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कलश स्थापना के साथ नवरात्र कल से, शहर में गूंजेंगे जय मां दुर्गे का उद्घोष

NAWADA NEWS.आस्था और श्रद्धा का महापर्व नवरात्र सोमवार से प्रारंभ हो रहा है. दस दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत कलश स्थापना से होगी. नगर के मंदिरों, पूजा पंडालों और घर-आंगनों में भक्तिमय वातावरण बन चुका है.

नवरात्र को लेकर शहर का माहौल भक्तिमय, बाजारों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

कलश 60 से 150 रुपये तक बिक रहे, सफाई व्यवस्था पर उठे सवाल

प्रतिनिधि, नवादा नगर

आस्था और श्रद्धा का महापर्व नवरात्र सोमवार से प्रारंभ हो रहा है. दस दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत कलश स्थापना से होगी. नगर के मंदिरों, पूजा पंडालों और घर-आंगनों में भक्तिमय वातावरण बन चुका है. श्रद्धालु मां दुर्गा की आराधना के लिए उत्साहित हैं और जय माता दी के जयघोष से गलियां गूंजने लगी हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, 22 सितंबर सोमवार को घटस्थापना का शुभ समय सुबह 06:09 बजे से 08:06 बजे तक रहेगा. इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त 11:49 से 12:38 बजे तक भी साधक कलश स्थापना कर सकते हैं. ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि इस समय में कलश स्थापना करने से देवी दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

जलयात्रा से गूंजेगा नगर

कलश स्थापना से पहले नगर में भव्य कलशयात्रा निकाली जायेगी. ढोल, बाजा, भांगड़ा और घोड़ों के साथ यह यात्रा भक्तिमय माहौल का सृजन करेगी. सूर्यधाम मंदिर, शोभनाथ मंदिर, गढ़ पर सूर्य मंदिर आदि पवित्र स्थलों से जल भरकर श्रद्धालु पूजा पंडालों में ले जायेंगे. महिलाओं और युवतियों की टोली लाल चुनरी ओढ़े, माथे पर तिलक लगाकर जल कलश लेकर चलेगी. बैंड-बाजे और भक्ति गीतों से पूरा नगर गुंजायमान होगा. न्यू एरिया पूजा पंडाल सहित कई समितियों ने विशेष तैयारी की है.नगर पूजा समिति के सचिव नरेश कुमार ने बताया कि इस यात्रा में महिला श्रद्धालु भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगी.

बाजारों में भक्ति और रौनक का संगम

नवरात्र को लेकर बाजारों में विशेष चहल-पहल देखी जा रही है. श्रद्धालु पूजा सामग्री की खरीदारी में व्यस्त हैं. कलश 60 रुपये से लेकर 150 रुपये तक बिक रहे हैं. इसके साथ ही ढक्कन, दीया, चुनरी, माथे की पट्टी, देवी की तस्वीरें, फल और मिठाई की खूब बिक्री हो रही है. शनिवार को भी श्रद्धालु पूजन सामग्री खरीदते नजर आये. कई समितियां शस्त्र और लाठियों की भी खरीदारी में जुटी है. क्योंकि शक्ति की देवी मां दुर्गा की उपासना में शस्त्र का विशेष महत्व माना जाता है.

सफाई व्यवस्था को लेकर चिंता

इधर, श्रद्धालु जहां भक्तिमय तैयारी में जुटे हैं, वहीं जल भरने के स्थानों पर सफाई की कमी चिंता का कारण बनी हुई है. सूर्यधाम मंदिर और मिर्जापुर सूर्य मंदिर तक जाने वाले मार्गों पर गंदगी का अंबार लगा है. श्रद्धालुओं का कहना है कि पैदल जल लेने जाने वालों को परेशानी झेलनी पड़ेगी. हालांकि, कुछ स्थानों पर स्थानीय लोग स्वयं सफाई अभियान चला रहे हैं.

कलश स्थापना का महत्व और विधि

नवरात्र में कलश स्थापना शक्ति की साधना का प्रथम और महत्वपूर्ण चरण है. माना जाता है कि कलश में देवी दुर्गा का वास होता है.-कलश को ईशान कोण या पूरब-उत्तर दिशा में स्थापित करें.-कलश पर स्वास्तिक का चिह्न बनाकर मौली बांधें.-आठ आम के पत्तों से अष्टभुजी देवी स्वरूप सजाएं.-रोली, चावल, सुपारी, लौंग और सिक्का अर्पित करते हुए कलश स्थापित करें.भक्तों का विश्वास है कि नवरात्र में मां दुर्गा की आराधना से घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है. पूरे नगर में श्रद्धालु मां की पूजा के लिए तन-मन-धन से तैयारियां कर रहे हैं. सोमवार को होने वाली कलश स्थापना से नगर में मां दुर्गा की भक्ति का अनोखा संगम देखने को मिलेगा.

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