पटना : राजद प्रमुख लालू प्रसाद द्वारा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के इस्तीफे और सरकार को लेकर दो टूक जवाब के बाद पार्टी की लाइन साफ हो गयी है. शनिवार को जदयू प्रवक्ताओं के बयान के बाद राजद की ओर से विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि बड़े भाई (राजद के 80 विधायक) के नाते छोटे भाई (जदयू के 71 विधायक) को ताज सौंप दिया गया है. उन्होंने कहा कि ताज की लाज रखना अब उनकी जिम्मेवारी है.
राजद विधायक ने जदयू प्रवक्ताओं द्वारा की जा रही बयानबाजी पर किसी का नाम लिये बगैर कहा कि महागठबंधन में कुछ लोग भाजपा की भाषा बोल रहे हैं. गठबंधन में रहकर घटक दल के लोगों द्वारा बाहर बोलने से यह स्पष्ट हो रहा है किये लोग भाजपा से मिले हुए हैं. यह गठबंधन के लिए ठीक नहीं है.
गौर हो कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद द्वारा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को लेकर पार्टी का स्टैंड साफ किये जाने के बाद राजद में शनिवार को शांति बनी रही. इधर, रात होते ही पार्टी के मंत्री व विधायक व नेता का लालू प्रसाद के आवास 10 सर्कुलर रोड पहुंचे. यहां पर देर रात तक नेताओं की लालू प्रसाद से बातचीत होती रही. लालू प्रसाद से मिलनेवालों में वित्तमंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, श्रम संसाधन मंत्री विजय प्रकाश, परिवहन मंत्री चंद्रिका राय, विधायक भाई वीरेंद्र, ललित यादव, श्रीनारायण यादव, शिवानंद तिवारी, तनवीर हसन, अशरफ अली फातमी सहित अन्य नेता पहुंचे.
सोशल मीडिया पर राजद ने खोला मोरचा
इधर, महागठबंधन में छिड़ी जंग के बीच राजद ने सोशल मीडिया पर मोरचा खोल दिया है. राजद के आधिकारिक ट्वीटर पर आइ स्टैंड विद लालू यादव हैसटैग चलाया जा रहा है. पहली बार यह ट्वीटर पर ट्रेंड किया है. राजद की ओर से लिखा गया कि राम से बचा ना रावण, कृष्ण से बचा ना कंस, लालू से क्या बचेगा मोदी और तेरा वंश.
राजद के मीडिया प्रभारी प्रगति मेहता ने लिखा, लालू खत्म तो शोषितों व पिछड़ों की आवाज भी खत्म. इसलिए उठो, जागो और संघर्ष करो. फिर लिखा, तुम लाख गाली दो लेकिन शेर-ए-हिंदुस्तान लालू यादव झुकने वाले नहीं हैं. शोषितों वंचितों के साथ खड़े रहेंगे. इस अभियान के माध्यम से राजद सीधे तौर पर जातीय कार्ड को खोल दिया है. साथ ही भाजपा को भी जवाब दिया जा रहा है. राजद समर्थकों का कमेंट है कि लालू तो लालू हैं. लालू न झुकते हैं और नहीं रूकते हैं. लालू को चाहे जितना दबाओ पर लालू ललकार हैं, हुंकार हैं और आंदोलन हैं.
एक ने लिखा है कि लालू शोषक तबकों को गड़ते हैं क्योंकि वे पीड़ितों के लिए लड़ते हैं.वहींएक अन्य ने लिखा है कि भ्रष्टाचार पर लालू का बचाव नहीं किया जा सकता पर ये तो याद किया जा सकता है कि मोदी भय से जब नीतीश कुमार का गला सूख रहा था तो लालू को ही गले लगाया था.
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