बिहारशरीफ : वर्ष 2015 में विधान सभा चुनाव होने हैं,ऐसे में नालंदा पुलिस अभी से विधि-व्यवस्था को ठोस बनाने का दावा करते आ रही है.एसपी के सरकारी कक्ष में पुलिस पदाधिकारियों से साथ आये दिन मंत्रणा का दौर भी चल रहा है,बावजूद इसके पिछले एक माह से जिले की विधि-व्यवस्था पर अपराधियों ने कब्जा जमा रखा है.जिले में अप्रिय घटनाओं की बाढ़ सी आ गयी है.सुरक्षा को लेकर पुलिस की बनायी रणनीति काम नहीं आ रही है.
राजगीर के ऐतिहासिक मलमास मेले के आयोजन के पूर्व की स्थिति को शांत करने का दावा करने वाली नालंदा पुलिस के होश तब उड़ गये थे,जब पिछले दिनों अज्ञात हथियारबंद अपराधियों ने जदयू नेता व राजगीर के पूर्व मेला ठेकेदार अवधेश सिंह की हत्या गोली मार कर दी थी.इस मामले में मृतक के पुत्र पंकज कुमार के बयान पर छह को नामजद आरोपित बनाया गया. पुलिस द्वारा अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गयी.
पुलिस उक्त घटनाक्रम का पटाक्षेप करने में जुटी ही थी कि इससे पहले जिले का नीरपुर गांव को उपद्रवियों ने रणक्षेत्र में तब्दील कर दिया. दो छात्रों की खाई में मिली लाश के बाद आक्रोशित भीड़ ने डीपीएस नामक एक निजी आवासीय स्कूल में आग लगाते हुए वहां के संचालक देवनंदन प्रसाद सिंह उर्फ देवेंद्र प्रसाद सिंह की हत्या लाठियों से पीट-पीट कर दी.
इस घटना के विरोध में सोमवार को हिलसा बाजार पूरी तरह गरम रहा. डायरेक्टर की हत्या से नाराज वहां के लोगों ने रोष प्रदर्शन करते हुए पूरी यातायात व्यवस्था को चरमरा दिया,हालांकि डीआइजी शालीन ने टेलीफोन पर दावा किया है कि नालंदा के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के अथक प्रयास के बाद हिलसा में एक बार फिर से विधि-व्यवस्था सामान्य हो गयी है.डीआइजी स्वयं हिलसा में कैंप किये हुए हैं.
उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में जितनी भी चर्चित घटनाएं जिले में घटी है,सबों की उच्चस्तरीय जांच करायी जा रही है,भीड़ में हिंसक रूप अख्तियार करने वालों की पहचान को लेकर पुलिस अपने स्तर से कार्रवाई कर रही है.डायरेक्टर हत्याकांड की जांच पुलिस कर रही है,दोषियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के आदेश जारी कर दिये गये हैं .नालंदा के पुलिस अधीक्षक डॉ सिद्धार्थ को इस बाबत आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं. पुलिस निकट भविष्य में सभी आरोपितों की गिरफ्तारी कर उनके खिलाफ विधि-संगत कार्रवाई करेगी.
.. तो नाम का है,नालंदा पुलिस का खुफिया विंग और क्यू आरटी ! :
ऐसी बड़ी घटनाओं के बाद नालंदा पुलिस का खुफिया विंग और क्यूआरटी के क्रियाकलापों पर संदेह उत्पन्न हो गया है.पुलिस सूत्रों के अनुसार नालंदा पुलिस का खुफिया विंग जिले के हरेक गतिविधियों पर ध्यान रखने को लेकर बनाया गया है.खुफिया विंग का काम है कि जिस स्थान की स्थिति अनियंत्रित हुई है.
वहां की पूरी जानकारी ठोस तरीके से जिले के वरीय अधिकारियों तक पहुंचाये,इसके अलावे क्यूआरटी का गठन अनहोनी की आशंका के बाद क्षेत्र में तैनात किया जाता है.राजगीर मलमास मेले के लिए दो क्यूआरटी को लगाने की बात नालंदा पुलिस द्वारा कही गयी थी.