बिहारशरीफ : शहर में कचरा संग्रहण व उठाव प्रक्रिया को दुरुस्त किया जायेगा. शहर में जगह-जगह कचरा डंपिंग प्वाइंट्स बनाये जायेंगे. इन डंपिंग प्वाइंट्स को शेड बनाकर ढंका जायेगा. शहर के बाहर लैंड फिल साइट पर कचरे के प्रोसेसिंग के लिए साइट बनाया जायेगा. सोमवार को नगर निगम बोर्ड की हुई अनौपचारिक बैठक में प्रेजेंटेशन के माध्यम से वार्ड पार्षदों को दूसरे शहरों में प्रयोग की जा रही तकनीक एवं प्रक्रिया की जानकारी दी गयी.
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बैठक : शहर में बनेंगे कचरा डंपिंग प्वाइंट्स
बिहारशरीफ : शहर में कचरा संग्रहण व उठाव प्रक्रिया को दुरुस्त किया जायेगा. शहर में जगह-जगह कचरा डंपिंग प्वाइंट्स बनाये जायेंगे. इन डंपिंग प्वाइंट्स को शेड बनाकर ढंका जायेगा. शहर के बाहर लैंड फिल साइट पर कचरे के प्रोसेसिंग के लिए साइट बनाया जायेगा. सोमवार को नगर निगम बोर्ड की हुई अनौपचारिक बैठक में प्रेजेंटेशन […]
बताया गया कि देश के दूसरे शहरों में प्रत्येक वार्ड में उच्च डंपिंग प्वाइंट्स बने हैं, जहां सफाई का कचरा रखा जाता है और वहीं डोर-टू-डोर कलेक्शन का कचरा भी एकत्रित किया जाता है. वहां से टीपर के माध्यम से कचरा उठाकर शहर के बाहर ले जाया जाता है. बैठक में वार्ड पार्षदों ने स्मार्ट सिटी कंसल्टेंट से गत एक वर्ष की प्रगति की जानकारी मांगी. नगर आयुक्त ने बताया कि स्मार्ट सिटी कंपनी शून्य से प्रारंभ हुई.
कंपनी स्मार्ट सिटी के बड़े प्रोजेक्ट के लिए निविदा, डिजाइन और प्राक्कलन तैयार रहती है. निविदा की सक्षम अभियंता से तकनीकी स्वीकृति ली जाती है. बोर्ड ऑफ डायरेक्टर से प्रशासनिक स्वीकृति के बाद निविदा की जाती है. इस प्रक्रिया के पूर्ण होने में चार से पांच माह लगते हैं. 25 लाख से ऊपर की योजना की स्वीकृति मुख्य अभियंता के स्तर से होती है.
बिहारशरीफ में मुख्य अभियंता न होने की वजह से तकनीकी स्वीकृति के लिए बुडको के पास भेजा जाता है, इस कारण थोड़ा विलंब होता है. उन्होंने बताया कि बिहारशरीफ में जन सुविधा केंद्र, पांच तालाबों का सौंदर्यीकरण, रूफ टॉप सोलर प्लांट, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, मुख्य मार्गों पर पेवर ब्लॉक आदि योजनाओं की निविदा प्रक्रिया पूर्ण होकर एग्रीमेंट की कार्रवाई की जा रही है.
बरसात समाप्त होते ही कार्य प्रारंभ हो जायेगा. अन्य योजनाओं की निविदा की प्रक्रिया चल रही है. बैठक में नगर आयुक्त, महापौर, सभी उप नगर आयुक्त, सिटी मैनेजर, वार्ड पार्षद आदि मौजूद थे. इसके बाद एक-एक कर शहर की अनेक समस्याओं पर चर्चा के लिए बैठक हुई. नगर आयुक्त ने बताया कि शहर में 7200 लाइटें लगायी गयी हैं. जलापूर्ति का कार्य चल रहा है. अतिक्रमण हटाने एवं प्लास्टिक बैन के लिए फोर्स की कमी के कारण कार्य प्रभावित हो रहा है. इन कार्यों के लिए फोर्स की मांग की गयी है. खंदकपर रोड की मरम्मत के लिए एनएच को पत्र लिखा गया है.
मछली मंडी बनाने के लिए दो बार निविदा निकाली गयी है, मगर किसी संवेदक ने निविदा नहीं भरी. तीसरी बार फिर से निविदा निकाली गयी है. इस बार भी कोई संवेदक द्वारा निविदा नहीं भरने पर इस कार्य को विभागीय किया जायेगा. मछली मंडी से जीवन ज्योति हॉस्पिटल तक रोड जर्जर हाल में है, मगर हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में इसकी मरम्मत नहीं की जा सकती. शहर के 137 स्टैंड पोस्ट की मरम्मत और रंग-रोगन का कार्य किया जा रहा है.
वार्ड पार्षदों ने कहा कि शहर में अगले पांच-छह वर्षों में अनेक संरचनाएं तो बना दी जायेंगी, मगर जब तक लोगों में जागरूकता नहीं आयेगी, स्थिति में सुधार करने में बहुत कठिनाई होगी. आज भी लोग सड़कों पर कचरा फेंक रहे हैं. शहर के तीन लाख लोगों के कचरे को 500 कर्मियों से साफ करना संभव नहीं है. इसके लिए शहर में जागरूकता अभियान चलाना आवश्यक है.
जलापूर्ति के कार्य के बाद प्रत्येक 10 फुट से अधिक चौड़ी सड़क का कालीकरण कर दिया जाये और सड़क के बचे हुए हिस्से में पेवर ब्लॉक लगा दिया जाये. चूना-ब्लीचिंग का छिड़काव निरंतर किया जाये और रविवार को भी सफाई की वैकल्पिक व्यवस्था की जाये. सरकारी तालाबों को अतिक्रमणमुक्त कर उड़ाही कार्य शीघ्र किया जाये.
जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, म्यूटेशन आदि की समय सीमा दरसाने वाले बैनर-पोस्टर चौक-चौराहों पर लगाये जाएं.
लाइट, पानी आदि की समस्या बताने के लिए कंट्रोल रूम का नंबर भी चौक-चौराहों पर लगाये जाएं.
सर्वे कराकर सफाई कर्मियों के लिए आवास की व्यवस्था का प्रस्ताव नगर
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