पंडित प्रवीण चंद्र जैन शास्त्री ने विधि विधान से कराया अनुष्ठान
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भगवान ऋषभदेव का महामस्तकाभिषेक
पंडित प्रवीण चंद्र जैन शास्त्री ने विधि विधान से कराया अनुष्ठान बिहारशरीफ : पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय कुंडलपुर महोत्सव के दूसरे दिन जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव भगवान का महामस्ताभिषेक जैन समाज के लोगों ने भक्ति पूर्वक किया. भगवान ऋषभदेव की 11 फुट उत्तुं पद्मासन प्रतिमा को जल, नारियल के रस, घी, […]
बिहारशरीफ : पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय कुंडलपुर महोत्सव के दूसरे दिन जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव भगवान का महामस्ताभिषेक जैन समाज के लोगों ने भक्ति पूर्वक किया. भगवान ऋषभदेव की 11 फुट उत्तुं पद्मासन प्रतिमा को जल, नारियल के रस, घी, दूध, दही, सर्वोशधि, पुष्पवृष्टि आदि के माध्यम से अभिषेक किया गया. अंत में विश्व शांति की कामना के साथ महाशांति धारा संपन्न किया गया.
संपूर्ण विधि विधान पंडित प्रवीण चंद्र महाशांति धारा संपन्न किया गया. संपूर्ण विधि विधान पंडित प्रवीण चंद्र जैन शास्त्री, जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर द्वारा संपन्न कराये गये. कुंडलपुर तीर्थ के मंत्री विजय कुमार जैन ने बताया कि भगवान ऋषभदेव जेन धर्म के प्रथम तीर्थंकर हैं एवं उसी तीर्थंकर परंपरा में भगवान महावीर अंतिम तीर्थंकर है. जैन धर्म में 24 तीर्थंकर माने जाते हैं, जो भगवान ऋषभदेव से लेकर भगवान महावीर तक है. भगवान ऋषभदेव ने इस युग के आदि में जन्म दिया एवं सारे विश्व को अषि, मषि व कृषि का उपदेश दिया. भगवान ऋषभदेव के प्रथम पुत्र भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा.
जैसा जैन धार्मिक ग्रंथों से ज्ञात होता है. कुंडलपुर तीर्थ पर पूज्य माताजी की प्रेरणा से नवग्रह मंदिर का भी निर्माण किया गया है. प्रत्येक ग्रह के स्वामी माने गये हैं, जिनकी आराधना पूजा व भक्ति से हम अपने ग्रह को शांत कर सकते हैं एवं उस ग्रह के दोष को समाप्त कर सकते हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए कुंडलपुर तीर्थ पर आने वाला प्रत्येक व्यक्ति अपने ग्रह की शचांति करके अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करें. इसके लिए नवग्रह जिन्नालय का निर्माण कराया गया है. श्री जैन ने बताया कि अभिषेक करने का सौभाग्य करने का सौभाग्य हस्तिनापुर के जीवन प्रकाश जैन, इलाहाबाद के सपन जैन व मनोज जैन,
पटना के चिरंजीलाल जैन, आसाम के राजकुमार ताराचंद पाटनी, दिल्ली के सतेंद्र जैन व अमित जैन, उत्तरप्रदेश के राजेश जैन, शैलेंद्र जैन, कपिल जैन, अशोक जैन, मनोज जैन एवं लखनऊ के अमरचंद जैन ने प्राप्त किया.
इसी क्रम में महोत्सव के द्वितीय दिन त्रिकाल चौबीसी में भी 72 भगवंतो का अभिषेक किया गया एवं भगवान महावीर के नंद्यावर्त महल में विराजमान भगवान शांतिनाथ का भी श्रद्धालुओं द्वारा अभिषेक किया गया. इसके बाद स्थानीय बच्चों के द्वारा विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं हुई. इसी क्रम में सांस्कृतिक संध्या में सुश्री रागिनी भारती के द्वारा सुंदर नाट्य मंचन किया गया. महावीर जयंती के अवसर पर आयोजित कुंडलपुर महोत्सव में देश के विभिन्न अंचलों से जैन श्रद्धालु पहुंचे.झारखंड,बिहार,बंगाल,आसाम,दिल्ली,राजस्थान,उत्तरप्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात आदि प्रांतों से महावीर जयंती मनाने के लिए जैन श्रद्धालु कुंडलपुर आये.
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