नवादा : बिहार के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और जदयू नेता उदय नारायण चौधरी पर असमाजिक तत्वों ने हमला कर दिया. यह हमला उस समय किया गया जब वह जिले के एक महादलित टोले में एक पीड़ित परिवार के घर मिलने जा रहे थे. हालांकि, हमले के बाद उदय नारायण चौधरी बाल-बाल बच गये. मौके पर उपस्थित सुरक्षा कर्मियों और पुलिस कर्मियों की तत्परता से एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. जदयू नेता के मुताबिक, जिले के वारिसलीगंज विधानसभा क्षेत्र के अपसढ़ गांव के महादलित टोले में पिछले दिनों हुई एक मांझी की हत्या के बाद पीड़ित परिवार से मिलने मंगलवार को जा रहे थे. इसी दौरान गांव के करीब सैकड़ों की संख्या लोग हमलावर हो गये. किसी तरह मौके पर उपस्थित सुरक्षाकर्मी और पुलिसकर्मियों की तत्परता से एक बड़ा हादसा टल गया.
सर्किट हाउस में पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि एक महादलित की हत्या को छिपाने का प्रयास किया जा रहा है. पुलिस ने एक-दो लोगों पर मामला दर्ज किया है. किसी को जिंदा जलाने की घटना में मात्र एक-दो लोग कैसे हो सकते हैं. सामंती वर्ग के लोगों द्वारा घटना को अंजाम दिया गया है. पुलिस अपराधियों को बचाना चाहती है. जब एक पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पर हमला करने की कोशिश की जा सकती है, तो एक महादलित परिवार को कितना डराया जा सकता होगा, इसकी कल्पना की जा सकती है. मुझे महादलित परिवार से ठीक से बात तक नहीं करने दी गयी. सभी हमलावर गांव के ही थे. पीड़ित परिवार को गांव से बाहर ले आने की कोशिश मैंने की, लेकिन मेरे साथ गाली-गलौज किया गया. वहां भय का माहौल था. अगर मैं एक भी शब्द ऊंचा बोलता, तो संभव था कि मुझ पर हमला कर दिया जाता. स्थानीय पुलिसकर्मियों में भी सामंती वर्ग का खौफ है. पीड़ित परिवार को तत्काल मुआवजा देकर गांव से बाहर लाकर बसाना चाहिए.