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आठ से 16 माह बाद दिखता है लक्षण

नवादा (नगर) : राष्ट्रीय फाइलेरिया दिवस के अवसर पर मुफ्त दवा वितरण कार्यक्रम की शुरुआत सोमवार को सदर अस्पताल परिसर में हुई. राष्ट्रीय बैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत कार्यक्रम की शुरुआत डाॅ जगदीश शर्मा ने किया. डाॅ शर्मा ने बताया कि फाइलेरिया परजीवी संक्रमित मच्छर काटने से हो सकता है. रोग का लक्षण […]

नवादा (नगर) : राष्ट्रीय फाइलेरिया दिवस के अवसर पर मुफ्त दवा वितरण कार्यक्रम की शुरुआत सोमवार को सदर अस्पताल परिसर में हुई. राष्ट्रीय बैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत कार्यक्रम की शुरुआत डाॅ जगदीश शर्मा ने किया. डाॅ शर्मा ने बताया कि फाइलेरिया परजीवी संक्रमित मच्छर काटने से हो सकता है.
रोग का लक्षण आठ से 16 महीने या उससे अधिक समय के बाद दिखाई पड़ता है. संक्रमित व्यक्ति में मच्छर काटने के बाद न तो कोई लक्षण दिखता है और न ही खून में फाइलेरिया के परजीवी मिलते हैं. बाद के समय में इसकी पहचान तब होती है, जब मरीज को बार-बार जाड़ा या कंपकपी के साथ बुखार आता है. पसीना आना, सर दर्द, जोड़ों में दर्द, भूख में कमी, उल्टी आदि बार-बार होने से फाइलेरिया के लक्षण प्रतीत होते है.
फाइलेरिया को हाथी पांव भी कहते हैं. फाइलेरिया के बचाव का सबसे अच्छा उपाय फाइलेरिया रोधी डाइथाइल कार्वामाजीन (डीइसी) दवा का सेवन करना है. यह दवा खून में फाइलेरिया के परजीवी को मार देता है व इसके प्रसार को भी रोकता है. कार्यक्रम के दौरान डाॅ उमेश चंद्रा, डाॅ अशोक कुमार, राजीव कुमार आदि मौजूद थे.
नारदीगंज प्रतिनधि के अनुसार, सार्वजनिक दवा सेवन के तहत फलेरिया उन्मूलन की दवा खिलाने का कार्य प्रखंड के विभिन्न गांवो में सोमवार से शुरू हुआ. यह बुधवार तक चलेगा. इस कार्यक्रम में आशा को लगाया गया है. इसकी जानकारी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ वीरेंद्र कुमार ने दी.

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