पटना : बिहार सरकार ने संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना चिड़ियाघर) के बहुचर्चित मिट्टी घोटाले की निगरानी जांच कराने का औपचारिक तौर पर फैसला ले लिया है. लालू परिवार से जुड़े इस मसले को लेकर मंगलवार को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि जैविक उद्यान में मिट्टी भराई में कई पेच हैं. इन सबकी जांच के लिए निगरानी विभाग को मामला सौंप दिया गया है. निगरानी की जो भी जांच रिपोर्ट आयेगी, उसे पटना हाईकोर्ट को भी उपलब्ध कराया जायेगा.
मालूम हो कि उस समय लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव वन एवं पर्यावरण विभाग के मंत्री थे. उपमुख्यमंत्रीसुशील मोदी ने माना कि प्रथमदृष्टया इस मामले में बड़े पैमाने पर अनियमितता की बात सामने आयी है. राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के परिवार को लाभ पहुंचाने के लिए उनके परिवार के निर्माणाधीन मॉल से मिट्टी लेकर संजय गांधी जैविक उद्यान में पाथवे बनाया गया, जबकि वहां पर पाथवे का कोई औचित्य नहीं था.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने3 अप्रैल, 2017 को इस घोटाले को उजागर किया था. तेजस्वी प्रसाद यादव के 750 करोड़ के मॉल से मिट्टी खुदाई का काम जब शुरू हुआ, लगभग उसी समय 9 अगस्त, 2016 को मिट्टी के पथों के निर्माण का प्रस्ताव वन एवं पर्यावरण विभाग को दिया गया. 95.75 लाख रुपये की लागत से मिट्टी के तीन पथों के निर्माण की स्वीकृति दी गयी.
सुशील मोदी ने बताया कि संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना के निदेशक के पत्रांक.1371 ( 9 अगस्त, 2016) के अनुसार उद्यान में मिट्टी के पथ निर्माण का औचित्य दर्शकों की संख्या में वर्तमान और संभावित वृद्धि के रूप में बताया गया है, जबकि अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सह मुख्य वन प्राणी प्रतिपालक के जांच प्रतिवेदन (18 जुलाई, 2017) में मिट्टी के पथ के निर्माण का औचित्य उक्त दूरस्थ भूखंड में सुरक्षा के लिए निगरानी कार्य, आगंतुकों को घुमने, वर्षा ऋतु में भी उपयोगी और गर्मी के समय में अग्नि सुरक्षा कार्यों के लिए पहुंच पथ तथा उक्त कोने में बाउंड्री वाल के हिस्से का सुदृढ़ीकरण के रूप में बताया गया है. उनके प्रतिवेदन में दर्शकों की संख्या में वर्तमान व संभावित वृद्धि को पथ निर्माण के कार्य का औचित्य नहीं बताया गया. दोनों अधिकारियों ने अलग-अलग तर्क दिया है.
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने 2012 में जैविक उद्यान की लैंड स्कैपिंग की री-डिजाइन, एनिमल हाउस, फोरेस्ट रेस्ट हाउस और निदेशक के बंगले को दूसरी जगह ले जाने का सुझाव दिया था. इन सब काम को नहीं करा कर पाथवे का निर्माण कराया गया. वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के निर्देश पर चार साल बाद कार्रवाई हुई. पत्र की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें प्लाइट प्यूनल एरिया में थीम बेस्ड गार्डेन, हर्बल गार्डेन, बटर फ्लाई गार्डेन आदि विकसित किये जाने की बात कही गयी है. इसके बावजूद केंद्र सरकार के सुझाव को दरकिनार कर किस परिस्थिति में चार साल बाद पाथवे बनाने का निर्णय लिया गया. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि यह काम एयरपोर्ट अथॉरिटी के सीएसआर फंड से होना था, लेकिन इसका निर्माण किस स्थिति में राज्य योजना मद से किया गया.
मिट्टी खरीद में नियमों की अनदेखी की गयी : सुमो
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मिट्टी खरीद में नियमों की अनदेखी की गयी. उन्होंने बताया कि मिट्टी की खरीद के लिए सभी कोटेशन एक ही तारीख 23 अगस्त, 2016 को निर्गत हैं. सभी एजेंसियों की ओर से मिट्टी की दर्शायी गयी दरें क्रमशः 4500, 4600, 4700, 4800 और 5000 रुपये प्रति हाइवा है. दरों में मात्र 100 व 200 का अंतर है. इससे लगता है कि कोटेशन को मैनेज करके कार्य का आवंटन किया गया. रात में मिट्टी की ढुलाई की गयी, जो नियम के विपरीत है.
लालू की बातों को कोई गंभीरता से नहीं लेता : डिप्टी सीएम
सुशील मोदी ने कहा कि तेजस्वी के मॉल की मिट्टी और उद्यान में प्रयुक्त मिट्टी की कभी जांच कराने का प्रयास नहीं किया गया. किन परिस्थितियों में तेजस्वी के परिवार के गोबर को चिड़ियाघर में इस्तेमाल के लिए स्वीकार किया गया. इसलिए सरकार ने सारी विसंगतियों और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर निगरानी से जांच कराने का निर्णय लिया हैं. एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि तेजस्वी भतीजा है. हमलोगों के कारण उसकी सत्ता चली गयी तो वह गाली ही देगा. लालू प्रसाद की बातों को कोई गंभीरता से नहीं लेता.