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राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में मीरा के साथ बैठे नीतीश

नयी दिल्ली : देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली. रामनाथ कोविंद को 14वें राष्ट्रपतिकेरूप में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश जेएस खेहर ने शपथ दिलायी. शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रपति को 21 तोपों को सलामी दी गयी. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, […]

नयी दिल्ली : देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली. रामनाथ कोविंद को 14वें राष्ट्रपतिकेरूप में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश जेएस खेहर ने शपथ दिलायी. शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रपति को 21 तोपों को सलामी दी गयी. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री और सांसद मौजूद रहे.इसअवसरपर यूपीए की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी रहीं मीरा कुमार और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगल-बगल की सीटों पर बैठे नजर आएं. वहीं, नीतीश कुमार के पास वाली सीट पर ही पूर्व सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह भी मौजूद थे.इन प्रमुख नेताओं के बैठने की इस तरह व्यवस्था की गयी थी.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शपथ लेने के बाद पहली पंक्ति में मौजूद मीरा कुमार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले. मालूमहो कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने मीरा कुमार को अपना राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाया था, लेकिन नीतीश कुमार ने एनडीए उम्मीदवार के रूप में रामनाथ कोविंद का समर्थन किया था. इसके बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार को मीरा कुमार का समर्थन करने की अपील की थी. इसको लेकर दोनों पार्टियों की ओर से काफी बयानबाजी हुई थी. हालांकि, नीतीश कुमार अपने निर्णय पर कायम दिखे और जदयू ने रामनाथ कोविंद के पक्ष मतदान किया.

नीतीशनेकहा था, मीरा कुमार को हराने के लिए विपक्ष ने बनाया उम्मीदवार
बिहार के मुख्यमंत्री सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने विपक्ष की ओर से मीरा कुमार को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाये जाने को लेकर कांग्रेस और राजद पर जमकर निशाना साधा था. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी से बाहर निकलते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष पर जोरदार निशाना साधतेहुए पूछाथा कि ‘क्या बिहार की बेटी का चयन हारने के लिए किया गया है.’ रामनाथ कोविंद के साथ मजबूती से खड़े नीतीश कुमार ने कहा था कि विपक्ष ने मीरा कुमार को उम्मीदवार बना कर बड़ी भूल की है. उन्होंने कहा, मीरा कुमार को हराने के लिए नहीं, बल्कि जीताने के लिए उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए था.

नीतीश से मुलाकात नहीं कर पायी थीं मीरा
राष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्षी दलों की उम्मीदवार मीरा कुमार अपने पक्ष में समर्थन जुटाने के क्रम में बिहार के अपने दो दिवसीय दौरे पर पटना पहुंची थीं. मीरा कुमार के पटना आने से पहले ही सीएम नीतीश कुमार दो दिनों के लिए राजगीर प्रवास पर चले गये थे और दोनों के बीच संभावित मुलाकात नहीं सकी थी. मीडिया और राजनीतिक हल्के में यह अटकलें लगायी जा रही थींकि नीतीश से मिलकर मीरा कुमार उनसे राजग के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन करने के अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह करेंगी. हालांकि, उनकी पूर्व से मुलाकात तय नहीं होने और मीरा के यहां पहुंचने पर नीतीश के स्वास्थ्य कारणों से राजगीर के लिए रवाना हो जाने से इसकी संभावनाभी खत्म हो गयी थी.

नीतीश के रुख से ‘आहत’ मीरा ने कहाथा, करीबी भी कभी-कभी छोड़ देते हैं साथ
राष्ट्रपति चुनाव में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की भूमिका को लेकर विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार की पीड़ा भी साफ झलकी थी. मीरा कुमार ने कहाथा कि कभी नजदीकी भी साथ छोड़ देते हैं. अपने लिए वोट मांगने देहरादून पहुंची मीरा कुमारने पत्रकारों के इस संबंध में पूछे गये एक सवाल के जवाब ये बातें कही थीं. मीरा से पूछा गया था कि आपकी आवाज क्या नीतीश कुमार की अंतरात्मा तक नहीं पहुंच पायी. इसके जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि अंतरात्मा को पुकार का प्रभाव जरूर पड़ता है.

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