जर्जर बिजली तार और पोल को दुरूस्त करने की मांग
प्रतिनिधि, रजौली
मानसून की वर्षा और उमस भरी गर्मी के बीच रजौली के लोग लगातार हो रही बिजली कटौती से बेहाल हैं. बिजली के आने-जाने का कोई समय निर्धारित नहीं है, जिससे आम जनता के साथ छात्रों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों ने बिजली विभाग से इस समस्या का तत्काल समाधान करने की अपील की है. बिजली उपभोक्ताओं का कहना है कि बिहार सरकार द्वारा 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना लागू होने के बाद से ही बिजली की स्थिति और खराब हो गयी है. उपभोक्ता संतोष कुमार, कैसर अंसारी, डब्लू अंसारी और राम रतन गिरी सहित कई लोगों ने आरोप लगाया कि जब यह योजना लागू नहीं थी, तब बिजली आपूर्ति काफी हद तक स्थिर थी. अब थोड़ी सी बारिश होते ही बिजली काट दी जाती है, जिससे उमस भरी गर्मी में पंखा, कूलर और एसी जैसे उपकरण भी बेकार हो जाते हैं.बिजली के तार लटके और जर्जर हालत में, हादसे का डर
स्थानीय लोगों ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में बिजली के तार काफी लटके हुए और जर्जर हालत में हैं, जिससे बिजली कटौती एक आम बात हो गयी है. इन लटके तारों से दुर्घटनाओं का खतरा भी बना रहता है. कुछ दिन पहले ही पचंबा गांव में करेंट लगने से एक युवक की मौत हो गयी थी, बावजूद इसके विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. ग्रामीणों ने मांग की है कि बिजली के तारों को दुरुस्त किया जाए, ताकि नियमित आपूर्ति सुनिश्चित हो सके और हादसों से बचा जा सके.क्या कहते हैं सहायक अभियंता
जब इस संबंध में रजौली बिजली विभाग के सहायक अभियंता राहुल कुमार से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि बिजली कटौती केवल तभी की जाती है, जब कहीं से शटडाउन का अनुरोध आता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

