेजस्वी यादव को आज यानी 31 अक्तूबर को एजेंसी के सामने जवाब देने के लिए पेश होना है. इससे पूर्व तेजस्वी यादव को एजेंसियां पांच बार सम्मन भेज चुकी हैं.

यही नहीं तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट और मीडिया को दिये बयान में यहां तक कहा है कि नीतीश कुमार की सरकार बिहार में मात्र छह महीने की मेहमान है. एक टीवी चैनल से बातचीत में तेजस्वी यादव ने कहा कि यह सरकार अपने-आप चली जायेगी. सृजन घोटाले में फंसी यह सरकार, जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद खुद व खुद गिर जायेगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छह माह में या तो खुद अलग हो जायेंगे या भाजपा ही उनको छोड़ देगी. गुजरात में जदयू अपना उम्मीदवार उतार रहा है. प्रवर्तन निदेशालय में पूछताछ के लिए नहीं जाने की बात पर तेजस्वी ने सवाल किया कि नोटिस सिर्फ लालू फैमली पर क्यों? तेजस्वी ने कहा कि सुशील मोदी भाजपा के लिए खतरा हैं. वह नीतीश कुमार के आदमी हैं. जदयू नेता श्याम रजक और उदय नारायण चौधरी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तेजस्वी ने कहा कि जदयू में सिर्फ तीन लोगों ललन सिंह, आरसीपी सिंह और नीतीश कुमार की चलती है. जदयू में कोई लोकतंत्र नहीं है. खींचतान शुरू हो चुकी है.

उधर तेजस्वी के बयान को लेकर राजनीति भी तेज हो गयी है, जदयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव चिंतन नहीं, अपनी पार्टी की चिंता करें. धीरे-धीरे समय आ रहा है कि उनकी पार्टी टूट के कगार पर है. राजद के सभी नेता इंतजार कर रहे हैं कि कब लालू एंड फैमिली जेल जाये और वे पार्टी छोड़े. पहले अपने घर को संभालें फिर दूसरे की घरों में झांकें. उन्होंने कहा कि बड़े होने से ज्यादा प्रभावी होना होता है. जदयू भले बड़ी पार्टी ना हो, लेकिन प्रभावी पार्टी है. नीतीश कुमार बिहार के प्रभावी नेता हैं. नीतीश कुमार की बात हर समुदाय के लोग सुनते और मानते हैं. राजद की तरह जदयू नहीं है कि एक समुदाय से शुरू होते हैं और वही खत्म हो जाते हैं. तेजस्वी यादव को राजनीति के इतिहास और फैक्ट्स की जानकारी होनी चाहिए.


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