बिहारशरीफ : नगर निगम बनने के दस साल बीत जाने के बाद भी कई ऐसे बुनियादी मसले हैं जिससे निजात लोगों को नहीं मिल पा रही है. इसमें सबसे ज्वलंत शहर में नित्य लगने वाला जाम की समस्या है. बिहारशरीफ शहर की जो भौगोलिक स्थिति है उसके अनुसार जाम से निजात के लिये प्रशासनिक स्तर पर प्रयास नहीं किये जाने से शहर के लोगों को हर दिन भारी परेशानी होती है. सुबह, दोपहर हो या शाम शहर के पुलपर,भरावपर, आलमगंज, रामचंद्रपुर, देवीसराय मोड़ पर
जाम से रू-ब-रू होना आम बात है. स्मार्ट सिटी का सपना संजाये लोगों को कहना है कि शहर के कई स्थलों पर जो टर्निग डिवाइडर दिया गया उससे लोगों की मुश्किल और ज्यादा हो गयी है. जैसे भरावपर चौराहों से वाहनों को टर्न कराये जाने के स्थान पर कम गैप वाले स्थानों से वाहनों को टर्न कराया जाता है. इसी प्रकार अस्पताल चौक के गोलंबर के स्थान पर बिजली ऑफिस के गेट के पास से वाहनों को टर्न कराया जाता है. इन दोनों स्थलों पर वाहनों को टर्न के लिये जगह कम होने के कारण आये दिन वाहनों का टकराव होता रहता है. लोगों का कहना है कि इस तरह की व्यवस्था होने से जाम की समस्या दूर होने के स्थान और बढ़ गयी है.
लोगों का कहना है बातें तो खूब की जाती हैं लेकिन सार्थक पहल नहीं की जाती है. शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिलाये जाने के लिये कई साल से प्रयास जारी है. स्मार्ट सिटी का सपना दिखाया जा रहा है, लेकिन छोटी-छोटी समस्याएं जस की तस बनी है. स्थानीय स्तर से हल होने वाली समस्याओं को भी नजरअंदाज किया जा रहा है. शहर में वाहनों से आवागमन करना कष्टदायक करने में ऑटो चालक अहम रोल अदा कर रहे हैं. चालकों के द्वारा स्पीड से वाहन तो चलाये जाते ही हैं साथ ही बीच सड़क पर ही
वाहनों की पाॅर्किग करना आम बात है. ऑटो चालकों के द्वारा यातायात नियमों का भी अक्षरश: पालन नहीं किया जाता है. शहर में ऑटो परिचालन को व्यवस्थित करने के लिये अधिकारी के द्वारा ड्रेस कोड ट्रैफिक नियमों का पालन करने की बात बहुत पहले की गयी थी. लेकिन वह आज तक लागू नहीं किया जा सका है.