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एंबुलेंस रहते अर्जुन को रिक्शे से क्यों भेजा अस्पताल!
रजौली : हरदिया पंचायत के रामदासी गांव के रहनेवाले अर्जुन राजवंशी को नौ अप्रैल को पांच लीटर शराब के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. इसको लेकर रजौली थाने में कांड संख्या 68/17 दर्ज है.परिजनों का कहना है कि जब उसे गिरफ्तार किया गया था, तब वह पूर्ण रूप से स्वस्थ था. मंडलकारा में […]
रजौली : हरदिया पंचायत के रामदासी गांव के रहनेवाले अर्जुन राजवंशी को नौ अप्रैल को पांच लीटर शराब के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. इसको लेकर रजौली थाने में कांड संख्या 68/17 दर्ज है.परिजनों का कहना है कि जब उसे गिरफ्तार किया गया था, तब वह पूर्ण रूप से स्वस्थ था.
मंडलकारा में बंद अर्जुन राजवंशी की संदेहात्मक मौत हो गयी. मौत के बाद बगैर पोस्टमार्टम कराये शव को उसके घर तीन बजे सुबह पहुंचा दिया गया. मौत के विरोध में परिजनों ने शव के साथ राजमार्ग संख्या 31 को सुबह से ही जाम कर रखा. घंटों जाम रहने के बाद वहां अनुमंडल पदाधिकारी शंभु शरण पांडेय, एसडीपीओ उपेंद्र यादव व बीडीओ अमरेश कुमार मिश्रा जाम हटाने पहुंचे. वहां उन्हें मृतक के परिजनों का विरोध सहना पड़ा. एसडीओ के लाख समझाने पर भी परिजन नहीं मान रहे थे. परिजनों का आरोप था कि तीन लोग गिरफ्तार हुए थे. इसमें मंझला गांव के मुनिरक यादव, छोटू यादव व अर्जुन राजवंशी थे.
गिरफ्तारी के बाद मुनिरक यादव व छोटू यादव को पैसे लेकर थानाध्यक्ष द्वारा थाने से ही छोड़ दिया गया.अर्जुन राजवंशी द्वारा पैसे नहीं देने पर थानाध्यक्ष व उनके बॉडीगार्ड नागेंद्र द्वारा उसकी जमकर पिटाई की गयी थी. बगैर इलाज कराये ही उसे जेल भेज दिया गया. परिजनों ने कहा कि इलाज नहीं होने के कारण जेल में उसकी स्थिति खराब होती गयी. स्थिति खराब होने पर एंबुलेंस के बजाय उसे रिक्शा से सदर अस्पताल ले जाये जाने के क्रम में उसकी मौत हो गयी. परिजनों का कहना है कि जेल में ही उसकी मृत्यु हो गयी होगी, इसमें संशय नहीं है. बावजूद मौत की सच्चाई सामने न आ सके, इसलिए बगैर पोस्टमार्टम कराये शव को आनन-फानन में तीन बजे सुबह घर पहुंचा दिया गया.
परिजन पूरे प्रकरण की जांच की मांग पर अड़े हैं.अनुमंडल पदाधिकारी शंभु शरण पांडेय के समझाने और आदेश की जांच कर दोषी लोगों पर कार्रवाई किये जाने के आश्वासन के बाद जाम को हटाया गया. डीएसपी उपेंद्र यादव ने बताया कि परिजनों का आरोप है कि दो लाेंगो को थाने से पैसे लेकर छोड़ दिया गया, इसकी जांच की जायेगी. मृतक के परिजन को तत्काल सहायता के रूप में प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा 20 हजार रुपये दिये गये हैं. अर्जुन राजवंशी की मंडल कारा में हुई मौत ने कई सवाल खड़े किये हैं.
मसलन, एंबुलेंस रहते आखिर रिक्शे से सदर अस्पताल क्यों ले जाया गया. स्थिति गंभीर होने के बाद परिजनों को सूचना क्यों नहीं दी गयी, बगैर पोस्टमार्टम कराये शव को घर क्यों पहुंचाया गया. इन सारे सवालों का जवाब प्रशासन को देना होगा.
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