खोवा के तिलकुट के साथ शूगर फ्री तिलकुट की भारी मांग
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तिलकुट की सोंधी खुशबू से महकने लगा बाजार
खोवा के तिलकुट के साथ शूगर फ्री तिलकुट की भारी मांग बिहारशरीफ : बाजारों में तैयार की जा रही तिलकुट की सोंधी महक इन दिनों तिलकुट प्रेमियों को काफी आकर्षित कर रहा है. हालांकि मकर संक्रांति के त्योहार में अभी लगभग 10 दिन देर है, लेकिन तिलकुटप्रेमी कई हफ्ते पहले से ही तिलकुट का स्वाद […]
बिहारशरीफ : बाजारों में तैयार की जा रही तिलकुट की सोंधी महक इन दिनों तिलकुट प्रेमियों को काफी आकर्षित कर रहा है. हालांकि मकर संक्रांति के त्योहार में अभी लगभग 10 दिन देर है, लेकिन तिलकुटप्रेमी कई हफ्ते पहले से ही तिलकुट का स्वाद ले रहे हैं. स्थानीय मिठाई विक्रेताओं द्वारा भी मध्य दिसंबर से ही तिलकुट बनाने तथा बेचने का कारोबार शुरू कर देने से तिलकुट प्रेमी शुरूआत से ही तिलकुट खाकर तृप्त हो रहे हैं. तिलकुट की दुकानों पर इन दिनों खरीदारों की जरूरतों को ध्यान में रखकर कई प्रकार के तिलकुट उपलब्ध कराये जा रहे है. इसमें साधारण तिलकुट से लेकर खोबा के तिलकुट,
तिलपापड़ी तथा तिल के लड्डू के साथ-साथ सुगर फ्री तिलकुट की भी भारी बिक्री हो रही है. शहर के हर चौक-चौराहे तथा बाजारों में अभी से ही दर्जनों दुकानों में तथा घरों में कारीगरों द्वारा तिलकुट बनाने का कार्य किया जा रहा है. तिलकुट की भावि खपत को देखते हुए शहर के मिठाई विक्रेताओं द्वारा गया आदि के मशहुर तिलकुट कारीगरों की सेवाएं ली जा रही है. इस संबंध में स्थानीय पुलपर बाजार स्थित प्रसिद्ध तिलकुट कारोबारी सुरेश प्रसाद ने बताया कि अच्छे तिलकुट बनाने के लिए अच्छे क्वालिटी के तिल की जरूरत पड़ती है. स्थानीय स्तर पर इसकी उपज नहीं होने से झारखंड तथा उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से तिल मंगानी पड़ती है. कारीगर भी बाहर से ही बुलाये जाते है.
अच्छे क्वालिटी की तिलकुट की डिमांड होने के कारण कारीगरों को अधिक मेहनत करनी पड़ती है.
गया के कारीगरों की अधिक मांग : कभी गया का तिलकुट पूरे प्रदेश में मशहूर माना जाता था लोग पर्व-त्योहारों में अपने मित्रों-परिजनों को गया के तिलकुट का सौगात भेजते थे. अब स्थानीय व्यवसायी बाहर से तिल खरीदकर गया से ही कारीगर बुला कर उम्दा किस्म के तिलकुट स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध करा रहे हैं. लोगों को अच्छे किस्म के तिलकुट का स्वाद स्थानीय स्तर पर ही आसानी से मिल जा रहा है. हालांकि स्थानीय लोग भी तिलकुट बनाने की कला सीखकर इस व्यवसाय में जुट गये है.
मधुमेह के मरीज भी खा रहे तिलकुट : तिलकुट में काफी मात्रा में चीनी और गुड़ का उपयोग किये जाने के कारण डायबीटिज के मरीजे इसे नहीं खाते थे. डायबीटिज के मरीजों को ध्यान में रखकर शहर के कई तिलकुट कारोबारियों द्वारा शुगर फ्री तिलकुट बनाकर उन्हें भी तिलकुट की सौगात दी जा रही है. हालांकि शुगर फ्री तिलकुट की कीमत साधारण तिलकुट से कुछ अधिक है फिर भी डायबीटिज के मरीज इनका जायका बेहिचक ले रहे है.
बाजारों में तिलकुट की कीमत :
साधारण तिलकुट 180 रू किलो
खास्ता तिलकुट 240 रू किलो
खोवा का तिलकुट 300 रू किलो
शुगर फ्री तिलकुट 280 रू किलो
तिल की पापड़ी 280 रू किलो
तिलवा 160 रू किलो
काला तिल लड्डू 200 रू किलो
बेदाम का लड्डू 200 किलो
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