नवादा : पिछले 13 महीनों के संघर्ष के बाद आखिरकार चेयरमैन को सफलता मिल ही गयी. उनके संघर्ष के कारण ही सहकारिता विभाग के एमडी कृष्णा चौधरी का स्थानांतरण हुआ है. एमडी के तबादले की सूचना मिलते ही को-ऑपरेटिव चेयरमैन डॉ लक्ष्मी नारायण सिंह व उनके सहयोगियों ने खुशी का इजहार किया. एमडी कृष्णा चौधरी का तबादला सुपौल हुआ है. चेयरमैन ने बताया कि वर्षो से दीमक की तरह सहकारिता विभाग को खोखला किया जा रहा था.
दिसंबर, 2012 में चेयरमैन का चुनाव हुआ. उस समय से ही उनके द्वारा की जा रही धोखा-धड़ी, जालसाजी व अनियमितता का विरोध शुरू हो गया था. इसकी शिकायत सहकारिता विभाग, पटना में भी कई बार की गयी. शिकायतों के आधार पर ही विभाग ने उनके खिलाफ प्रपत्र क गठित किया और विभागीय कार्रवाई शुरू हुई. श्री सिंह के अनुसार, निबंधन सहयोग समितियां बिहार के आदेशानुसार विशेष टीम गठित कर उनके कार्य अवधि का जांच करने का आदेश दिया गया. एमडी पर बिहार को-ऑपरेटिव सोसाइटी अधिनियम के विरुद्ध मनमाने ढंग से बगैर बैंक के प्रबंध समिति की स्वीकृति लिए कार्य करने का आरोप है.
चेयरमैन ने बताया कि मुख्यमंत्री सह सहकारिता विभाग प्रभारी व प्रधान सचिव बिहार सरकार के ज्ञापांक 466 दिनांक 28 जनवरी, 2014 के अनुसार, एमडी को सभी पदों से मुक्त कर स्थानांतरित किया गया. उन्होंने बताया कि कृष्णा चौधरी को एमडी, डीसीओ, संयुक्त प्रबंधक, मगध प्रमंडल गया, सहायक सहयोग समितियां नवादा का प्रभारी बनाया गया था. स्थानांतरण के बाद गया जिले के डीसीओ विक्रम कुमार झा को उक्त सभी पदों का प्रभारी नियुक्त किया गया है. श्री सिंह ने कहा कि अब एमडी के काले कारनामों का पोल खुलने लगा है.
मौके पर सहकारिता सहयोग समिति के अनिल प्रसाद सिंह, रामचंद्र सिंह, जगदीश यादव, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद सिंह, भाजपा सहकारिता मंच के प्रदेश कार्य समिति सदस्य राम पदारथ सिंह आदि लोग उपस्थित थे.