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हाइकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई

मामला 2006 से अब तक शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़े का बिहारशरीफ/ वेन : जिले के वेन प्रखंड में शिक्षक नियोजन में हुए फर्जीवाड़े ने शिक्षा विभाग को हिला कर रख दिया है. शिक्षकों की नौकरी जायेगी ही जायेगी, इसमें कई मुखियों की संलिप्ता भी उजागर हो गयी है और उनके चेहरे बेनकाब हो गये हैं. […]

मामला 2006 से अब तक शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़े का

बिहारशरीफ/ वेन : जिले के वेन प्रखंड में शिक्षक नियोजन में हुए फर्जीवाड़े ने शिक्षा विभाग को हिला कर रख दिया है. शिक्षकों की नौकरी जायेगी ही जायेगी, इसमें कई मुखियों की संलिप्ता भी उजागर हो गयी है और उनके चेहरे बेनकाब हो गये हैं. शिक्षक नियोजन के ऐसे ही फर्जीवाड़े के मामले में वेन प्रखंड अंतर्गत मैजरा पंचायत के तीन मुखिया सहित पांच पंचायत सचिवों को जेल की हवा खानी पड़ेगी.
प्रेमलता कुमारी बनाम राज्य सरकार एवं अन्य के मामले में पटना उच्च न्यायालय द्वारा 30 अगस्त 2017 को पारित आदेश के आलोक में तथा जिला पदाधिकारी नालंदा के निर्देशानुसार वेन प्रखंड के बीडीओ द्वारा 2006 से अब तक रहे सभी मुखिया तथा पंचायत सचिवों पर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. सभी आरोपित पुलिस से बचने की फिराक में भागे फिर रहे हैं. वेन प्रखंड में वर्ष 2006 में नियुक्त किये गये पंचायत शिक्षकों में भी हाइकोर्ट की कार्रवाई के बाद खलबली मची हुई है.
गलत तरीकों तथा फर्जी प्रमाणपत्रों पर बहाल हुए ऐसे तमाम नियोजित शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गयी है. ऐसे नियोजित शिक्षक भी जल्द ही पकड़ में आने वाले हैं, जिन्होंने पैरवी तथा पैसे के बल पर गलत ढंग से नियोजन पाया था. अभ्यर्थी प्रेमलता कुमारी द्वारा पटना उच्च न्यायालय में दायर याचिका पर न्यायालय द्वारा स्पष्ट रूप से जिला शिक्षा कार्यालय के डीपीओ स्थापना को पंचायत सचिवों को निलंबित करने का आदेश भी दिया गया है. इनमें से मैजरा पंचायत के तत्कालिक पंचायत सचिव व रहुई प्रखंड में पुनर्नियोजित पंचायत सचिव राजेंद्र प्रसाद को निलंबित कर दिया गया है. ताज्जुब तो इस बात की है कि न्यायालय के बार-बार की नोटिस के बावजूद नियोजन इकाई द्वारा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया. .शिक्षक नियोजन 2006 में वेन प्रखंड में मैजरा पंचायत में नियोजन इकाई द्वारा भारी गड़बड़ी किये जाने का आरोप आवेदिका द्वारा लगाया गया था. तात्कालिक मुखिया उमाकांत सिन्हा, पति विजय पासवान तथा पंचायत सचिव राजेंद्र प्रसाद पर मेधासूची, आवेदन पत्रों तथा अन्य दस्तेवाजों में हेराफेरी कर मनचाहे लोगों को नियोजित करने का आरोप लगाया गया था. नियोजित होने वाले शिक्षकों में से कईयों के प्रमाणपत्रों को भी फर्जी बताया जा रहा है. हालांकि वेन प्रखंड के मैजरा सहित दूसरे पंचायतों में भी अनियमितता के मामले सामने आते रहें है. बल्कि 2006 के नियोजन प्रक्रिया में कई वर्ष बाद भी कई लोगों को गलत ढंग से नियोजित करने की बात कही जा रही है. नियोजन इकाई द्वारा फर्जीवाड़ा कर कम योग्यता वाले अभ्यर्थियों को भी शिक्षक बना दिया गया.
शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़े का खुलासा
शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़े के मामले कई प्रखंडों से समय-समय पर सामने आते रहे हैं तथा कई शिक्षकों का नियोजन रद्द भी किया गया है. इनमें राजगीर प्रखंड, गिरियक, वेन ,थरथरी, हरनौत, बिंद, अस्थावां आदि प्रखंडों में कई नियोजित शिक्षक फर्जीवाड़े में पकड़े जा चुके हैं. यह पहला मामला है जिसमें पूरे नियोजन इकाई को ही दोषी पाया गया है. हालांकि निगरानी द्वारा लगभग डेढ़ वर्षों से फर्जी शिक्षकों को ढूंढा जा रहा है, लेकिन आज तक एक भी शिक्षक पकड़े नहीं गये है. दूसरी ओर विभिन्न कारणों से दर्जनों फर्जी शिक्षक सामने आ चुके हैं. डायट नूरसराय ने भी प्रशिक्षण के लिए आये ऐसे 84 शिक्षकों पर अंगुली उठायी गयी. जिनके नाम, प्राप्तांक,पिता, पति का नाम आदि में भिन्नता पायी गयी थी. हालांकि मामले को दबा दिया गया है.
इन मुखिया व पंचायत सचिवों पर हुई प्राथमिकी दर्ज
मुखिया पंचायत सचिव
उमाकांत सिन्हा राजेंद्र शर्मा
किरण देवी राजेंद्र प्रसाद
टुन्नी कुमार ब्रजभूषण पाण्डेय
दिनेश त्रिवेदी
शिवकुमार प्रसाद
क्या कहते हैं अधिकारी
उच्च न्यायालय के आदेशानुसार मैजरा पंचायत में 2006 से कार्यरत पंचायत सचिवों तथा मुखियों पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. गिरफ्तारी के बाद ही सारा मामला सामने आ सकता है.
अरिंजय कुमार, डीपीओ, नालंदा

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