अपने मन को शांत रखना है़ तो लोगों को अध्यात्म के मार्ग पर चलना होगा – प्रभजनानंद प्रतिनिधि, हिसुआ. हिसुआ में श्रीदुर्गा पूजा समिति प्रोफेसर कॉलोनी देवी स्थान में संगीतमय श्रीरामा कथा के दौरान स्वामी प्रभजनानंद कथावाचक के रूप में श्रीरामचरित्र मानस की कथा सुना रहे हैं. इसमें मुन्नाजी परिवार सहित भगवान श्रीराम के दरबार एवं व्यासपीठ की पूजा की गयी. कमेटी की ओर से अतिथियों को सम्मानित किया गया. श्रीराम कथा के दौरान भगवान श्रीराम का विवाह उत्सव मनाया गया. जैसे ही स्वामी प्रभजनानंद ने प्रभु राम के विवाह का प्रसंग सुनाया, तो चारों तरफ आओ सखियों मिल गाओ बधाई राम की बारात जनकपुर आई, आओ सखी गावो बधाई राम का विवाह आओ रे…, से मंदिर प्रांगण गूंजने लगे. श्री रामायण कथा में प्रभु श्रीराम व शिव की महिमा का वर्णन करते स्वामी प्रभंजनानंद ने कहा कि रामजी का विवाह संपन्नता का प्रतीक है और शिव भगवान का विवाह सादगी का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि दोनों विवाह हमें संदेश देते हैं कि अगर आप संपन्न हैं, तो राम की तरह विवाह धूमधाम से करें नहीं, तो शिव की तरह सादगी से करें. समाज के रीति-रिवाजों को दूर कर सामाजिक प्रथा की शर्म न करते हुए कर्ज लेकर अपने बच्चों की शादी नहीं करें. इस दौरान प्रभजनानंद ने सिया रघुवर जी के संग परन लागी भंवरिया, झुक जाइयो तनिक रघुवीर सिया मेरी कहती है… जैसे राम विवाह के भजनों का भी गुणगान किया. कथा में आरती करने वाले श्रद्धालु को श्रीराम का पट्टी व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया. कमेटी के अध्यक्ष नवीन सिंह ने बताया कि एक अक्तूबर बुधवार तक भव्य संगीतमय श्रीराम कथा आयोजन जारी रहेगा. इस आयोजन को सफल बनाने में गोल्डन सिंह, पंकज सिंह, कौशलेंद्र कुमार, आजाद, शिवम्, चिंटू, राजू, अनुराग, पुरुषोत्तम, अजय सिंह, मुख्य पुजारी रंजीत कुमार आदि लगे हैं.
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