पटना: बरसात के मौसम में त्वचा संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही है. आम लोगों पर बरसाती कीड़े आफत बनकर बरस रहे हैं. कीड़ों को पनपने के अनुकूल माहौल के कारण ना केवल मच्छर, मकड़ी, ततैया और भंवरा के साथ पेडरस, बेडबग्स, टिक्स जैसे कीड़े के साथ भी परेशान कर रहा है. इस कारण फंगल इंफेक्शन ने एलर्जी लोगों को परेशान कर रखा है.
जिन्हें कीड़ों के डंक से एलर्जी होती है उन्हें गंभीर इंफेक्शन होता है. इसके लक्षणों में कीट के काटने पर त्वचा सूजन और लालिमा हो सकती है जो एक या अधिक सप्ताह तक रह सकती है. इसके अलावा जी मचलाना, चक्कर और थोडा बुख़ार हो सकता है. यही नहीं कुछ कीड़े तो छोटे बच्चों की जान का भी कारण बन जाते हैं. बरसात के जमाव वाले गंदे पानी में जमा होने के कारण इन कीड़ों का प्रभाव और मारक हो जाता है.
2 प्रकार के होते हैं कीड़े
कीट विज्ञानियों के अनुसार कीड़े दो प्रकार के होते हैं. परजीवी और वेक्टर कीड़े अलग अलग तरीके से प्रभावित करते हैं. परजीवी कीड़ा काटता है तो सीधा प्रभावित करता है तो वेक्टर जनित कीड़े रोगों के कारक को बढाने वाले होते हैं. परजीवियों में छेदने, चूसने वाले और काटने के साथ ही चबाने वाले कीड़े होते हैं. वेक्टर जनित कीड़े लार लार छोड़ते हैं. इससे त्वचा में एलर्जी हो सकती है जिससे काटने के आसपास का क्षेत्र लाल, खुजली और कभी-कभी सूजना चालू हो जाता है. एक डंक से ही त्वचा एक स्थायी एलर्जी का कारण बनता है और यही घाव बना देता है जो दर्द और खुजली को जन्म देता है.
सीधे बीमार करते हैं बरसाती कीड़े
कीट विज्ञानी और पटना साइंस कॉलेज के प्राचार्य डॉ एसके श्रीवास्तव कहते हैं कि बरसाती कीड़े सीधे बीमार करते हैं. कीड़ों के काटने के बाद शरीर में इंफेक्शन के बाद बुखार भी आ जाता है और जो तब तक बना रह सकता है जब तक इंफेक्शन पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाता.
बचाव के उपाय
शाम के वक्त खिड़की बंद हो, हर खुली जगह पर जाल लगा लें.
लाइट जला कर नहीं सोना चाहिए, नाइट बल्ब भी नहीं जलाएं
पूरी बाजू के कपड़े पहनें
शरीर की सफाई पर ध्यान दें. आसपास भी गंदगी न फैलाएं
शाम के वक्त खिड़की बंद हो, हर खुली जगह पर जाल लगा लें.
कीड़े के काटने के बाद लक्षण
1. शरीर पर दाने व चकत्ते
2. त्वचा पर दर्द के साथ सूजन
3. हाथ-पैरों
में खुजली
4. अंदरूनी हिस्सों में लाल, सफेद व पीले दाने होना
5. इंफेक्शन
के बाद बुखार
