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पटना एम्स का ड्रोन अब 120 किमी रफ्तार से उड़ेगा, आपदा व बाढ़ में 200 किमी के दायरे तक दवाएं भेजने की है क्षमता

इस सुविधा के लिए एम्स वर्टिप्लेन एक्स-3 ड्रोन मॉडल का इस्तेमाल करेगा. इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र (एनएचएसआरसी) तकनीकी सहायता प्रदान करेगा. बताया जा रहा है कि 100 से 120 किमी प्रति घंटा से उड़ान भर करीब 200 किमी की दूरी कवरेज करेगा.

आनंद तिवारी, पटना. केंद्र सरकार के ड्रोन प्रोजेक्ट में शामिल पटना एम्स 200 किलोमीटर दूरी पर भी जीवन रक्षक सामग्री पहुंचा सकेगा. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू इस योजना का दायरा बढ़ाने की तैयारी में एम्स प्रशासन जुट गया है. एम्स ड्रोन की मदद से आपदा और बाढ़ में फंसे लोगों को भी दवाएं व जरूरत की सामग्री मुहैया करायेगा.

ड्रोन को पटना एम्स ने लांच किया था

जानकारों की मानें, तो इस सुविधा के लिए एम्स वर्टिप्लेन एक्स-3 ड्रोन मॉडल का इस्तेमाल करेगा. इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र (एनएचएसआरसी) तकनीकी सहायता प्रदान करेगा. बताया जा रहा है कि 100 से 120 किमी प्रति घंटा से उड़ान भर करीब 200 किमी की दूरी कवरेज करेगा. यहां बता दें कि हाल ही में ड्रोन को पटना एम्स ने लांच किया था, जिसका सफल ट्रायल भी एम्स के निदेशक डॉ जीके पाल की देखरेख में किया जा चुका है.

बाढ़ के दौरान ड्रोन होगा मददगार

एम्स के निदेशक डॉ जीके पाल ने बताया कि एम्स से बाहर ड्रोन के ट्रायल की तैयारी शुरू की जायेगी. क्योंकि बरसात के सीजन में पटना से सटे जिले व बड़े इलाके में जहां नदियां उफना जाती हैं. बाढ़ में हजारों गांव डूब जाते हैं. वह मुख्य व संपर्क मार्गों से कट जाते हैं. ऐसे में गांव तक दवा पहुंचाने में ड्रोन सबसे मुफीद रहेगा.

ड्रोन की क्षमता 50 से लेकर 200 किमी तक

ड्रोन की क्षमता 50 से लेकर 200 किमी के दायरे में दवाएं पहुंचाने की है. जरूरत पड़ी तो पास के जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज अस्पतालों से भी मदद ली जायेगी. तय जगह पर ड्रोन पैड बनाये जायेंगे, जहां आसानी से ड्रोन उड़ान भर सकता है व उतर सकता है. इसकी मदद से इमरजेंसी मेडिसिन, वैक्सीन को 50 से लेकर 200 किमी के दायरे में भेजा जा सकेगा.

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यह है ड्रोन की खासियत

एम्स में संचालित ड्रोन बनाने वाली कंपनी की स्थापना जुलाई 2015 में हुई थी और इसकी शुरुआत आइआइटी कानपुर के हॉस्टल गैरेज में हुई थी. 2018 में इसने लखनऊ स्थित फूड डिलिवरी स्टार्टअप के साथ साझेदारी में ड्रोन के माध्यम से दुनिया की पहली चाय की डिलीवरी की गयी थी.

ड्रोन में दो प्रोपल्शन सिस्टम होते हैं

वर्टिप्लेन एक्स 3 सबसे तेज मेड-इन-इंडिया हाइब्रिड इ-वीटीओएल (इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग) ड्रोन है. ड्रोन में दो प्रोपल्शन सिस्टम होते हैं, एक वर्टिकल मोशन के लिए और दूसरा फॉरवर्ड मोशन के लिए. करीब 15 किलोग्राम भार वहन क्षमता है. ड्रोन की कीमत करीब 10 लाख रुपये है.

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