आरोप. ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना में हो रही पानी की बर्बादी
Advertisement
घरों में नहीं पहुंच रहा पानी
आरोप. ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना में हो रही पानी की बर्बादी पावापुरी में यूं ही बह रहा हजारों लीटर साफ पानी वाटर प्वाइंट पर नहीं लगाया गया है टोटी बिहारशरीफ/गिरियक : एक ओर जहां सरकार की ओर से हर घर में नल लगा दिया गया है. फिर भी उस नल से लोगों के घरों तक पीने […]
पावापुरी में यूं ही बह रहा हजारों लीटर साफ पानी
वाटर प्वाइंट पर नहीं लगाया गया है टोटी
बिहारशरीफ/गिरियक : एक ओर जहां सरकार की ओर से हर घर में नल लगा दिया गया है. फिर भी उस नल से लोगों के घरों तक पीने का पानी नहीं पहुंच पा रहा है. घरों तक पानी नहीं पहुंचने के कारण लोग बेहाल हैं. इस भीषण गर्मी में आमलोग बूंद बूंद पानी को तरस रहे हैं. वहीं पावापुरी क्षेत्र में हजारों लीटर पीने के शुद्ध पानी की बर्बादी हो रही है. यहां ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना के तहत पावापुरी और पोखरपुर में पानी सप्लाई होती है. दोनों गांवों में करीब तीन दर्जन सार्वजनिक स्थानों पर पानी की बर्बादी हो रही है, क्योंकि यहां के वाटर प्वाइंट पर टोटी नहीं लगाया गया है.
ग्रामीण इंद्रदेव सिंह ,उपेंद्र सिंह ,जयनंदन शर्मा आदि ने बताया कि पानी बर्बादी के कारण ही सभी घरों में नल का पानी भी नहीं पहुंच पा रहा है. इसको लेकर विभाग के कार्यपालक अभियंता से भी बात हुई है, लेकिन अभी तक समाधान नहीं हो सका है. उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा हर घर नल योजना के तहत नल लगा दिया गया है, लेकिन नल के पानी से खेत में लगी फसल जो बर्बाद हो रहें हैं. इस पर सरकार के द्वारा ध्यान नहीं दिया जाना चिंता का विषय है. समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो दोनों गांव के किसान तो बर्बादी के कगार पर आ जाएगें. ग्रामीणों ने पीएचईडी विभाग से मांग की है कि पावापुरी एवं पोखरपुर गांव के लिए अलग -अलग चावी लगा दिया जाये. ताकि दोनों गांव को पेयजलापूर्ति अलग -अलग समय पर कर दिया जाये. जिससे सभी लोगों को पीने की पानी मुहैया हो सके. ग्रमीणों ने बताया कि शुरूआत में तो यहां के कुछ प्वाइंट पर नल लगाया गया था. लेकिन पिछले दस बारह महीनों से यहां का सभी प्वाइंट नलवीहिन हो गया है. ना तो पीएचइडी विभाग का इस पर ध्यान है ना स्थानीय संगठनों के स्तर से इसके निदान को लेकर प्रयास हो रहा है. इसका परिणाम है कि हजारों लीटर पानी यूं ही बर्बाद हो रहा है.
खेती की जमीन हो रही बर्बाद
यहां दिन में तीन बार साफ पानी की सप्लाई की जाती है. सुबह, दोपहर और शाम में करीब दो दो घंटे यानी कुल छह घंटे में 40 हजार गैलन पानी की सप्लाई होती है. इस कारण पावापुरी और पोखरपुर में लगभग दर्जनों बीघे खेती की जमीन खराब हो रही है. क्योंकि वहां जलजमाव हो जा रहा है. यहां के किसानों ने भी पीएचईडी से शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई पहल नहीं हो सकी है. किसानों ने बताया कि नल का पानी जो खेत में गिर रहा है. जल संचय को लेकर जगह -जगह सोख्ता सरकार के द्वारा बना दिया जाय तो किसान का फसल बर्बाद होने से बच जाय और गांव का वाटर लेयर भी बरकरार रहे. इस मांग पर सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए.
क्या कहते हैं अधिकारी
असामाजिक तत्वों द्वारा नलों को तोड़ दिया है. जिसके कारण पानी की बर्बादी हो रही है, हम फिर से सभी जगहों पर नल लगाएंगे एवं दोनों गांवों के लिए पाइप में चावी लगाकर स्थायी समाधान कर दिया जाएगा.
मनोज कुमार वर्मा, कनीय अभियंता,पीएचइडीं
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement