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जवान को गोली मार खुदकुशी मामला : हत्या के बाद पंखे से लटकने की कोशिश की, फिर मुंह में मार ली गोली

घटना : संतोष ने पहले ही बना रखी थी योजना, घर बुला रिंकेश को मारी दो गोली दानापुर/पटना : संतोष कुमार सिंह ने पूर्व नियोजित तरीके से घर बुला कर रिंकेश कुमार सिंह की हत्या कर दी और फिर आत्मग्लानि में खुदकुशी कर ली. इसका खुलासा घटना स्थल पर मिले साक्ष्य के आधार पर हुआ […]

घटना : संतोष ने पहले ही बना रखी थी योजना, घर बुला रिंकेश को मारी दो गोली
दानापुर/पटना : संतोष कुमार सिंह ने पूर्व नियोजित तरीके से घर बुला कर रिंकेश कुमार सिंह की हत्या कर दी और फिर आत्मग्लानि में खुदकुशी कर ली. इसका खुलासा घटना स्थल पर मिले साक्ष्य के आधार पर हुआ है. घटना रविवार की देर रात की भी हो सकती है या फिर सोमवार की सुबह की.
क्योंकि, रविवार की रात से ही रिंकेश अपने बैरक में नहीं था. संतोष कुमार सिंह अरुणाचल प्रदेश में लांसनायक के पद पर तैनात था. लेकिन, वह मंगलम कॉलोनी के जजेज कॉलोनी में राजेंद्र सिंह के मकान में प्रथम तल्ला पर किराये में अपनी पत्नी रिंकी सिंह और 10 वर्षीय पुत्र आयुष कुमार के साथ रहता था़ दो दिन पूर्व अपनी पत्नी व पुत्र को पैतृक घर छपरा के मशरख के दुरगौली टोला चकिया भेज दिया था. जबकि, रिंकेश दानापुर में ही रहता था. उन दोनों के बीच अच्छी जान-पहचान काफी दिनों से थी. संतोष ने ही रिंकेश को ट्रेनिंग दी थी.
इन सभी कारणों से रिकेश बराबर उनके घर पर आता-जाता रहता था. संतोष के घर नहीं रहने पर रिंकेश ही छोटा-बड़ा सारा काम देखता था. इसी दौरान छुट्टी लेकर संतोष कुमार सिंह अपने घर आया और फिर अपनी पत्नी व बच्चों को गांव पर भेज दिया. पत्नी व बच्चे को घर भेजना ही इस बात को अंकित करता है कि वह रिंकेश की हत्या करने के उद्देश्य से ही पटना आया था.
शव को बेडरूम से खींच बाथरूम में ले गया : उसने किसी काम का बहाना बना कर रिंकेश को अपने घर पर बुलाया. रिंकेश घर पर आया और बेडरूम में रखे सोफा पर बैठ गया. इसी दौरान दोनों के बीच विवाद हुआ और फिर संतोष कुमार सिंह ने दो गोली उसके सीने में उतार दी. उसकी मौत हो जाने के बाद संतोष उसके शव को खींच कर बाथरूम में ले गया.
इसके बाद फिर बाथरूम से शव को खींच कर बाहर लाया. इसके बाद वह कुछ देर बैठा रहा और फिर उसने रस्सी से फांसी का फंदा बनाया और पंखे से झूल कर आत्महत्या करने की कोशिश की. लेकिन, रस्सी टूट गयी और वह सफल नहीं हो पाया. इसके बाद उसने किचन से चाकू लाया और सोचा की अपनी गला रेत कर आत्महत्या कर ले, लेकिन हिम्मत नहीं हो पायी और अंत में उसने राइफल की नली को अपने मुंह में डाला और ट्रिगर दबा दिया. सिटी एसपी पश्चिमी रविंद्र कुमार ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है.
परिजन खोजते पहुंचे, तो मिली घटना की जानकारी : रिंकेश की बहन पिंकी ने बताया कि रविवार की रात में रिंकेश के दोस्त विवेक ने फोन कर सूचना दी कि रिंकेश अपने बैरक में नहीं है.
सूचना मिलने के बाद वह अपने मामा उपेंद्र सिंह व ससुर जागेश्वर सिंह के साथ रविवार की रात करीब दो बजे संतोष के घर खोजने के लिए गयी. परंतु मकान मालिक ने दरवाजा नहीं खोला. सोमवार की सुबह वे लोग फिर वहां गये, तो मकान मालिक का भतीजा राजू सिंह ने दरवाजा खोला और संतोष के कमरे में गये. लेकिन, अंदर से दरवाजा बंद था.
