जिले को हरा-भरा करने को लेकर शुरू हुई कवायद
देखरेख करने पर मिलेगी प्रोत्साहन राशि
नवादा कार्यालय : जिले को हरा भरा करने के लिए पर्यावरण व वन विभाग ने नयी पहल की शुरुआत की है. बढ़ती जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करने, प्राकृतिक संतुलन बनाने व पर्यावरण स्थिरीकरण को लेकर जिले की हरियाली को निश्चित सीमा तक बढ़ाने की कवायद की गयी है.
जिले में लगातार गिर रहे भूमिगत जलस्तर, मौसम में बदलाव व वर्षा की कमी जैसी समस्याओं से निबटने के लिए आम जनता को पेड़ लगाने के लिए जागरूक किया जा रहा हैं. लोगों द्वारा पेड़ लगा कर उसकी देखभाल करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा हैं. इसके लिए वन विभाग द्वारा मुफ्त पौधा प्राप्त करने की प्रक्रिया सरल बना दी गयी है, अब घर बैठे ही ऑनलाइन आवेदन करके मुफ्त में पौधा पाया जा सकता है.
आसानी से पूरी करें आवेदन प्रक्रिया : पर्यावरण व वन विभाग की साइट पर आवेदक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, इसमें आवेदक प्रजाति के अनुसार पौधों की संख्या बताते हैं.
उपलब्ध भूमि का विवरण, आवेदक का फोटो व हस्ताक्षर स्कैन करके पीडीएफ सहित कुछ बेसिक जानकारी देकर फॉर्म भर कर सबमिट कर दिया जाता है. इसमें जमीन की रसीद व बैंक के पासबुक की फोटो कॉपी स्कैन कर लगाना है. आवेदक के रजिस्ट्रेशन के साथ तत्काल आवेदक व वन विभाग के पास एक मैसेज आ जाता है. विभाग उसका प्रिंट आउट निकल संबंधित भूमि व मालिक की जांच कर लेता है, इसके बाद उक्त आवेदक को नर्सरी से पौधा उपलब्ध करा दिया जाता है.
इससे समय व श्रम की बचत होती है. पौधे की देखभाल के लिए प्रोत्साहन राशि विभाग द्वारा भूस्वामी को पौधे लगाने व उसकी देखरेख के लिए दी जाती है. लगातार तीन वर्षों तक पौधों की देखरेख के लिए प्रोत्साहन राशि भूस्वामी के खाते में भेज दी जाती है. विभिन्न योजनाओं में पौधे की देखरेख पर पहले साल व दूसरे साल 10 रुपये प्रति पौधा, जबकि तीसरे साल 15 रुपये प्रति जीवित पौधा के हिसाब से प्रोत्साहन राशि मिलती है.
लोगों में पौधारोपण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा नयी पहल की गयी है. आवेदन की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए ऑनलाइन की व्यवस्था की गयी है. कई बार दफ्तर आने के बजाय अब सिर्फ एक बार पौधे लेने के लिए नर्सरी आना होगा. प्रोत्साहन राशि भी लाभुक के खाते में सीधी चली जायेगी. कठिन व उबाऊ प्रक्रिया होने के कारण लोग विभाग से पौधे लेने में कतराते थे. अब लोगों में पौधा लगाने के प्रति उत्सुकता बढ़ेगी.
आलोक कुमार, जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी
