कार्रवाई. हाइटेक तरीके से बिजली चोरी करानेवाले गिरोह के सरगना की तलाश
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स्पेशल टीम तरीकों की करेगी पड़ताल
कार्रवाई. हाइटेक तरीके से बिजली चोरी करानेवाले गिरोह के सरगना की तलाश मीटर में ब्लू चीप लगा बिजली चोरी पर विशेष नजर बिहारशरीफ : शहर के बड़ी पहाड़ी मोहल्ले में मीटर में हाइटेक तरीके से ब्लू चीप लगाकर बिजली चोरी कर रहे दो उपभोक्ताओं के पकड़े जाने के बाद बिजली चोरों में हड़कंप मच गया […]
मीटर में ब्लू चीप लगा बिजली चोरी पर विशेष नजर
बिहारशरीफ : शहर के बड़ी पहाड़ी मोहल्ले में मीटर में हाइटेक तरीके से ब्लू चीप लगाकर बिजली चोरी कर रहे दो उपभोक्ताओं के पकड़े जाने के बाद बिजली चोरों में हड़कंप मच गया है. माना जा रहा है कि इस हाइटेक तरीके से बिजली चोरी कर रहे शहर के कई सफेदपोश लोगों के चेहरे भी उजागर होंगे. विभाग की तीसरी आंख ऐसे लोगों पर अब नजर रख रही है जो उपभोक्ताओं को उनके मीटरों में ब्लू चीप लगाने और इसे एक खिलौनानुमा रिमोट से ऑपरेट किये जाने का ऑफर दे रहे हैं.
टाउन 01 के सहायक विद्युत अभियंता प्रशांत भारती ने बताया कि बिजली चोरी के इस हाइटेक तरीके को संभवत: एक सुगठित गिरोह द्वारा ईजाद कर उपभोक्ताओं को उनके मीटरों में ब्लू चीप लगाने व रिमोट उपलब्ध कराया जा रहा था. आशंका यह भी है कि इसमें किसी एक्सपर्ट इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर की मदद भी ली जा रही थी. इधर, बिहारशरीफ विद्युत डिविजन के कार्यपालक अभियंता जयशंकर साहनी ने बताया कि बहरहाल बिजली चोरी के ऐसे हाइटेक तरीके के खुलासे के बाद अब विभाग की स्पेशल रेडिंग टीम को डोर टू डोर मीटरों की जांच- पड़ताल को पहले से ज्यादा तेज करने का निर्देश दिया गया है.
इसके अलावे बिजली चोरी से जुड़े सभी दस संभावित तरीकों पर भी विभाग की स्पेशल रेडिंग टीम को पूरी तरह से मीटरों की जांच करने को कहा गया है.
गिरोह के सरगना की तलाश :
विभाग के अधिकारी हाइटेक तरीके से बिजली चोरी किये जाने का ऑफर दे रहे गिरोह के मुख्य सरगना की तलाश कर रही है. सरगना से जुड़े लोगों द्वारा मीटरों में ब्लू चीप लगाने और रिमोट उपलब्ध कराने के लिए वसूल की जा रही राशि का भी पता लगाया जा रहा है. खास बात यह है कि इस कार्य में सहयोग करने वाले इलेक्ट्रानिक इंजीनियर की संलिप्तता और उनके गिरेबान तक पहुंचने की तैयारी की जा रही है.
इंजेक्शन से जाम कर दिया जाता है मीटर :
विभाग का मानना है कि मीटरों को बिजली चोरों द्वारा इंजेक्शन के जरिए स्क्रीन में एसिड डालकर खराब कर दिया जाता है. इस वजह से औसतन बिल विभाग को भेजा जाता था. ऐसे लोगों के मीटरों पर भी विभाग की तीसरी आंख नजर गड़ाये बैठी है.
ग्लीसरीन से पुश बटन हो जाता है जाम :
इलेक्ट्रॉनिक मीटरों के पुश बटन को ग्लीसरीन एवं पानी डालकर भी जाम कर दिया जाता है. इसके कारण मीटर खुल नहीं पाता है और स्क्रीन के डिस्पले के साथ छेड़छाड़ का मामला उजागर नहीं हो पाता है.
एक्सरे चीप से बिजली की चोरी :
एक्सरे चीप को मीटरों में लगा देने के कारण इसकी रफ्तार काफी धीमा हो जाता है. इस वजह से वास्तविक कंज्यूम रीडिंग की जगह कम यूनिट ही उठ पाता है. इसका फायदा यह होता है कि बिजली बिल कम आती है.
कांटी लगा बिजली की चोरी :
पारंपरिक तरीकों में से एक तार में कांटी लगाकर बिजली की चोरी की जाती है. अमूनन जिले के सुदूर कस्बाई इलाके में ऐसे मामले ज्यादा सुनने और देखने को मिल पाते हैं. इससे भी विभाग को राजस्व का घाटा उठाना पड़ता है.
मीटर को टेपरिंग कर चोरी :
अमूनन मीटरों को उपभोक्ताओं द्वारा तरह-तरह के उपायों से क्षतिग्रस्त कर दिया जाता है. तत्पश्चात इसकी शिकायत विभाग को आवेदन देकर कर दिया जाता है. ऐसे में विभाग नये मीटर लगाने तक औसत के आधार पर ही बिलिंग करता है.
अर्थिंग तार को काट बिजली की चोरी :
बिजली चोरों द्वारा मीटर में लगने वाले अर्थिंग के तार को किसी जगह पर से काटकर वहां डिवाइस लगा दिया जाता है. इस वजह से मीटर की रीडिंग नहीं बढ़ पाती है.
मीटर में चुंबक लगाकर चोरी :
पुराने एवं परंपरागत मीटरों में चुंबक लगा दिये जाने से भी मीटर चलना बंद कर देता है. अमूनन इसका उपयोग सुदूर एवं कस्बाई इलाके में ही ज्यादा होता है. इससे भी विभाग को हरेक माह राजस्व का चूना लग जाता है.
राजस्व बढ़ाने के लिए विभाग सजग
बिजली खपत की तुलना में विभाग राजस्व बढ़ाने के लिए विभाग कटिबद्व है. इसके लिए बिजली चोरी के सभी तरीकों पर विभाग नजर रख रहा है. डोर टू डोर मीटरों की जांच के दौरान ऐसे सभी बिंदुओं पर पूरी तरह जांच -पड़ताल किये जाने का निर्देश स्पेशल जांच टीम को दिया गया है. साथ ही चोरी में धराये उपभोक्ताओं पर जुर्माना लगाने के साथ संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज कराया जायेगा.
आरके शर्मा, अधीक्षण अभियंता, नालंदा विद्युत प्रमंडल
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