जब दरवाजा को धक्का मारा गया, तो कुंडी टूट गयी और कमरे में गयी तो देखा कि मेरे भाई रिंकेश व संतोष फर्श पर मृत पड़े हुए थे. इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी गयी. पिंकी ने बताया कि संतोष काफी दिनों से अपनी रिश्ते की बहन से उसकी शादी करने का दबाव बना रहा था. परंतु वह शादी करने से इन्कार कर रहा था.
लांसनायक संतोष के घर पसरा सन्नाटा
मशरक (सारण) : लांसनायक संतोष सिंह की दानापुर में हुई मौत की खबर सुन उसके पैतृक गांव मशरक प्रखंड के दुरगौली पंचायत स्थित चकिया गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया.
सोमवार की सुबह घटना की सूचना मिलते ही संतोष के किसान पिता धर्मदेव सिंह अपने दूसरे छोटे पुत्र रंजीत व संतोष की पत्नी रिंकू देवी व बेटे के साथ पटना रवाना हो गये. संतोष की पत्नी दो दिन पूर्व ही बेटे आयुष के संग घर पर पूजा में शामिल होने आयी थी. संतोष के बड़े चाचा परमेश्वर सिंह, पड़ोसी शिक्षक सुरेंद्र सिंह सहित अन्य दरवाजे पर बैठ कर घटना की जानकारी ले रहे थे.
संतोष ने रिंकेश को दी थी ट्रेनिंग
दानापुर : दो साल पूर्व रिंकेश बिहार रेजिमेंट में भर्ती हुआ था. तब रेजिमेंट में तैनात लांसनायक संतोष कुमार सिंह ने रिंकेश को प्रशिक्षण दिया था. इस दौरान संतोष को रिंकेश ने अपना गुरु बना लिया था.
इससे दोनों के बीच करीबी दोस्ती हो गयी थी. जिससे रिंकेश संतोष के घर अक्सर आया-जाया करता था. संतोष का स्थानांतरण अरुणाचल प्रदेश होने के बाद भी रिकेश उसके घर जाता रहता था.
मृतक रिंकेश की बहन पिंकी ने रोते हुए कहा कि मेरे भाई संतोष को गुरु मनाते थे और दोनों के बीच पारिवारिक संबंध बन गया था. उसने कहा कि मेरे घर का चिराग बुझ गया. अब केकरा राखी बांधेंगे. संतोष पिछले साल रिंकेश की बहन पिंकी की शादी में उसके घर गया था और अपनी करीबी रिश्तेदार की लड़की से शादी करने के लिए रिंकेश के पिता विजय कुमार सिंह व मां सुमित्रा देवी से बातचीत की थी.
देखते-देखते दोस्ती दुश्मनी में बदली
दानापुर. देखते-ही-देखते दोस्ती दुश्मनी में बदल गयी. घर बसाने से पहले ही दोस्त लांसनायक संतोष कुमार सिंह ने सैनिक रिंकेश का घर उजाड़ दिया. वहीं, संतोष ने खुद को गोली मार अपना भी घर उजाड़ दिया. इस घटना ने दोनों परिवारों को झकझोर कर रख दिया है. मृतक संतोष की पत्नी रिंकी सिंह रोते-बिलखते कह रही थी कि अब केकरा भरोसे जीवन कटत. कौन आयुष के देखभाल करतई. रिंकी बार-बार बेहोश हो जा रही थी. होश में आने पर अपने ससुर धर्मदेव सिंह समेत परिजनों से पति की एक झलक दिखाने को कह रही थी
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बुझ गया घर का इकलौता चिराग
आरा. आरा सदर प्रखंड के धोबहां गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया है. अपने गांव के बेटे रिंकेश की मौत की खबर मिलते ही गांव में कोहराम मच गया. बेटे की हत्या की खबर सुन कर रिटायर्ड आर्मी मैन विजय कुमार सिंह की हालत गंभीर हो गयी है. उन्हें काठ मार गया है. वहीं, मां सविता देवी बेहोश होकर गिर पड़ी. पूरे परिवार का रोते-रोते बुरा हाल है. परिवार के सदस्यों को यकीन भी नहीं हो रहा है कि आखिर रिकेश की हत्या क्यों की गयी. बेटे के सेना में बहाल होने के बाद शादी को लेकर अगुवा गांव पर आते थे. मन-ही-मन घर में शादी की तैयारी भी चल रही थी. इसी वर्ष शादी करने की बात भी पक्की होनी थी, तभी इस हादसे ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया.

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