बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के प्रथम त्वरित न्यायाधीश रामप्रताप अस्थाना ने 18 वर्ष पुराने लंबित हत्या के मामले में गत 18 अप्रैल को दोषी करार किये गये सात आरोपितों रवींद्र, विजेंद्र, राजो, सोनेलाल, श्रीराम, राम लगन एवं इंद्रदेव पासवान को आजीवन कारावास की सजा दी. इसके अलावा सभी आरोपितों को 25-25 हजार रुपये जुर्माना, जो अदा न करने पर तीन वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
मामले के दो आरोपितों जगदीश व पप्पू पासवान की पूर्व में ही मृत्यु हो चुकी है, जबकि गोली मारने वाला मुख्य आरोपित हरिहर पासवान अब तक फरार है. अभियोजन पक्ष से एपीपी सुनील कुमार सिन्हा ने बहस व 06 साक्षियों का परीक्षण किया था. उन्होंने बताया कि सभी आरोपित व मृतक रामेश्वर पासवान मानपुर थाना क्षेत्र के तिउरी ग्रामवासी हैं. मृतक के पुत्र सह मामले के सूचक रामप्रवेश पासवान के फर्द बयान पर मानपुर थाना क्षेत्र के तहत आरोप दर्ज किया गया था.
चुनावी रंजिश में घटना को 19 अप्रैल, 2001 को आरोपितों द्वारा अंजाम दिया गया था, जबकि सूचक व आरोपित इंद्रदेव पासवान पंचायत समिति सदस्य के चुनाव में एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी थे. आरोपितों ने सूचक को चुनाव से उम्मीदवारी वापस लेने को कहा था,अन्यथा परिणाम भुगतने की धमकी दी थी. घटना के दिन सूचक के पिता मृतक अपने घर से थोड़ी दूरी पर स्थित पुराने घर में जानवर बांधने जा रहे थे. रास्ते में पड़ने वाले वृक्ष के नजदीक हरवे-हथियार से लैस आरोपितों ने हरिहर पासवान के गाल में सटाकर गोली मार दी, जिससे तत्काल उनकी मौत हो गयी थी.