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एलसीडीसी में नालंदा को दूसरा स्थान

बेहतर प्रदर्शन के लिए डीएलओ को मिला अवार्ड प्रशस्ति पत्र देकर अपर निदेशक ने किया सम्मानित बिहारशरीफ : जिला लेप्रोसी निवारण विभाग के कर्मियों की मेहनत रंग लायी. मेहनत के बल पर ही नालंदा जिले को सूबे में एलसीडीसी में दूसरा स्थान प्राप्त करने में सफलता मिली है. इस सफलता से जिला लेप्रोसी विभाग के […]

बेहतर प्रदर्शन के लिए डीएलओ को मिला अवार्ड

प्रशस्ति पत्र देकर अपर निदेशक ने किया सम्मानित
बिहारशरीफ : जिला लेप्रोसी निवारण विभाग के कर्मियों की मेहनत रंग लायी. मेहनत के बल पर ही नालंदा जिले को सूबे में एलसीडीसी में दूसरा स्थान प्राप्त करने में सफलता मिली है. इस सफलता से जिला लेप्रोसी विभाग के साथ-साथ जिला स्वास्थ्य विभाग का भी नाम रौशन सूबे में हुआ है. विभाग को मिली सफलता से इसके अधिकारी से लेकर कर्मियों में खुशी की लहर है. अब विभाग की योजना है कि अगले राउंड में प्रथम स्थान प्राप्त करने की. अगर स्वास्थ्य कर्मी इसी तरह से मेहनत आगे भी करते रहे तो उनके लिए मंजिल पाना आसान हो सकता है.
अपर निदेशक से सम्मानित हुए डीएलओ
नालंदा जिले को मिली इस सफलता पर अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी लेप्रोसी ने जिला लेप्रोसी निवारण पदाधिकारी को अवार्ड देकर सम्मानित किया है.अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (लेप्रोसी) डॉ.विजय कुमार पांडेय ने डीएलओ डॉ. रविन्द्र कुमार को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है. डॉ. पांडेय ने जिला लेप्रोसी निवारण पदाधिकारी डॉ. कुमार को नालंदा जिले में एलसीडीसी (लेप्रोसी केस डिडेक्शन कंपेन)में बेहतर प्रदर्शन करने पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है.नालंदा को सूबे में एलसीडीसी में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है.
एलसीडीसी में मिले थे 219 मरीज
लेप्रोसी केस डिडेक्शन कंपेन (एलसीडीसी) अभियान के दौरान नालंदा जिले में लेप्रोसी के 219 कंफर्म मरीज मिले थे.अभियान के दौरान पूरे जिले में 421 से अधिक संदिग्ध मरीजों की पहचान की गयी थी. जिसमें से चिकित्सीय जांच के बाद 219 कंफर्म मरीज मिले. कर्मियों ने अभियान के दौरान जिले 04 लाख 87 हजार 39 घरों में दस्तक दी थी. इस दौरान 26 लाख 18 हजार 14 लोगों की जांच की गयी थी. नये मरीजों का पंजीयन कर इलाज शुरू कर दिया गया है.
इन्हें एमडीटी की दवा उपलब्ध करायी जा रही है. डीएलओ डॉ. रविंद्र कुमार ने बताया कि इस उपलब्धि में जिला लेप्रोसी निवारण विभाग के सभी कर्मियों का सहयोग रहा है. साथ ही, आशा व पुरुष वोलेंटियरों की भूमिका भी सराहनीय रहा है. अभियान के दौरान उक्त लोगों ने मेहनत व ईमानदारी से काम किया है. लिहाजा सभी के सहयोग से नालंदा लेप्रोसी निवारण विभाग को यह सफलता मिली है.
सितंबर में चलाया गया था अभियान
राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन अभियान के तहत सितंबर माह में नालंदा जिले में एलसीडीसी अभियान सघन रूप से चलाया गया था. यह अभियान जिले में 05 से लेकर 18 सितंबर 2016 तक चलाया गया था. इस दौरान जिले के सभी 20 प्रखंडों में लेप्रोसी खोज अभियान चलाया गया. इसके तहत कर्मी जिले के हर प्रखंड के हर गांव के प्रत्येक घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य जांच की थी. यानी की शरीर के किसी अंग में तांबे रंग के दाग उभरा हुआ था उसकी गहन जांच की गयी.
दाग में सुनापन को भी देखा गया था. जांच में जिन लोगों में उक्त लक्षण प्रतीत हुए उसे लेप्रोसी के संदिग्ध मरीजों के रूप में चिंहित की गयी थी. इसका मुख्य उद्देश्य था कि नये मरीज मिलने पर उसका गहन रूप से जांच कर इलाज करना व रोग मुक्त बनाकर शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाना.

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