नवादा : जिले में पड़ रही कड़ाके की ठंड के शिकार एक होमगार्ड जवान की मौत हो गयी. होमगार्ड जवान मंगलवार की रात नगर थाना क्षेत्र के सद्भावना चौक से ड्यूटी कर खाना खाने ननौरा गांव अपने घर आया था. वह खाना खाने के बाद जैसे ही फिर से ड्यूटी पर जाने के लिए तैयार हुआ, तो कांपने लगा. उसे ठंड लगने की आशंका से परिजन सदर अस्पताल
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ठंड से होमगार्ड जवान की मौत
नवादा : जिले में पड़ रही कड़ाके की ठंड के शिकार एक होमगार्ड जवान की मौत हो गयी. होमगार्ड जवान मंगलवार की रात नगर थाना क्षेत्र के सद्भावना चौक से ड्यूटी कर खाना खाने ननौरा गांव अपने घर आया था. वह खाना खाने के बाद जैसे ही फिर से ड्यूटी पर जाने के लिए तैयार […]
ठंड से होमगार्ड…
ले जाने लगे, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. मृतक की पहचान नगर थाना क्षेत्र के ननौरा गांव निवासी संजय कुमार, होमगार्ड संख्या 2186 के रूप में हुई है.
मृतक होमगार्ड जवान संजय के एक बेटा और एक बेटी है. उसकी मौत ने पूरे परिवार में कोलाहल मचा दिया. सदर अस्पताल में मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया, जहां गृह रक्षा वाहिनी संघ के सभी लोग मौजूद थे. इस संबंध में नगर थाने में एक प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी है. संजय के दाह-संस्कार के लिए उसके पुत्र नीतीश को होमगार्ड समादेष्टा सुबोध प्रसाद ने सात हजार रुपये दिये, जिसके बाद अंतिम संस्कार किया गया.
जवान के पास नहीं थे पर्याप्त गर्म कपड़े
होमगार्ड जवान संजय सद्भावना चौक स्थित हाइवे पर ड्यूटी कर रहे थे. उनके पास पर्याप्त गर्म कपड़े भी नहीं थे. वह कड़ाके की ठंड की परवाह किये बगैर ड्यूटी पर तैनात रहे और ठंड का शिकार हो गये. बिहार रक्षा गृह वाहिनी संघ के अध्यक्ष पारसनाथ सिंह व उपसचिव संजय कुमार सिंह ने बताया कि होमगार्ड को दो साल में वर्दी सहित 56 प्रकार के सामान के लिए मात्र 4050 रुपये दिये जाते हैं. इस महंगाई के दौर में इतनी कम राशि से वर्दी का मेंटेनेंस कर पाना मुश्किल हो रहा है. यही वजह है कि होमगार्ड संजय को अपनी जान गंवानी पड़ी. उन्होंने सरकार से पुलिस जवानों की तरह संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की.
होमगार्ड जवानों से मात्र छह माह ही लिया जाता है काम
होमगार्ड संघ के लोगों का कहना है कि जिले में कुल 1070 होमगार्ड के जवान हैं, जिनसे मात्र छह माह ही काम लिया जाता है. 12 हजार रुपये भत्ते के रूप में कुल छह माह के 72 हजार रुपये से सालभर परिवार का भरण-पोषण कर पाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में अब तक जिले से 20 प्रतिशत होमगार्ड देश के विभिन्न प्रदेशों में रोजी-रोजगार के लिए पलायन कर चुके हैं. जिले में होमगार्ड के स्थायी पद 40 हैं, जिसमें मात्र 10 ही नियुक्त हैं. मृतक होमगार्ड जवान संजय के परिजनों को चार लाख रुपये मुआवजा व एक परिजन को गृहरक्षक की नौकरी दिये जाने का प्रावधान है, जिसको लेकर संघ ने नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है.
घर में एक मात्र कमानेवाले थे संजय : घर का एक मात्र कमानेवाले सदस्य संजय अपने चार भाइयों में मंझले थे. हालांकि, सभी भाई अलग-अलग रहते हैं, लेकिन उनकी पत्नी पिंकी देवी और बड़ा बेटा 18 वर्षीय नीतीश व 16 वर्षीय बेटी श्वेता के भरण-पोषण का बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. जवान की मौत से पत्नी, बेटा-बेटी का रो-रोकर बुरा हाल है.
नगर थाना क्षेत्र के ननौरा गांव के रहनेवाले थे संजय
सद्भावना चौक से ड्यूटी कर घर पर खाना खाने के बाद लगी ठंड
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