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बिहार : कांग्रेस की बैठक में हंगामा मामला, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष समेत अन्य के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा

पटना : बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष काकब कादरी ने आज कहा कि पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी सहित अन्य पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा आलाकमान से जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर करेगी. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में गत9 अक्तूबर को आयोजित नव-निर्वाचित […]

पटना : बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष काकब कादरी ने आज कहा कि पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी सहित अन्य पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा आलाकमान से जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर करेगी.

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में गत9 अक्तूबर को आयोजित नव-निर्वाचित प्रदेश प्रतिनिधियों के सम्मेलन के दौरान पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी द्वारा लगाये गये आरोपों को खारिज करते हुए कादरी ने आज कहा कि चौधरी सहित अन्य पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर करेगी.

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी और उनके समर्थकों द्वारा हंगामा की जांच के लिये पूर्व राज्यमंत्री ज्योति की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय जांच दल का गठन किया था. जिसके द्वारा एक सप्ताह के भीतर रिपार्ट पेश की जायेगी. यहां कादरी ने कहा, अशोक चौधरी द्वारा जिस प्रकार से निरंतर पार्टी को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है तथा जिस तरह की शैली और भाषा का प्रयोग कर रहे हैं और जिस तरह से पार्टी कार्यकर्ताओं तथा मीडिया को गुमराह करने का कार्य कर रहे है उसे मैंने संज्ञान में लिया है.

कौकब कादरी नेअशाेक चौधरी के ऊपर पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिए जाने पर राकांपा और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा में शामिल हो जाने के आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि यह उनकी बीमार मानसिका का परिचायक है. उन्होंने कहा कि वे चौधरी के कार्यकाल में बनी समिति में उपाध्यक्ष के पद पर उस समय तक आसीन रहा हूं जब तक वे अध्यक्ष पद से हटाए नहीं गये.

इस मौके पर, प्रेमचंद मिश्र ने कहा कि जिस सभा में राहुल जी को पार्टी का अध्यक्ष बनाये जाने का प्रस्ताव पारित किया जा रहा था उसमें हंगामा और बाधित करना अनुशासनहीनता और घोर अनुचित आचरण है.

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बिहार की महागठबंधन सरकार में शामिल राजद और कांग्रेस से गत जुलाई महीने में नाता तोड़कर भाजपा के साथ मिलकर राजग की सरकार बना लिए जाने के बाद से कांग्रेस विधायकों के एक गुट के टूटकर जदयू में शामिल होने की चर्चाओं के बीच पार्टी आलाकमान द्वारा तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष अशोक चौधरी को हटाकर कादरी को पार्टी की प्रदेश इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.

प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी जी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी जी में आस्था है, वह भाजपा और जदयू में जाने की बात कभी नहीं सोचेगा. अशोक चौधरी और उनके समर्थक कांग्रेस के अन्य नेताओं द्वारा पार्टी प्रतिनिधियों के चुनाव में धांधली बरते जाने के आरोप को निराधार बाताते हुए मिश्र ने कहा कि चौधरी जी के कार्यकाल के दौरान सदस्यता शुल्क के तौर पर 80 लाख रुपये जमा तो करायेगये पर उस हिसाब से सदस्यों की सूची जमा नहीं की गयी है.

उन्होंने कहा कि अगर किसी को भी कोई आपत्ति है तो सदस्यता शुल्क की प्रति, सदस्यों की सूची के साथ पार्टी निर्वाची पदाधिकारी के समक्ष अपील कर सकते. उनके दावे सही पाये जाने पर उनका समायोजन किया जा सकता है, लेकिन इसको लेकर पार्टी के प्रदेश प्रभारी सीपी जोशी और निर्वाचन प्रकिया पर सवाल उठाना घोर अनुचित है.

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