नवादा न्यूज : गिरफ्तार अभियुक्त को कोर्ट ने जेल भेजने से किया इंकार
नवादा कार्यालय.
अभियुक्तों को उनके अधिकारों से वंचित किये जाने के मामले में द्वितीय अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने अनुसंधानकर्ता को फटकार लगायी तथा जेल भेजने से इंकार कर दिया. मामला पकरीबरावं थाना कांड संख्या-117/25 से जुड़ा है. जानकारी के अनुसार, 15 मार्च 2025 को मारपीट से संबंधित दतरौल गांव निवासी मिथलेश मांझी की ओर से कांड दर्ज कराया गया. सूचक के आवेदन के आधार पर पकरीबरावं पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी. प्राथमिकी के अनुसार अनुसंधानकर्ता का यह दायित्व था कि कांड के नामजद अभियुक्तों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 35 के तहत नोटिस निर्गत कर उन्हें बांड पर मुक्त कर दें. किंतु, अनुसंधानकर्ता ने अपनी वर्दी का रौब दिखाते हुए कांड के नामजद अभियुक्त दतरौल गांव निवासी सन्नी पासवान, पंकज पासवान तथा जीतन पासवान को 22 मार्च की आधी रात में गिरफ्तार कर पकरीबरावां थाना के हाजत में बंद कर दिया. 23 मार्च को कांड के अनुसंधानकर्ता ने उन तीनों युवक को जेल भेजने के लिए द्वितीय अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सुष्मिता कुमारी के समक्ष पेश किया. जिला विधिक सेवा प्राधिकार से प्रतिनियुक्त रिमांड अधिवक्ता उमेश्वर प्रसाद सिंह के विरोध किये जाने पर अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने गिरफ्तार तीनों युवक को जेल भेजने से इंकार कर दिया तथा अनुसंधानकर्ता को कड़ी फटकार लगायी. विवश होकर अनुसंधानकर्ता सहायक आरक्षी निरीक्षक ओम प्रकाश कुमार ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 35 के तहत गिरफ्तार तीनों अभियुक्तों को मुक्त किया. इस मामले में पकरीबरावं पुलिस की काफी किरकिरी हो रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है