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चार कमरे में पढ़ते हैं 1040 छात्र

आरोप हाइस्कूल में बुनियादी सुविधाओं की कमी, हो रही परेशानी नालंदा : रास बिहारी हाइस्कूल नालंदा की हालत जर्जर है. इस स्कूल में नामांकित 1040 बच्चों को पढ़ाने के लिए केवल चार कमरे हैं. इस कमरे का निर्माण सम विकास योजना से कराया गया था. इस स्कूल का मुख्य भवन ध्वस्त हो गया. फलस्वरूप वह […]

आरोप हाइस्कूल में बुनियादी सुविधाओं की कमी, हो रही परेशानी

नालंदा : रास बिहारी हाइस्कूल नालंदा की हालत जर्जर है. इस स्कूल में नामांकित 1040 बच्चों को पढ़ाने के लिए केवल चार कमरे हैं. इस कमरे का निर्माण सम विकास योजना से कराया गया था. इस स्कूल का मुख्य भवन ध्वस्त हो गया. फलस्वरूप वह पढ़ाई के योग्य नहीं है. ध्वस्त होने के दशकों बाद भी इस भवन को बनाने का प्रयास नहीं किया जा रहा है. इस विद्यालय में कुल तीन चापाकल है. इनमें एक चालू और दो खराब है. विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रमोदानंद झा ने बताया कि सेकेंडरी स्कूल के नौवीं कक्षा में 537 और दसवीं कक्षा में 503 छात्र-छात्राओं का नामांकन है. स्कूल में हेडमास्टर का पद रिक्त है.
यहां शिक्षकों के 13 स्वीकृत पद के विरुद्ध 16 शिक्षक पदस्थापित है. इस स्कूल में अंगरेजी के शिक्षक नहीं हैं. इस स्कूल में व्यावसायिक कोर्स की पढ़ाई होती है. यहां कृषि विभाग में 31 और मेडिकल लैब टेक्नीशियन में 21 छात्र नामांकित हैं. व्यावसायिक शिक्षा में अनुदेशक के तीन पद स्वीकृत हैं. इसके विरुद्ध एक अनुदेशक पदस्थापित है. इसी प्रकार प्रयोगशाला सहायक के तीन पद सृजित है. इसके विरुद्ध दो पदस्थापित है. रास बिहारी हाइस्कूल में सीनियर सेकेंडरी शिक्षा की भी व्यवस्था है.
सीनियर सेकेंडरी में यहां 278 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं. इन्हें पढ़ाने के लिए आठ शिक्षक पदस्थापित हैं. सीनियर सेकेंडरी में गणित, हिंदी और अंगरेजी के शिक्षक का पद रिक्त है. प्रभारी हेड मास्टर प्रमोदानंद झा बताते हैं कि इस स्कूल में छात्रों व शिक्षकों की कमी नहीं है. कमी है तो केवल क्लास रूम की. वह बताते हैं कि स्कूल के पूरब और उत्तर दिशा में चहारदीवारी नहीं है, जिसके कारण विद्यालय असुरक्षित है. उन्होंने बताया कि इस विद्यालय में एक हॉस्टल भवन था जिसका वर्तमान में केवल ढांचा बचा है.
विद्यालय के पूर्व हेडमास्टरों ने स्कूल के ध्वस्त बिल्डिंग को बनाने के लिए उच्चाधिकारियों के पास कई बार पत्राचार किया है. लेकिन नतीजा शून्य से अधिक नहीं निकला है. वह कहते हैं कि छात्र हित में ध्वस्त बिल्डिंग का निर्माण जरूरी है. प्रभारी हेड मास्टर के अनुसार सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बिल्डिंग में नौवीं और दसवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को किसी तरह पढ़ाया जा रहा है.
बोले अधिकारी :
” विद्यालय में भवन की कमी को दूर किया जायेगा. जर्जर भवनों की पहचान कर उसे तोड़ा जायेगा और उस स्थल पर नये भवन का निर्माण कराया जायेगा. फिलहाल इसके कंस्ट्रक्शन के लिए प्राक्लन तैयार नहीं किया गया है . विभाग इस मामले में गंभीर है.”
– डॉक्टर विमल ठाकुर, जिला शिक्षा पदाधिकारी, नालंदा
बोले अधिकारी :
” विद्यालय में भवन की कमी को दूर किया जायेगा. जर्जर भवनों को तोड़ कर नये भवन का निर्माण कराया जायेगा. फिलहाल इसके कंस्ट्रक्शन के लिए प्राक्लन तैयार नहीं किया गया है . विभाग इस मामले में गंभीर है.”
– डॉक्टर विमल ठाकुर, जिला शिक्षा पदाधिकारी, नालंदा

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