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पिछले आठ माह से छात्रों को नहीं मिली छात्रवृत्ति

कल्याण विभाग में घोटाले का असर जिले के छात्रों पर नवादा (सदर) : जिले में छात्रों की छात्रवृत्ति बांटने के नाम पर किये गये घोटाले का असर राज्य के दूसरे छात्रों पर भी पढ़ने लगा है. फर्जी संस्थान व फर्जी छात्र के नाम पर लगभग चार करोड़ की राशि का हेराफेरी करने के आरोपित कल्याण […]

कल्याण विभाग में घोटाले का असर जिले के छात्रों पर
नवादा (सदर) : जिले में छात्रों की छात्रवृत्ति बांटने के नाम पर किये गये घोटाले का असर राज्य के दूसरे छात्रों पर भी पढ़ने लगा है. फर्जी संस्थान व फर्जी छात्र के नाम पर लगभग चार करोड़ की राशि का हेराफेरी करने के आरोपित कल्याण पदाधिकारी व दो कर्मचारी फरार चल रहे हैं.
पिछले साल लगभग डेढ़ सौ छात्रों के नाम पर फर्जी तरीके से चार करोड़ रुपये की निकासी का मामला उजागर होने के बाद इसका असर राज्य के सभी वैसे छात्रों पर पढ़ने लगा है, जो छात्रवृत्ति मिलने पर ही अपनी पढ़ाई कर पा रहे थे. राज्य सरकार ने पिछले आठ महीनों से कल्याण विभाग की ओर से दिये जाने वाले छात्रवृत्ति वितरण पर रोक लगा दी है. छदम नाम पर पैसे निकाले जाने का असर राज्य के कई छात्रों पर पड़ने लगा है. राज्य सरकार द्वारा इस मामले की अंतिम जांच रिपोर्ट आने तक सभी के छात्रवृत्ति पर रोक लगा दी है.
नवादा की घटना से सरकार ने ली सीख : नवादा स्थित छात्रों के छात्रवृत्ति की राशि का हेरफेर कर हड़पने की शिकायत के बाद राज्य सरकार ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है. देश भर में लगभग 256 जांच एजेंसियों के माध्यम से कल्याण विभाग द्वारा बांटी गयी राशि की जांच शुरू करवा दी है. जांच एजेंसियों द्वारा काम पूरा कर रिपोर्ट दिये जाने के बाद ही छात्रों को छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया है. देश भर में संचालित सभी शैक्षणिक संस्थानों में वैसे छात्रों की जांच शुरू कर दी है, जो छात्रवृत्ति लेकर पढ़ाई कार्य को पूरा कर रहे हैं.
जदयू जिलाध्यक्ष ने ही उठाया था मामला : जदयू के तत्कालीन जिलाध्यक्ष जीवन लाल चंद्रवंशी द्वारा जिला कल्याण विभाग में बड़े पैमाने पर छात्रों की राशि निकाल लिए जाने का मामला उजागर किया था. सरकार के निर्देश के बाद जांच कमेटी ने साक्ष्य के आधार पर जिला कल्याण पदाधिकारी, नाजिर व प्रधान सहायक को जिम्मेवार ठहराया था. इसी के आधार पर तीनों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गयी थी.
कल्याण विभाग में बड़े पैमाने पर छात्रवृत्ति घोटाला किये जाने के आरोपित जिला कल्याण पदाधिकारी व दोनों कर्मचारी फरार चल रहे हैं. तत्कालीन कल्याण पदाधिकारी दिनेश कुमार पांडेय पर रुपये गबन का मामला चल रहा था.
जांच पूरी होने के बाद ही शुरू होगी छात्रवृत्ति
राज्य सरकार द्वारा छात्रवृत्ति घोटाले से संबंधित जांच कर्मचारियों द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद ही नये तरीके से छात्रों के बीच छात्रवृत्ति का वितरण शुरू हो पायेगा. छात्रों को पिछले आठ महीने से छात्रवृति नहीं मिलने पर कई संस्थानों द्वारा संस्थान में पढ़ रहे बच्चों को नोटिस भी दी गयी है. कई छात्र कर्ज पर पैसे लेकर अपनी पढ़ाई जारी रखे हुए हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
घोटाले के कारण सरकार ने पूरे बिहार में छात्रवृत्ति वितरण पर रोक लगायी है. जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही आदेश आने पर फिर से आवेदन देने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति दी जायेगी.
बलवंत बहादुर पांडेय, जिला कल्याण पदाधिकारी, नवादा

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