रेलवे कॉलोनी स्थित पंडाल में बांग्ला परंपरा से खोला गया मां दुर्गा का पट
वैदिक मंत्रोच्चारण और जयकारों से रेलवे कॉलोनी गुंजायमान प्रतिनिधि, नवादा नगर. शहर की रेलवे कॉलोनी स्थित पूजा पंडाल में रविवार को मां दुर्गा की प्रतिमा का पट श्रद्धा और उल्लास के बीच खोल दिया गया. पश्चिम बंगाल से आये पुजारी प्रशांतो चटर्जी ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मां का पट खोला. इसके साथ ही पूरा वातावरण जय मां दुर्गे के जयकारों से गूंज उठा. मां की दिव्य प्रतिमा के दर्शन होते ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी और पंडाल परिसर भक्तिमय हो गया.बांग्ला परंपरा के अनुसार षष्ठी से पूजनोत्सव शुरू
रेलवे कॉलोनी की पूजा की सबसे खास बात यह है कि यहां पूजा-अर्चना पूरी तरह बांग्ला रीति-रिवाज से होती है. बंगाल की परंपरा के अनुसार नवरात्र की षष्ठी तिथि से मां का पट खोला जाता है. इसी दिन तीसरे पहर से पूजा की तैयारी आरंभ हो जाती है. विशालकाय प्रतिमा के समक्ष कलश स्थापना के साथ ही पूजन की औपचारिक शुरुआत की गयी. इससे पहले बेलभरणी का विधान पूरा किया गया. इसमें सकरी नदी से जल लाकर विधि-विधान से माता का पूजन किया जाता है. देर शाम जब मां का पट खोला गया, तो पहले से ही मौजूद श्रद्धालु भक्तों ने जोरदार जयकारों के बीच माता के दर्शन किये.आजादी के बाद से परंपरा जारी
रेलवे कॉलोनी में यह पूजा परंपरा आजादी के बाद 1950 से लगातार निभायी जा रही है. उस समय पीडब्ल्यूआइ बंगाली इंजीनियर की ओर से बांग्ला पद्धति से पूजा-अर्चना की शुरुआत की गयी थी. उसके बाद से हर वर्ष वही परंपरा से पूरी होती आ रही है. इस वर्ष भी पश्चिम बंगाल से आये ब्राह्मण प्रशांतो चटर्जी और रॉबिन चटर्जी ने सभी अनुष्ठानों को संपन्न कराया है. समिति अध्यक्ष चंद्रिका प्रसाद ने बताया कि इस बार का आयोजन अध्यक्ष व अन्य सदस्यों और श्रद्धालुओं में विशेष ऊर्जा भर रहा है.श्रद्धालुओं और लोगों की रही उपस्थिति
पट खुलने के शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे. आरपीएफ सब इंस्पेक्टर महेंद्र कुमार, वरीय प्रशाखा अभियंता कार्य तारकेश्वर प्रसाद, यातायात निरीक्षक राजेश कुमार, बिजली विभाग के पदाधिकारी रंजीत चौधरी, दुर्गा पूजा समिति के कैशियर दयानंद प्रसाद और कृष्णा प्रसाद समेत कई गणमान्य लोग भी उपस्थित होकर इस आयोजन के साक्षी बने. मां दुर्गा की प्रतिमा के दर्शन से पूरा पंडाल भक्ति और आस्था से ओतप्रोत हो गया. श्रद्धालुओं का कहना था कि मां का पट खुलते ही ऐसा लगता है कि मानो सारी सकारात्मक ऊर्जा चारों ओर फैल गयी हो.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

