Advertisement
72 की जगह मात्र 21 डॉक्टर
पांच एकड़ में फैले हॉस्पिटल में मरीजों के लिए अंग्रेजों का भवन हड्डी रोग विशेषज्ञ के तीन पदों पर अब तक नहीं बहाल हो सके डॉक्टर महिला वार्ड में प्रतिदिन हो रहे 20 से 25 प्रसव नवादा : बीमारी से निजात पाने के लिए जिले भर के मरीज सदर अस्पताल पहुंचते हैं. लेकिन, यहां की […]
पांच एकड़ में फैले हॉस्पिटल में मरीजों के लिए अंग्रेजों का भवन
हड्डी रोग विशेषज्ञ के तीन पदों पर अब तक नहीं बहाल हो सके डॉक्टर
महिला वार्ड में प्रतिदिन हो रहे 20 से 25 प्रसव
नवादा : बीमारी से निजात पाने के लिए जिले भर के मरीज सदर अस्पताल पहुंचते हैं. लेकिन, यहां की वर्तमान स्थिति अनुमंडल अस्पताल से भी बदतर है. चिंतनीय यह है कि सदर अस्पताल में 72 डॉक्टरों की जरूरत है, मगर यहां मात्र 21 चिकित्सक ही मौजूद हैं. इतना ही नहीं हड्डी, रेडियोलाजिस्ट व ईएनटी स्पेशलिस्ट की व्यवस्था अब तक नहीं हो पायी है़
दुर्घटना के शिकार लोगों को ज्यादा दिक्कत होती है़ शहर के बीचो-बीच करीब पांच एकड़ में फैले सदर अस्पताल में कुल 18 विभिन्न विभागों के लिए भवन बने हैं. परंतु, मरीजों के लिए जो भवन है, वह आज भी अंग्रेजों के जमाने का बना हुआ है. अब तक स्वास्थ्य विभाग का ध्यान इस ओर नहीं गया है़
इमरजेंसी व जेनरल वार्ड के अलावा महिला वार्ड सबसे महत्वपूर्ण वार्ड की गिनती में आता है. यहां प्रतिदिन प्रसव के लिए आनेवाली महिलाओं की संख्या 20 से 25 है. लेकिन, यहां की जो स्थिति है वह किसी से छिपी नहीं है, यहां प्रसव से पहले और प्रसव के बाद चढ़ावा चढ़ाने की एक अलग ही परंपरा बनी है. इसके बगैर प्रसव होकर मरीज स्वस्थ्य अपने घर नहीं पहुंच सकते हैं. सदर अस्पताल में 393 पदों में मात्र 136 पर ही कर्मचारी कार्यरत हैं. हर विभाग में लोगों की भारी कमी है़ यहां कुल 393 स्वीकृत पद हैं. इसमें 136 ही कार्यरत बल सदर अस्पताल के पास हैं.
ऐसे में यहां समुचित सेवा देना बड़ा सवाल है. हर विभाग में कर्मियों का घोर अभाव है. बावजूद बहाली नगण्य रहने के चलते मरीजों को आये दिन हो-हल्ला करना पड़ रहा है. इन सभी परेशानियों को लेकर भी स्वास्थ्य विभाग व्यवस्था देने में कोताही बरत रही है.
दुर्घटना जैसे मामलों में आनेवाले लोगों को सबसे पहले हड्डी और रेडियोलाजिस्ट तथा ईएनटी जैसे चिकित्सकों की जरूरत होती है, ताकि वैसे मरीजों को मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सके. इस कमी के कारण ही लोगों की मौतें हो रही हैं. इसकी वजह से हंगामा होना लाजमी है. यहां महिला वार्ड भी इमरजेंसी की तरह ही महत्वपूर्ण विभाग है़ इसमें एक महिला चिकित्सा पदाधिकारी व सात स्त्री रोग विशेषज्ञों के स्वीकृत पद हैं.
इसमें महिला चिकित्सा पदाधिकारी सहित चार पद रिक्त हैं. प्रसव वार्ड में जो व्यवस्था है, उसे देख कर शहर के लोग जोखिम उठाना नहीं चाहते़ लेकिन, ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं का यहां काफी संख्या में आना होता है. महिला वार्ड में एक अप्रैल से 30 नवंबर तक ग्रामीण महिलाओं द्वारा जननी बाल सुरक्षा योजना का लाभ 4482 को मिला है़ इसमें शहरी महिलाओं की संख्या मात्र 73 है. यह इस बात को दर्शाता है कि यहां की व्यवस्था देख कर शहरवासी यहां आना ही नहीं चाह रहे हैं. ग्रामीण महिलाओं को इस योजना के तहत 14 सौ रुपये तथा शहरी महिलाओं को एक हजार रुपये दिये जाते हैं
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement