21 करोड़ रुपये वसूलने में असफल रही एसएफसी 23 मीलरों के पास है बकाया हाइ कोर्ट में दिसंबर 2015 तक रुपये जमा करने का दिया है आदेशअधिकारी ने कहा, वसूली के लिए किया जा रहा विशेष प्रयासफोटो-8प्रतिनिधि, नवादा (नगर)राज्य खाद्य निगम चावल मिल संचालकों से लगभग 21 करोड़ रुपये वसूलने में असफल रहा है. वर्ष 2012-13 से ही 23 मिलों पर 39 करोड़ 50 लाख चार हजार 142 रुपये बकाया था. इनमें से अब तक केवल दो मिल संचालकों ने अपना पूरा बकाया भुगतान किया है. जबकि, 11 मिलों के संचालक किस्तवार रुपये की वापसी कर रहे है. जिला राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) ने 10 मिलों को ब्लैक लिस्टेड करते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी है. हाइ कोर्ट के द्वारा दिये गये आदेश के अनुसार दिसंबर माह तक हर हाल में सभी मिलरों को बकाया राशि जमा करना है. विभाग के द्वारा अब तक लगभग 18 करोड़ रुपये की वसूली ही की जा सकी है. इन ब्लैक लिस्टेड चावल मिलों पर नीलाम वाद पत्र दायर करते हुए मुकदमा दर्ज किया गया है. हाइकोर्ट द्वारा तीन पर वारंट नोटिस भी जारी किया गया है. जानकारी हो कि वर्ष 2012-13 में धान खरीद के बाद पैक्सों द्वारा धान मिलों को दिया गया था, लेकिन मीलरों ने चावल उपलब्ध नहीं करवाया. एसएफसी के अधिकारी ब्लैक लिस्टेड मीलों से कारोबार पिछले दो वर्षों से बंद किये हुये है. उनके खिलाफ हाइ कोर्ट में मुकदमा चल रहा है. कोर्ट के आदेशानुसार, तीन महीने में मिलरों को सभी बकाया रुपये लौटाने का आदेश दिया गया है. जो समय सीमा दिसंबर माह में समाप्त हो जायेगा़ लेकिन, अब तक बकाया राशि इन मिल मालिकों द्वारा जमा नहीं किया गया है. समय पूरा होने का इंतजार कोर्ट के आदेश के अनुसार समय पूरा होने का इंतजार किया जा रहा है. सभी ब्लैक लिस्टेड मीलों से एसएफसी ने कारोबार बंद कर दिया है. बार-बार बकाया राशि देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. तय समय सीमा में यदि बकाया का भुगतान नहीं होता है, तो अगले स्टेप के तहत सुप्रीम कोर्ट में किया जायेगा.प्रवीण कुमार दीपक, जिला प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम
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21 करोड़ रुपये वसूलने में असफल रही एसएफसी
21 करोड़ रुपये वसूलने में असफल रही एसएफसी 23 मीलरों के पास है बकाया हाइ कोर्ट में दिसंबर 2015 तक रुपये जमा करने का दिया है आदेशअधिकारी ने कहा, वसूली के लिए किया जा रहा विशेष प्रयासफोटो-8प्रतिनिधि, नवादा (नगर)राज्य खाद्य निगम चावल मिल संचालकों से लगभग 21 करोड़ रुपये वसूलने में असफल रहा है. वर्ष […]
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