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चतुर्थवर्गीय व अन्य कर्मी कर रहे ड्रेसर का कार्य

49 सृजित पदों के विरुद्ध उपलब्ध हैं केवल तीन ड्रेसर न सिर्फ सदर अस्पताल बल्कि रेफरल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों पर ड्रेसरों का टोटा बना है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ें को खंगालें तो जिले के छोटे एवं बड़े अस्पतालों में ड्रेसरों के सृजित कुल 49 पदों में से 46 खाली पड़े […]

49 सृजित पदों के विरुद्ध उपलब्ध हैं केवल तीन ड्रेसर
न सिर्फ सदर अस्पताल बल्कि रेफरल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों पर ड्रेसरों का टोटा बना है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ें को खंगालें तो जिले के छोटे एवं बड़े अस्पतालों में ड्रेसरों के सृजित कुल 49 पदों में से 46 खाली पड़े हैं. इस हिसाब से सिर्फ तीन पद पर ही आज की तारीख में ड्रेसर काम कर रहे हैं.
ऐसी स्थिति में कई अस्पतालों में चतुर्थ वर्गीय कर्मियों के सहारे मरीजें की मरहम-पट्टी हो रही है. ड्रेसरों के इन पदों पर पिछले पंद्रह वर्षो से नियुक्ति नहीं हुई है. ऐसी स्थिति में प्रतिदिन अस्पताल पहुंच रहे मरीजों की परेशानी स्वाभाविक है.
बिहारशरीफ : जिले के सरकारी अस्पतालों में ड्रेसरों के 46 फीसदी पद खाली पड़े हैं. यह स्थिति पिछले पंद्रह वर्षो से जस की तस बनी है. नतीजतन अस्पतालों में मरहम – पट्टी का काम जुगाड़ के सहारे चल रहा है. ऐसे में मरीजों की परेशानी स्वाभाविक है.
जिले के सबसे बड़े अस्पताल यानी सदर अस्पताल भी इस समस्या से अछूता नहीं है. इस अस्पताल में ड्रेसरों के लिए कुल चार पद सृजित हैं लेकिन यहां सिर्फ एक ही कार्यरत हैं.
विभागीय सूत्रों के मुताबिक पहले सदर अस्पताल में कुल 160 बेड उपलब्ध थे, लेकिन वर्धमान मेडिकल कॉलेज,पावापुरी के खुल जाने के बाद इस अस्पताल में बेडों की कुल संख्या 300 हो गयी है. मजे की बात यह है कि अब इस अस्पताल में ऑपरेशन थियेटरों सहित वार्डो की संख्या में भी पहले की तुलना में वृद्धि की गयी है.
सदर अस्पताल में फिलहाल चार ऑपरेशन थियेटर व एक ड्रेसिंग कक्ष उपलब्ध है. इस हिसाब से अगर देखा जाय तो यहां कम से कम ड्रेसरों के सोलह पद सृजित होनी चाहिए . जिले के अस्पतालों में ड्रेसरों का टोटा इस कदर है कि अस्पताल के कई चतुर्थ कर्मियों के सहारे मरीजों की मरहम-पट्टी यानी ड्रेसिंग का काम चल रहा है.
जिला स्वास्थ्य विभाग से उपलब्ध ड्रेसरों के आंकड़े को खंगालें तो जिले के कतरीसराय व सिलाव पीएचसी एवं सदर अस्पताल में एक – एक ड्रेसर काम कर रहे हैं. यानी शेष प्रखंडों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सृजित पद के विरूद्व एक भी ड्रेसर उपलब्ध नहीं हैं. ड्रेसरों के आंकड़े पर सरसरी निगाह डालें तो जिले के कुल 22 पीएचसी सहित अनुमंडल व सदर अस्पताल में ड्रेसरों के कुल 24 पद सृजित हैं. इसमें से तीन पद पर ड्रेसर कार्यरत हैं, जबकि शेष यानी कुल 21 पद रिक्त पड़े हैं.
अगर इस आंकड़े में जिले के विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे कुल 25 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वीकृत ड्रेसरों के पद को जोड़ दें तो स्वास्थ्य विभाग, नालंदा में सृजित पदों की कुल संख्या 49 हैं. इसमें से सिर्फ तीन पद ही ड्रेसर उपलब्ध हैं. यानी शेष कुल 46 पद रिक्त पड़े हैं. मतलब साफ है कि जिले के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ड्रेसरों का टोटा है.
उपलब्ध ड्रेसरों का आंकड़ा
क्रम सं0 – अस्पताल – स्वीकृत पद – कार्यरत – रिक्त
01. सदर अस्पताल, बिहारशरीफ – 04 – 01 – 03
02. अनुमंडल अस्पताल, हिलसा – 01 – 00 – 01
03. रेफरल अस्पताल,राजगीर – 01- 00 – 01
04. रेफरल अस्पताल, इस्लामपुर – 01- 00-01
05. रेफरल अस्पताल, अस्थावां – 01-00-01
06. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सरमेरा – 01-00-01
07. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, रहुई -01-00-01
08. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, एकंगरसराय -01-00-01
09. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, चंडी -01-00-01
10. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, हिलसा-00-00-00
11. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, हरनौत – 01-00-01
12. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अस्थावां -00-00-00
13. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नूरसराय -01-00-01
14. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, गिरियक -01-00-01
15. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बिंद -01-00-01
16. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कतरीसराय -01-01-00
17. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बेन – 01-00-01
18. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सिलाव -01-01-00
19. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, परबलपुर -01-00-01
20. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, करायपरशुराय -01-00-01
21. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, थरथरी -01-00-01
22. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नगरनौसा-01-00-01

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