धनरूआ में गार्ड को गोली मार कर इलाहाबाद बैंक के 45 लाख लूटे
मसौढ़ी/पटना : मसौढ़ी के इलाहाबाद बैंक से मंगलवार को निजी बोलेरो से पटना कैश जमा करने आ रहे गार्ड रामबाबू सिंह को धनरूआ थाने के नीमा गांव के पास बाइक सवार अपराधियों ने गोली मार दी और 45 लाख रुपये लूट लिये. अपराधी गार्ड की दोनाली बंदूक भी लूट कर अपने साथ ले गये.
इसकी जानकारी मिलते ही मौके पर डीआइजी राजेश कुमार व एसएसपी मनु महाराज दल-बल के साथ पहुंचे. उनके पूर्व धनरूआ थानाध्यक्ष रोहन कुमार भी पहुंच चुके थे. इसके बाद एनएच-83 व एसएच-01 की नाकेबंदी कर वाहनों की तलाशी ली गयी, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी.
जांच में लखना की ओर अपराधियों के भागने की बात सामने आने के बाद उस इलाके में सर्च अभियान चलाया. बाद में पुनपुन थाने सरैया गांव से आगे सड़क किनारे पानी भरे गड्ढे से खाली बक्सा बरामद किया गया. पुलिस फिलहाल इलाहाबाद बैंक की मसौढ़ी शाखा के कैशियर गौतम गोविंदम व एक अन्य कर्मचारी योगेंद्र विश्वकर्मा और घायल गार्ड रामबाबू सिंह (लक्ष्मीचक, भदौर, मसौढ़ी)से पूछताछ कर रही है.
मिली जानकारी के मुताबिक दोपहर करीब 1:30 बजे स्थानीय स्टेशन रोड के जानकी मार्केट स्थित इलाहाबाद बैंक से निजी बोलेरो से बैंककर्मी 45 लाख रुपये स्टील के बक्से में लेकर पटना के बुद्ध मार्ग स्थित बैंक की प्रधान शाखा में जमा करने के लिए निकले. बोलेरो में ड्राइवर श्याम कुमार के अलावा बैंक के कैशियर गौतम गोविंदम व एक अन्य कर्मचारी योगेंद्र विश्वकर्मा और गार्ड रामबाबू सिंह सवार थे. रुपये से भरा बक्सा बोलेरो में पीछे रखा था. बोलेरो जैसे ही दोपहर करीब 1:45 बजे धनरूआ थाने के नीमा गांव के पास पहुंची कि एक पुआल लदी पिकअप वैन उनके आगे आ गयी. रास्ता संकरा होने के कारण साइड होने के लिए ड्राइवर श्याम कुमार ने हॉर्न बजाया, लेकिन पिकअप वैन ने साइड नहीं दिया. इसके बाद उसकी मजबूरी बन गयी कि वह पुआल लदी वैन के पीछे-पीछे चले. इसी बीच विपरीत दिशा से दो बाइकों से पांच अपराधी पहुंचे और सामने से बाइक लगा दी. इतने में एक और बाइक से तीन और अपराधी पहुंचे.
ड्राइवर श्याम कुमार के अनुसार, उनमें से एक ने उस पर फायर किया, लेकिन वह मिस कर गया. इसके बाद दूसरे अपराधी ने उससे गाड़ी की चाबी छीन ली. गार्ड रामबाबू सिंह जब तक एक्शन में आता, इसके पूर्व ही एक अन्य अपराधी ने उस पर दो फायर कर दिये. दोनों गोलियां उसके बायें हाथ में लगीं और वह घायल हो गया. इसके बाद अपराधियों ने बोलेरो में पीछे की सीट पर रखे रुपये से भरे बक्से को उठाया और भाग गये. ड्राइवर श्याम ने बताया कि इसके पूर्व भी वह कई बार उस गाड़ी से बैंक की रकम पटना ले जा चुका है. यह गाड़ी किसी और की है, वह बस इसे चलाता है. घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर धनरूआ पुलिस के अलावा अनुमंडल के अन्य थानों की पुलिस, डीआइजी राजेश कुमार, एसएसपी मनु महाराज, ग्रामीण एसपी ललन मोहन प्रसाद, सिटी एसपी विशाल शर्मा दल-बल के साथ पहुंचे और मामले की छानबीन की.
दिक्कतें आती हैं, इसलिए पुलिस से सहयोग नहीं लेते : शाखा प्रबंधक
इलाहाबाद बैंक के शाखा प्रबंधक मनोज कुमार का कहना था कि वरीय अधिकारी का यह निर्देश है कि 40-45 लाख रुपये से अधिक राशि होने पर उसे पटना भेज दिया जाये. पूर्व में भी उन्होंने दूसरी बोलेरो से राशि पटना भेजी है. शाखा प्रबंधक ने बताया कि राशि भेजने के लिए थाना पुलिस का सहयोग लेने में दिक्कतें आती हैं. इस कारण हम पुलिस का सहयोग नहीं मांगते हैं.
संदेह के घेरे में बैंक के स्टाफ
एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि इस लूटकांड में बैंक के स्टाफ की मिलीभगत हो सकती है. इसकी भी जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि पूर्व में ही बैंकों के साथ हुई मीटिंग में यह निर्देश दिया गया था कि बैंक से बड़ी राशि ले जाने और लाने के पहले संबंधित थानों की पुलिस को इसकी सूचना बैंक दे, ताकि उसे सुरक्षा मुहैया करायी जा सके.
इसके बावजूद बैंक ने इस पर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि बैंक से राशि निजी वाहन से नहीं, बल्कि वैन से ले जानी चाहिए थी. उन्होंने बताया कि यह घटना इस क्षेत्र की पुलिस की शिथिलता का परिणाम है.
उठते सवाल
एक 50 वर्षीय गार्ड के सहारे 45 लाख रुपये को ले जाने का रिस्क क्यों लिया गया?
इतनी बड़ी रकम बोलेरो से क्यों ले जायी जा रही थी?
कैश ले जाने के पूर्व पुलिस को क्यों नहीं सूचना दी गयी?
