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शहर में प्रतिबंधित चाइनीज फूजी सेब का काला धंधा धड़ल्ले से जारी

नवादा : जिला मुख्यालय में इन दिनों भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित चाइनीज फूजी सेब का काला धंधा धड़ल्ले से जारी है. प्रतिदिन जिले में दो टन से अधिक चाइनिज फूजी सेब बेचा जा रहा है. इतना ही नहीं यह सेब प्रतिबंधित होने के बाद भी बाजारों में खुदरा फल बिक्रेताओं द्वारा खुलेआम बेचा जा रहा […]

नवादा : जिला मुख्यालय में इन दिनों भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित चाइनीज फूजी सेब का काला धंधा धड़ल्ले से जारी है. प्रतिदिन जिले में दो टन से अधिक चाइनिज फूजी सेब बेचा जा रहा है. इतना ही नहीं यह सेब प्रतिबंधित होने के बाद भी बाजारों में खुदरा फल बिक्रेताओं द्वारा खुलेआम बेचा जा रहा है.

इस चाइनीज फूजी सेब को लोग कई राज्यों से मंगाने का काम चोरी छिपे करते हैं. बावजूद जिला प्रशासन इस पर रोक लगाने में आज तक कोई पहल नहीं की है. हालांकि शुद्ध देशी सेबों की तुलना में चाइनीज फूजी सेब कई गुणा मगंगा है.
बाजार में फूजी सेब का कीमत 200 रुपये किलो से 250 रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा है, जबकि देशी शुद्ध सेब का कीमत 100 रुपये से लेकर 150 रुपये किलो तक है. बताया जाता है कि इस चाइनीज फूजी सेब में इतनी खूबसूरती होती है और उसे इतने अच्छे ढंग से पैकिंग किया जाता है कि लोग उसके प्रति आकर्षित हो जाते हैं.
यही वजह है कि इन दिनों प्रतिबंधित फूजी सेब का काला कारोबार जमकर किया रहा है. रमजान महीने में इफ्तारी को लेकर लोग फलों की खरीदारी खूब करते हैं. ऐसे में चाइनीज सेब फूजी काफी मात्रा में कालाबाजारी कर मंगाया जा रहा है.
क्यों लगाया गया फूजी सेब पर प्रतिबंध : भारत सरकार ने चाइना के फूजी सेब से होने वाली हानि को देखते हुए इस पर रोक लगा दी है. नाम नहीं छापने के शर्त पर एक कारोबारी ने बताया कि यह फूजी सेब अन्य फलों की तरह ही है, जिससे इसके प्रतिबंध का किसी को भी शक नहीं है.
इस पर प्रतिबंध लगाये जाने की जानकारी हर लोगों को नहीं रहने के कारण आसानी से कालाबाजारी की जा रही है. जानकारी अनुसार चीन में बार-बार इसका परीक्षण प्रकाशित किये गये हैं.
इसमें इन सेबों को पकने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला फफूंदनाशक जिसे उरबासिड या टूसेट के नाम से जाना जाता है, वह त्वचा पर चकत्ते पैदा कर सकता है. चीन सरकार ने भी विषैले आर्सेन की उच्च सामग्री के कारण उरबासीड युक्त कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया है.
कहा जाता है कि चीन के यंताई और किक्सिया प्रांत में किसानों ने कथित तौर पर इन फफूंदों से लिपटे थैलों से ढंके इन सेबों को पांच महीने की अवधि तक फल पकाया जाता है. फफूंदनाशकों से लेपित पेपर बैग में फूजी सेब का बढ़ना एक अस्वास्थ्यकर अभ्यास है. जो सेहत के लिए काफी हानिकारक माना जाता है. इन्ही सब कारणों को लेकर भारत सरकार ने फूजी सेब पर प्रतिबंध लगा दिया है. लेकिन जिन लोगों को इसके कुप्रभाव की जानकारी मिली है उनमें दहशत बन गया है.
इस हानिकारक चीनी कीटों पर प्रतिबंध लगाने वाले चीनी फूजी सेब के डर से फल प्रेमियों में दहशत फैल गई है. तस्करी के रैकेट में शामिल बस चालक और मोबाइल पुरुष कमीशन लेकर कारोबारियों तक पहुंचा रहे हैं. गौरतलब हो कि जिस सेब को लोग सभी बीमारियों के लिए रामबाण मानते हैं. आज उसी में चायना का फूजी सेब सेंधमारी कर लोगों के सेहत को प्रभावित कर रहा है.

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