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भागलपुर में गबन के बाद आदेश, सभी जिलों के सरकारी खातों की होगी जांच

सख्ती : भागलपुर में गबन सामने आने के बाद आदेश पटना : भागलपुर में 302.70 करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने सभी जिलों के सरकारी बैंक एकाउंट की जांच का आदेश दिया है. मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने गुरुवार को कहा कि सभी जिलाें के डीएम को […]

सख्ती : भागलपुर में गबन सामने आने के बाद आदेश
पटना : भागलपुर में 302.70 करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने सभी जिलों के सरकारी बैंक एकाउंट की जांच का आदेश दिया है.
मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने गुरुवार को कहा कि सभी जिलाें के डीएम को अपने यहां के सरकारी खातों के अपडेट की जांच कराने का आदेश दिया गया है. जांच के अनुसार भागलपुर जिले में डीएम के फर्जी हस्ताक्षर से 302.70 करोड़ का गबन किया गया है. इनमें भू-अर्जन विभाग के 270 करोड़, सीएम नगर विकास योजना के 17.70 करोड़ और जिला प्रशासन के 15 करोड़ रुपये शामिल हैं. जांच में फर्जीवाड़े की राशि बढ़ने की आशंका है.
इसका खुलासा एक चेक के बाउंस करने के बाद हुआ है. जब शुरुआती जांच की गयी, तो किसी खाते में जीरो तो किसी खाते में पांच से सात लाख रुपये दिखा रहे थे, जबकि इनमें करोड़ों रुपये होने चाहिए थे. आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने एसआइटी गठित कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है.
अब तक तीन प्राथमिकी भी दर्ज हो चुकी है. सृजन महिला विकास समिति के पदधारकों, जिस बैंक में एकाउंट थे, वहां के अधिकारियों और सरकारी कर्मचारी, जो इसके प्रभार में थे, उन पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है और सृजन महिला विकास समिति की सचिव प्रिया कुमार फरार हैं.
मुख्य सचिव ने बताया कि भागपुर के डीएम के फर्जी हस्ताक्षर से करोड़ों की राशि एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर की गयी है.
इस पूरे मामले में उन्होंने बैंक अधिकारियों की संलिप्तता से भी इनकार नहीं किया. उन्होंने कहा कि कोई किसी को एक-दो लाख का चेक देता है, तो बैंक के अधिकारी फोन कर उससे वेरिफाइ करते हैं, लेकिन जब 100 करोड़ निकालने की बात आयी, तो किसी प्रकार से वेरिफाइ नहीं किया गया.
उन्होंने बताया कि एक चेकबुक गायब होने की भी शिकायत थी, लेकिन बाद में उसी चेकबुक से राशि निकालने का भी मामला सामने आया है और राशि सृजन के खाते में ट्रांसफर की गयी. इससे चेक रखने वालों पर भी शक की सूई जा रही है.
सरकारी राशि की अवैध निकासी कर मुंबई तक ट्रांसफर
भागलपुर : सृजन महिला विकास सहयोग समिति से जुड़ी सरकारी योजना की राशि अवैध तरीके से निकासी मामले की जांच में कई परतें खुलती जा रही हैं.
जांच में यह बात सामने आयी है कि अवैध तरीके से राशि की निकासी कर उसका ट्रांसफर मुंबई तक किया गया है. मामले को लेकर गुरुवार को इंडियन बैंक और बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में बैंक अधिकारियों से पुलिस ने घंटों पूछताछ की. जिला नाजिर अमरेंद्र यादव फरार हो चुका है. जिला प्रशासन द्वारा एक और एफआइआर कराये जाने की तैयारी की जा रही है. सरकारी पैसे के धोखाधड़ी का मामला 350 करोड़ तक पहुंच गया है.
इसके और आगे बढ़ने की आशंका जतायी जा रही है. बुधवार तक लगभग 302 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला सामने आ चुका था. गुरुवार को पता चला है कि सहकारिता बैंक के 48.72 करोड़ रुपये इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा से गायब हैं. बताया जा रहा है कि ये पैसे भी जमीन के कारोबार में लगाये गये और सृजन से जुड़े लोगों के नाम से फ्लैट खरीदे गये. इस नये फर्जीवाड़े को लेकर भी प्राथमिकी दर्ज कराने की तैयारी चल रही है.
ऐसा माना जा रहा है कि यह राशि भी सृजन के खाते में गया है. लगातार इस तरह के घोटाले सामने आने के बाद विभिन्न विभागों की फाइल भी खंगाली जा रही है. जिला कल्याण विभाग की फाइल भी खंगाली जा रही है. पुलिस की टीम ने गुरुवार को बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज को जब्त किया है.
इंडियन बैंक के जोनल मैनेजर से पूछताछ
इस फर्जीवाड़े को लेकर गुरुवार को कई को हिरासत में लिया गया गये और बैंक अधिकारियों से पूछताछ की गयी.आर्थिक अपराध इकाई के आइजी जेएस गंगवार, भागलपुर जोनल आइजी सुशील मानसिंह खोपड़े, रेंज डीआइजी विकास वैभव और एसएसपी मनोज कुमार ने अलग-अलग टीम बना कर लोगों से पूछताछ की. इंडियन बैंक के जोनल मैनेजर बुद्ध सिंह को भी पूछताछ के लिए गुरुवार को बुलाया गया था.
सुबह सभी वरीय अधिकारी एसएसपी आवास पर थे. जोनल मैनेजर की आने की सूचना मिलने पर डीआइजी और सिटी डीएसपी एसएसपी आवास से सर्किट हाउस पहुंचे और बुद्ध सिंह के साथ ही भागलपुर शाखा के सहायक प्रबंधक परमानंद कुमार से कई घंटे तक पूछताछ की.
चार लोग गिरफ्तार!
इस मामले में चार लोगों के गिरफ्तार किये जाने की सूचना है. इनमें भू-अर्जन विभाग के नाजिर राकेश कुमार झा, इंडियन बैंक के मो तौहिद, सृजन से जुड़े सतीष झा और भीखनपुर से उठाये गये बाबू लाल के नाम सामने आ रहे हैं. यह भी चर्चा है कि इशाकचक इलाके से एक और व्यक्ति को उठाया गया है. हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की.
नेताओं की होती थी बैठकी
इस मामले में कई रसूखदारों की गरदन फंस सकती है. इओयू की टीम और पुलिस द्वारा लगातार छापेमारी और पूछताछ जारी है.
विभिन्न लोगों से हुई पूछताछ में यह बात सामने आयी है कि सृजन के कार्यालय में कई नेताओं व विभिन्न संगठन के लोगों की बैठकी हुआ करती थी. आर्थिक अपराध इकाई व पुलिस के पदाधिकारियों की ऐसे लोगों पर नजर बनी हुई है.

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