नवादा (सदर) : सरकार के तरफ से अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए चलायी जा रही योजनाओं के क्रियान्वयन में अधिकारी ईमानदारी बरतें. बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग अल्पसंख्यकों की बुनियादी सवालों पर पूरी तरह से गंभीर है. ये बातें अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य मोहम्मद शमशाद आलम ने सोमवार को परिसदन में अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कहीं.
बैठक में उन्होंने जिले में अल्पसंख्यक के कल्याण के लिए चलायी जा रही योजनाओं की समीक्षा की. इस दौरान कब्रिस्तानों की घेराबंदी, हुनर कार्यक्रम, इंदिरा आवास, उग्रवाद ग्रस्त क्षेत्रों के लिए आइपीए सहित अन्य योजनाओं का लाभ हर हालत में अल्पसंख्यकों तक पहुंचाने का निर्देश अधिकारियों को दिया. साथ ही छात्रवृत्ति का भुगतान अल्पसंख्यकों के बीच शत प्रतिशत हुआ या नहीं इसकी विस्तार से जानकारी ली. मोहम्मद आलम ने कहा कि मलिन बस्ती की हालात आदिवासी व दलितों से भी बदतर है.
अल्पसंख्यकों के बीच 15 फीसदी इंदिरा आवास के लक्ष्य की समीक्षा के साथ इसके पूरा करने का आदेश दिया गया. तालिमी मरकज की सफलता की भी समीक्षा की गयी. बाद में मोहम्मद आलम ने कहा कि इन योजनाओं के क्रियान्वयन में जो अधिकारी खरे नहीं उतरेंगे, उनके विरुद्ध सरकार से कार्रवाई की अनुशंसा की जायेगी. उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं की निगरानी के लिए आयोग संवैधानिक बॉडी है. इस लिए सरकार की योजनाओं को अल्पसंख्यकों के हित में धरातल पर उतारना आयोग की पूरी जिम्मेवारी है.
बैठक में नरहट के तीन-चार कब्रिस्तानों को विभाग द्वारा पूर्ण बताया गया है. जबकि, ग्रामीणों द्वारा इसे अपूर्ण बताया है. इस कारण मोहम्मद आलम ने स्वयं निरीक्षण करने गये. बैठक में जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी राजीव रंजन, डीआरडीए निदेशक सुनील कुमार, डीएसओ धीरेंद्र कुमार झा के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे.