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आहर पइन से होगी सिंचाई

पहल. मनरेगा से 537 आहर-पइन की उड़ाही, किसानों को होगा फायदा फसलों को बचाने व पटवन के लिए वैकिल्पक व्यवस्था करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा परंपरागत संसाधनों को विकसित किया जा रहा है, ताकि गरमी के दिन में जल संकट कम हो सके. साथ ही, बरसात के दिनों में बारिश के पानी को […]

पहल. मनरेगा से 537 आहर-पइन की उड़ाही, किसानों को होगा फायदा
फसलों को बचाने व पटवन के लिए वैकिल्पक व्यवस्था करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा परंपरागत संसाधनों को विकसित किया जा रहा है, ताकि गरमी के दिन में जल संकट कम हो सके. साथ ही, बरसात के दिनों में बारिश के पानी को संचय किया जा सके. जलसंचय के लिए जिला ग्रामीण विकास इकाई नालंदा पांच प्रोजेक्ट पर काम कर रही है.
बिहारशरीफ. बारिश की निर्भरता के कारण हर फसल को नुकसान उठाना पड़ता है. फसलों को बचाने व पटवन के लिए वैकिल्पक व्यवस्था करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा परंपरागत संसाधनों को विकसित किया जा रहा है, ताकि गरमी के दिन में जल संकट कम हो सके.
साथ ही, बरसात के दिनों में बारिश की पानी को संचय किया जा सके. जलसंचय के लिए जिला ग्रामीण विकास इकाई नालंदा पांच प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है. इसी कड़ी में आहर पइन की उड़ाही करायी जा रही है. जिले में 1108 आहर पइन की उड़ाही कराये जाने की योजना है. इस पर तेजी से काम भी रहा है. कई प्रखंडों में काम को फाइनल टच दे दिया गया है. उड़ाही की गयी पइन में जल संचय भी होने लगा है. कार्य सफल होने पर ग्रामीणों व प्रशासन में उत्साह है. इससे एक लाख किसानों को फायदा होगा.
537 आहर पइन की हुई उड़ाही:
जिले में अब तक 537 आहर पइन की उड़ाही हो चुकी है. जबकि प्रशासन का लक्ष्य 1109 पइन और आहर की खुदाई करने की है. बारिश की होने कारण फिलहाल प्रशासन द्वारा काम को रोक दिया गया है. बरसात के बाद प्रोजेक्ट पर आगे काम जारी रहेगा. हालांकि जिन 537 आहर पइन की उड़ाही करायी गयी है, सभी में बारिश का पानी संग्रह होने लगेगा. इसके कारण उक्त स्थल का नजारा और भी खूबसुरत हो गया है.
कैसे होगी खेतों की पटवन:
आहर पइन में जल संचय होने के कारण उक्त क्षेत्र का जलस्तर बरकरार रहने के साथ ही आस-पास के लोग उक्त पानी को खेतों तक पहंचा कर पटवन कर सकते हैं. खासकर कर गरमी के मौसम में किसानों को काफी फायदा होगा. बारिश के पानी को संचय करने का संसाधन नहीं होने के कारण पानी का बहाव हो जाया करता था. अब जबकि आहर पइन की उड़ाही होने से लंबे समय तक बारिश का पानी संग्रहित रह सकेगा.
सात लाख मजदूरों को मिला काम:मनरेगा द्वारा इस कार्य को धरातल पर उतारा जा रहा है. चूंकि मनरेगा जॉब आधारित योजना है. इस काम से जिले के सात लाख तीन हजार मैनडेट क्रियेट किया गया है. एक मजदूर को साल में 100 दिन काम देने का प्रावधान है, ताकि काम की तलाश में लोग बाहर नहीं जा सके.
14 लाख 87 हजार वाटर स्टॉक की क्षमता:आहर पइन की उड़ाही होने से बारिश होने पर 14 लाख 87 हजार पानी को स्टोर करने की क्षमता बढ़ गयी हैं. व्यापक पैमाने पर काम होने से और भी पानी को स्टॉक किया जा सकेगा है.
क्या कहते हैं अधिकारी:
गरमी के दिनों में एक गांव में आग लग गयी. इसकी सूचना मिलने पर गांव में गये तो देखा कि आग बुझाने के लिए पानी ही नहीं है. जबकि गांव के आस-पास आहर भी थी जो एकदम से सुखी थी. इसके बाद जल संचय के बारे में पहल की गयी. मनरेगा के कर्मी,एई पीओ के साथ बैठक कर आहर पइन की खुदाई का प्रोजेक्ट बनाया गया. तीन माह के अथक प्रयास से जिले में अब तक 537 आहर पइन की उड़ाही करायी जा चुकी है. सभी में जलसंचय होने लगी है.
कुंदन कुमार, डीडीसी नालंदा

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