घटना की घोर निंदा करते हुए टोला पहुंचकर लोगों से की पूछताछ
प्रतिनिधि, हिसुआडायन बता कर दंपती से मारपीट और पति की हत्या मामले में गुरुवार को अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामपरी और एडवा नवादा जिला की सचिव पुष्पा कुमारी हिसुआ नगर पर्षद पहुंची. हिसुआ पांचूगढ़ दलित टोला पहुंचकर घटना की निंदा की और वहां के लोगों से पूछताछ की. दोनों अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ में यह बातें सामने आयीं की उक्त लोगों की प्रताड़ना के बारे में पुलिस को कई बार जानकारी दी गयी. मृतक और उसकी पत्नी ने आवेदन दिया, लेकिन समय रहते पुलिस ने संज्ञान नहीं लिया. घटना से पहले भी 112 पुलिस आयी, लेकिन कार्रवाई नहीं की. रामपरी ने कहा कि बिहार में डायन प्रथा के खिलाफ 1999 में कानून बना, लेकिन जागरूकता, अशिक्षा के अभाव में दलित, महादलित, आदिवासी और वंचित समुदाय के लोग डायन और जादू-टोना जैसे अंधविश्वास में पड़े हुए हैं. दोनों अधिकारियों ने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने, फास्ट ट्रैक कोर्ट के तहत मामले की जल्द सुनवाई करने, महादलित बस्ती में ऐसी घटना और अंधविश्वास व जादू-टोना के प्रति जागरूक करने, विशेष अभियान चलाने की प्रशासन और सरकार से मांग की. उन्होंने हत्या के शिकार हुए गया मांझी की एकलौती बेटी को नौकरी देने और उसके आवास का निर्माण करने की मांग की. बता दें कि बुधवार को डायन और जादू-टोना का आरोप लगाकर मुहल्ले के कुछ लोगों ने गया मांझी की पीट-पीट कर हत्या कर दी और उसकी पत्नी को अधमरा कर दिया.
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